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सावधान! यूपीएसआरटीसी की बसों से संभलकर करें सफर, इतनी हो चुकी हैं कंडम

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (upsrtc) ने विधानसभा के एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया है कि तकरीबन नौ हजार की फ्लीट में से 1700 से ज्यादा बसें नीलामी के लिए तैयार हैं. यानि रोडवेज की ये बसें कंडम हो चुकी हैं.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम
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Published : Sep 27, 2022, 5:36 PM IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (upsrtc) ने विधानसभा के एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया है कि तकरीबन नौ हजार की फ्लीट में से 1700 से ज्यादा बसें नीलामी के लिए तैयार हैं. यानि रोडवेज की ये बसें कंडम हो चुकी हैं. इन्हें बस बेड़े से बाहर करना है. ये बसें फ्लीट से हटेंगी तो रोडवेज की वास्तविक फ्लीट 7000 से कुछ ज्यादा की ही रह जाएगी. रोडवेज प्रशासन अभी भी इन कंडम बसों को भी सड़क पर दौड़ा रहा है. ये बसें यात्रियों की जान के लिए बड़ा खतरा हैं. लखनऊ में 63 ऐसी बसें हैं जो नीलामी वाली हैं, लेकिन इनमें से तमाम बसों से यात्रियों को ढोया जा रहा है. मुरादाबाद की तो कुल बसों की आधी फ्लीट ही नीलामी वाली हो गई है. यहां पर नीलामी वाली बसों की संख्या 200 है, जबकि कुल बसें 500 हैं. गाजियाबाद ही एक मात्र ऐसा रीजन है जहां पर 700 से ज्यादा बसों की फ्लीट है और सिर्फ एक ही बस नीलामी की हालत में है. यानी यहां पर यात्रियों का सफर रोडवेज बस से सुरक्षित है. बाकी बसों से यात्रियों को जान जाने का खतरा है.

इन रीजनों में इतनी बसें कंडम

रीजन निगम बसें नीलामी
आगरा 462 99

अलीगढ़ 568 148

अयोध्या 287 77

आजमगढ़ 376 80

बरेली 561 218

चित्रकूट 392 88

देवीपाटन 247 29

इटावा 446 93

गोरखपुर 470 83

गाजियाबाद 721 एक

हरदोई 466 132

झांसी 223 35

कानपुर 553 95

लखनऊ 522 63

मुरादाबाद 502 200

मेरठ 400 10

नोएडा 338 54

प्रयागराज 510 121

सहारनपुर 457 38

वाराणसी 455 55

(कुल बसें 8956) (नीलामी के लिए तैयार 1719)

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय

बसों की नीलामी के ये हैं नियम

- साधारण रोडवेज बस जिसका रिनोवेशन न हुआ हो आयु 10 वर्ष, 11 लाख किलोमीटर
- निगम बस जिसका मिनी रिनोवेशन हुआ हो आयु 10 साल और साढ़े 11 लाख किलोमीटर
- रोडवेज बस जिसका रिनोवेशन हुआ हो आयु 10 वर्ष, 12 लाख किलोमीटर
- जीर्णोद्धार के बाद बस को चार लाख किलोमीटर या चार वर्ष जो भी बाद में हो संचालित किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें : 750 करोड़ से बुंदेलखंड का विकास होगा, हेरिटेज होटल की चेन से जोड़े जाएंगे किले

क्या कहते हैं अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) अजीत सिंह बताते हैं कि अभी 153 बसों को नीलाम करने का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए भेजा गया है. कुल 1719 बसें नीलामी के लिए क्वालीफाई कर रही हैं, लेकिन उनको धीरे-धीरे नीलाम किया जाएगा, जिससे यात्रियों को असुविधा भी न हो. नई बसों की खरीदने की प्रक्रिया और अनुबंधित बसें लगाने की भी प्रक्रिया चल रही है. इसी के सापेक्ष बसें नीलाम भी करेंगे. यह सभी 1719 बसें संचालित हो रही हैं. इनको बनाकर चलाया जा रहा है फिट करके ही रोड पर भेजा जा रहा है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ विकास प्राधिकरण के कॉम्प्लेक्सों पर अवैध कब्जा, अब ध्वस्त करने की तैयारी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (upsrtc) ने विधानसभा के एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया है कि तकरीबन नौ हजार की फ्लीट में से 1700 से ज्यादा बसें नीलामी के लिए तैयार हैं. यानि रोडवेज की ये बसें कंडम हो चुकी हैं. इन्हें बस बेड़े से बाहर करना है. ये बसें फ्लीट से हटेंगी तो रोडवेज की वास्तविक फ्लीट 7000 से कुछ ज्यादा की ही रह जाएगी. रोडवेज प्रशासन अभी भी इन कंडम बसों को भी सड़क पर दौड़ा रहा है. ये बसें यात्रियों की जान के लिए बड़ा खतरा हैं. लखनऊ में 63 ऐसी बसें हैं जो नीलामी वाली हैं, लेकिन इनमें से तमाम बसों से यात्रियों को ढोया जा रहा है. मुरादाबाद की तो कुल बसों की आधी फ्लीट ही नीलामी वाली हो गई है. यहां पर नीलामी वाली बसों की संख्या 200 है, जबकि कुल बसें 500 हैं. गाजियाबाद ही एक मात्र ऐसा रीजन है जहां पर 700 से ज्यादा बसों की फ्लीट है और सिर्फ एक ही बस नीलामी की हालत में है. यानी यहां पर यात्रियों का सफर रोडवेज बस से सुरक्षित है. बाकी बसों से यात्रियों को जान जाने का खतरा है.

इन रीजनों में इतनी बसें कंडम

रीजन निगम बसें नीलामी
आगरा 462 99

अलीगढ़ 568 148

अयोध्या 287 77

आजमगढ़ 376 80

बरेली 561 218

चित्रकूट 392 88

देवीपाटन 247 29

इटावा 446 93

गोरखपुर 470 83

गाजियाबाद 721 एक

हरदोई 466 132

झांसी 223 35

कानपुर 553 95

लखनऊ 522 63

मुरादाबाद 502 200

मेरठ 400 10

नोएडा 338 54

प्रयागराज 510 121

सहारनपुर 457 38

वाराणसी 455 55

(कुल बसें 8956) (नीलामी के लिए तैयार 1719)

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय

बसों की नीलामी के ये हैं नियम

- साधारण रोडवेज बस जिसका रिनोवेशन न हुआ हो आयु 10 वर्ष, 11 लाख किलोमीटर
- निगम बस जिसका मिनी रिनोवेशन हुआ हो आयु 10 साल और साढ़े 11 लाख किलोमीटर
- रोडवेज बस जिसका रिनोवेशन हुआ हो आयु 10 वर्ष, 12 लाख किलोमीटर
- जीर्णोद्धार के बाद बस को चार लाख किलोमीटर या चार वर्ष जो भी बाद में हो संचालित किया जा सकता है.

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क्या कहते हैं अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) अजीत सिंह बताते हैं कि अभी 153 बसों को नीलाम करने का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए भेजा गया है. कुल 1719 बसें नीलामी के लिए क्वालीफाई कर रही हैं, लेकिन उनको धीरे-धीरे नीलाम किया जाएगा, जिससे यात्रियों को असुविधा भी न हो. नई बसों की खरीदने की प्रक्रिया और अनुबंधित बसें लगाने की भी प्रक्रिया चल रही है. इसी के सापेक्ष बसें नीलाम भी करेंगे. यह सभी 1719 बसें संचालित हो रही हैं. इनको बनाकर चलाया जा रहा है फिट करके ही रोड पर भेजा जा रहा है.

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