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स्वीकृत परियोजनाओं की लागत में प्रदेश की हिस्सेदारी चार गुना बढ़ी, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े - स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत

आरबीआई की बुलेटिन रिपोर्ट के अनुसार, यूपी को बैंकों व वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत हिस्सेदारी में एक बार फिर सभी राज्यों से आगे रहा है.

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Published : Aug 21, 2023, 6:57 PM IST

Updated : Aug 21, 2023, 7:13 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2020 के बाद से वित्तीय संस्थानों और बैंकों द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं की हिस्सेदारी के मामले में उत्तर प्रदेश में चार गुना से अधिक की बढ़ोतरी की है. उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि निवेशकों के साथ ही वित्तीय संस्थाओं का भी उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज पर विश्वास बढ़ा है और लगातार निवेशकों की सहूलियत और उन्हें मिल रही सुविधाओं के मद्देनजर उत्तर प्रदेश विकास की राह पर अग्रसर हुआ है. इसके चलते ही वित्तीय संस्थाओं द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं की हिस्सेदारी के मामले में उत्तर प्रदेश में चार गुना से अधिक की बढ़ोतरी की है जो अपने आप में विकास के पैटर्न को बदलने के रूप में देखा जा रहा है. इसका खुलासा आरबीआई की जारी बुलेटिन रिपोर्ट में हुआ है. जिसमें कहा गया है कि वित्तीय संस्थाओं द्वारा अनुमोदित प्रोजेक्ट की हिस्सेदारी में उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की है.


उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी की बात करें तो 2020-21 में औसत 4.4% से बढ़कर 2022-23 में 16.2% हो गई है, जोकि सबसे अधिक है. आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश को बैंकिंग क्षेत्र से लगातार समर्थन मिल रहा है, जिससे निवेशकों और परियोजनाओं से लगातार निवेश सुनिश्चित हो रहा है. यूपी ने अपनी हिस्सेदारी में 15 गुना वृद्धि दर्ज की है. 2013-14 में केवल 1.1% से, 2022-23 में 16.2% तक की हिस्सेदारी बढ़ी है. इस बढ़ी हुई हिस्सेदारी ने महाराष्ट्र को काफी पीछे धकेल दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में यूपी के बाद गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र व कर्नाटक का स्थान है.
बुलेटिन में सामने आये आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन पर न सिर्फ देश और दुनिया भर के निवेशकों को भरोसा है, बल्कि सभी राष्ट्रीय बैंक और वित्तीय संस्थाओं को भी उनके संकल्प पर पूर्ण विश्वास है और हर गुजरते साल के साथ यह भरोसा और मजबूत होता जा रहा है. आरबीआई के इस बुलेटिन रिपोर्ट के अनुसार, यूपी को बैंकों व वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत हिस्सेदारी में एक बार फिर सभी राज्यों से आगे रहा है.

यह काम हुए तो बदली स्थिति : 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी के साथ ही उद्योगों की स्थापना के लिए जो इकनॉमिक रिफॉर्म्स का दौर शुरू किया है वो आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में साफ परिलक्षित हो रहा है. 2013-14 से 2020-21 की अवधि में हिस्सेदारी का औसत प्रतिशत 4.4 रहा था. विगत दो वित्तीय वर्ष में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत हिस्सेदारी में अभूतपूर्व सुधार हुआ है. 2021-22 में बैंकों व वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 12.8 प्रतिशत रही थी, जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे बेहतर थी. उत्तर प्रदेश इस मामले में नंबर वन पर था. उसके बाद 2021-22 से 2022-23 के बीच महज एक वर्ष में इस हिस्सेदारी में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है. 2013-14 से 2020-21 के बाद इन 2 वर्षों में बैंकों द्वारा परियोजनाओं की लागत में यूपी की हिस्सेदारी में 11.8 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. विशेषज्ञ इसे सीएम योगी के सुशासन और आर्थिक मामलों के प्रति उनकी दूरदृष्टि को इंगित करते हैं. वहीं, अन्य राज्यों में यह हिस्सेदारी की वृद्धि अनियमित है. किसी राज्य में अचानक एक वर्ष में वृद्धि हुई तो कहीं 2013-14 से 2020-21 के मध्य और 2021-22 व 2022-23 में इसके आंकड़ों में काफी उतार-चढ़ाव आया. कुछ राज्यों में तो वृद्धि की बजाय गिरावट भी दर्ज की गई है.


गुजरात में जो हिस्सेदारी 2013-14 से 2020-21 के बीच औसत 14.3 प्रतिशत थी वो 2022-23 में 14 पर है. यानी 0.3 प्रतिशत कम रही. ओडिशा में 2013-14 से 2020-21 के बीच जो हिस्सेदारी औसतन 4.5 प्रतिशत थी वो 2021-22 में लुढ़कर 2.2 प्रतिशत पर पहुंच गई. 2022-23 में इसमें अचानक वृद्धि हुई और यह 11.8 प्रतिशत पर आ गई. इसी प्रकार महाराष्ट्र में यह 2013-14 से 2020-21 के बीच औसतन 13 प्रतिशत से 2021-22 में 9.7 और 2022-23 में 7.9 प्रतिशत पर पहुंच गई है तो कर्नाटक में 2013-14 से 2020-21 के बीच औसतन 8.5 प्रतिशत से 2021-22 में 6.9 और 2022-23 में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है. इसी प्रकार अन्य राज्यों में हिस्सेदारी का प्रतिशत 2013-14 से 2020-21 के बीच औसतन 9.4 से लुढ़ककर 2021-22 में 4 और 2022-23 में 5.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

