लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली उपभोक्ताओं को जहां राहत दी है तो वहीं बिजली विभाग को तगड़ा झटका दिया है. दरअसल, नियामक आयोग ने अब सात दिन के अंदर कनेक्शन न देने पर बिजली विभाग को उपभोक्ता को मुआवजा देने का प्रावधान कर दिया है. सात दिन तक अगर विभाग आवेदक के घर पर कनेक्शन नहीं लगा पाता है तो हर दिन के हिसाब से बिजली विभाग उपभोक्ता को 250 रुपये मुआवजे के तौर पर देगा.
अब हर हाल में विभाग को 7 दिन के अंदर आवेदक को कनेक्शन देना होगा नहीं तो इसके बदले हर दिन के 250 रुपये के हिसाब से बिजली कंपनी पर मुआवजे वसूल करने का आवेदक हकदार होगा. आयोग ने स्टैंडर्ड ऑफ परफार्मेंस रेगुलेशन 2019 में इस मुआवजे का प्रावधान किया है. इस रेगुलेशन के तहत ऐसे स्थान पर जहां पूरा सिस्टम (तय दूरी पर पोल, लाइन और ट्रांसफॉर्मर) मौजूद है, वहां पर कनेक्शन के लिए आवेदन करने के 7 दिन के भीतर विभाग को कनेक्शन देना होगा. अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो बिजली कंपनी से 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से उपभोक्ता वसूल कर सकता है.
पढ़ें- किसान जन जागरण अभियान के लिए प्रियंका का 23 फरवरी का यूपी दौरा टला
आयोग ने कंज्यूमर सर्विसेज के तहत काम के दिन भी निर्धारित कर दिए हैं. इनमें मकान एवं दुकान के बिकने पर स्वामित्व स्थानांतरण, जले मीटर, मीटर तेज चलने, बिजली का लोड घटाने-बढ़ाने, लाइन शिफ्ट करने और गलत बिल का रिवीजन शामिल है. तेज चलने वाले मीटर को तभी बदला जाएगा. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने स्वामित्व स्थानांतरण के लिए 3 दिन, जले मीटर को बदलने के लिए 3 दिन, लोड घटाने बढ़ाने के 30 दिन, खराब मीटर बदलने के लिए 15 दिन, बिजली लाइन शिफ्ट करने के लिए 7 दिन और बिल संशोधन के लिए 30 दिन निर्धारित किए हैं.