यह भी पढ़ें : दुश्मनों के बंकरों को पल में ही तहस-नहस कर देगा नैनो रोबो टैंक, जानिए क्या है खासियत

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2020 के बाद से वित्तीय संस्थानों और बैंकों द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं की हिस्सेदारी के मामले में उत्तर प्रदेश में चार गुना से अधिक की बढ़ोतरी की है. उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि निवेशकों के साथ ही वित्तीय संस्थाओं का भी उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज पर विश्वास बढ़ा है और लगातार निवेशकों की सहूलियत और उन्हें मिल रही सुविधाओं के मद्देनजर उत्तर प्रदेश विकास की राह पर अग्रसर हुआ है. इसके चलते ही वित्तीय संस्थाओं द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं की हिस्सेदारी के मामले में उत्तर प्रदेश में चार गुना से अधिक की बढ़ोतरी की है जो अपने आप में विकास के पैटर्न को बदलने के रूप में देखा जा रहा है. इसका खुलासा आरबीआई की जारी बुलेटिन रिपोर्ट में हुआ है. जिसमें कहा गया है कि वित्तीय संस्थाओं द्वारा अनुमोदित प्रोजेक्ट की हिस्सेदारी में उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की है.


उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी की बात करें तो 2020-21 में औसत 4.4% से बढ़कर 2022-23 में 16.2% हो गई है, जोकि सबसे अधिक है. आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश को बैंकिंग क्षेत्र से लगातार समर्थन मिल रहा है, जिससे निवेशकों और परियोजनाओं से लगातार निवेश सुनिश्चित हो रहा है. यूपी ने अपनी हिस्सेदारी में 15 गुना वृद्धि दर्ज की है. 2013-14 में केवल 1.1% से, 2022-23 में 16.2% तक की हिस्सेदारी बढ़ी है. इस बढ़ी हुई हिस्सेदारी ने महाराष्ट्र को काफी पीछे धकेल दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में यूपी के बाद गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र व कर्नाटक का स्थान है.
बुलेटिन में सामने आये आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन पर न सिर्फ देश और दुनिया भर के निवेशकों को भरोसा है, बल्कि सभी राष्ट्रीय बैंक और वित्तीय संस्थाओं को भी उनके संकल्प पर पूर्ण विश्वास है और हर गुजरते साल के साथ यह भरोसा और मजबूत होता जा रहा है. आरबीआई के इस बुलेटिन रिपोर्ट के अनुसार, यूपी को बैंकों व वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत हिस्सेदारी में एक बार फिर सभी राज्यों से आगे रहा है.

यह काम हुए तो बदली स्थिति : 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी के साथ ही उद्योगों की स्थापना के लिए जो इकनॉमिक रिफॉर्म्स का दौर शुरू किया है वो आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में साफ परिलक्षित हो रहा है. 2013-14 से 2020-21 की अवधि में हिस्सेदारी का औसत प्रतिशत 4.4 रहा था. विगत दो वित्तीय वर्ष में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत हिस्सेदारी में अभूतपूर्व सुधार हुआ है. 2021-22 में बैंकों व वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 12.8 प्रतिशत रही थी, जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे बेहतर थी. उत्तर प्रदेश इस मामले में नंबर वन पर था. उसके बाद 2021-22 से 2022-23 के बीच महज एक वर्ष में इस हिस्सेदारी में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है. 2013-14 से 2020-21 के बाद इन 2 वर्षों में बैंकों द्वारा परियोजनाओं की लागत में यूपी की हिस्सेदारी में 11.8 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. विशेषज्ञ इसे सीएम योगी के सुशासन और आर्थिक मामलों के प्रति उनकी दूरदृष्टि को इंगित करते हैं. वहीं, अन्य राज्यों में यह हिस्सेदारी की वृद्धि अनियमित है. किसी राज्य में अचानक एक वर्ष में वृद्धि हुई तो कहीं 2013-14 से 2020-21 के मध्य और 2021-22 व 2022-23 में इसके आंकड़ों में काफी उतार-चढ़ाव आया. कुछ राज्यों में तो वृद्धि की बजाय गिरावट भी दर्ज की गई है.


गुजरात में जो हिस्सेदारी 2013-14 से 2020-21 के बीच औसत 14.3 प्रतिशत थी वो 2022-23 में 14 पर है. यानी 0.3 प्रतिशत कम रही. ओडिशा में 2013-14 से 2020-21 के बीच जो हिस्सेदारी औसतन 4.5 प्रतिशत थी वो 2021-22 में लुढ़कर 2.2 प्रतिशत पर पहुंच गई. 2022-23 में इसमें अचानक वृद्धि हुई और यह 11.8 प्रतिशत पर आ गई. इसी प्रकार महाराष्ट्र में यह 2013-14 से 2020-21 के बीच औसतन 13 प्रतिशत से 2021-22 में 9.7 और 2022-23 में 7.9 प्रतिशत पर पहुंच गई है तो कर्नाटक में 2013-14 से 2020-21 के बीच औसतन 8.5 प्रतिशत से 2021-22 में 6.9 और 2022-23 में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है. इसी प्रकार अन्य राज्यों में हिस्सेदारी का प्रतिशत 2013-14 से 2020-21 के बीच औसतन 9.4 से लुढ़ककर 2021-22 में 4 और 2022-23 में 5.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

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Last Updated : Aug 21, 2023, 7:13 PM IST
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