लखनऊ: राजधानी लखनऊ में हुए 56वीं डीजीपी कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के डीजीपी, आईबी व अन्य जांच एजेंसियों के सामने साइबर क्राइम को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी. पीएम ने सभी सुरक्षा व जांच एजेंसियों से एक साथ मिल कर साइबर क्रिमनल्स से निपटने के निर्देश दिए थे. जिसको लेकर यूपी पुलिस साइबर क्राइम को रोकने के लिए तमाम कोशिशें कर रही हैं. इसके बावजूद आम लोगों से लेकर खास तक साइबर ठगी का शिकार हो रहें है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के एक आईपीएस अधिकारी ने कुछ ऐसे टिप्स साझा किए है, जिस पर यदि सभी ने ध्यान दे दिया तो शायद वो स्वयं साइबर क्रिमनल्स को मात दे सकते हैं.
मुरादाबाद में एडिशनल एसपी के पद पर तैनात 2019 बैच के आईपीएस शक्ति अवस्थी ने सोशल मीडिया में साइबर ठगी से बचने के लिए 16 टिप्स दी हैं. उनका मानना है कि यदि उनके ये टिप्स लोगों ने अपने रोजाना की दिनचर्या में अपनाया तो साइबर ठगी से बचा जा सकेगा.
यह भी पढ़ें:सावधान! अंजान एप इंस्टाल करते ही उड़ सकते हैं खून पसीने की कमाई, इस तरह करें बचाव
आइए देखते हैं क्या हैं ये टिप्स..
1: अनजान नंबर से आपको वीडियो कॉल कभी न उठाएं. अगर इस वीडियो कॉल में दूसरी तरफ एक नग्न महिला या पुरूष हो तो समझ लीजिए कि ये ठगी वाला कॉल है. ये आपके कॉल की रिकॉर्डिंग कर लेंगे और बाद में आपको पैसों के लिए ब्लैकमेल करेंगे.
2. जंगल सफारी और किसी धार्मिक स्थल की यात्रा के लिए हेलिकाप्टर की ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर भी खूब ठगी हो रही है. इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट मौजूद हैं. इनका नाम ओरिजेनल वेबसाइट से काफी मिलता जुलता होता हैं. इससे लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं. इसलिए ठगी से बचने के लिए पेमेंट करने से पहले वेबसाइट के एड्रेस में gov.in अवश्य देख लें.
3. कोविड वैक्सीनेशन होने के बाद सर्वे के नाम पर लोगों के मोबाइल पर ऐसे लिंक्स भेजे जाते हैं, जिन पर क्लिक करते ही आपका मोबाइल रिमोट एक्सेस सिस्टम पर चला जाता है. इसके बाद आपके मोबाइल की सारी व्यक्तिगत जानकारी चुरा ली जाती है.
4. कॉल मर्ज करने वाली ठगी: लोगों को कॉल कर साथ में उनके वाट्सऐप में लॉगिन कर लिया जाता है, लॉगिन के लिए ओटीपी आने पर ये ठग receive via call के ऑप्शन पर क्लिक करते हैं, कॉल आने पर उसे मर्ज कर किसी सीनियर अधिकारी से बात करने के लिए कहते हैं. उसके बाद वो अपने मोबाइल में दूसरों के नंबर का व्हाट्सअप प्रयोग करते हैं.
5. ब्लू बगर जैसे एप्स का इस्तेमाल ब्लू टूथ हैक करने के लिए किया जाता है. इसके लिए ठग भीड़भाड़ वाले इलाके में जैसे रेस्टोरेंट, पार्क, कैफे में जहां आपका ब्लू टूथ ऑन हो तो ठग ब्लू टूथ को हैक कर लेते हैं और ब्लू टूथ के जरिए आपके मोबाइल में एक एप्लिकेशन इंस्टाल कर देते हैं फिर आपकी व्यक्तिगत पासवर्ड बांक डिटेल व अन्य महत्वपूर्ण डाटा चुरा लेते हैं.
6. वॉयस मेल-ईमेल ठगी: जहां Preview voicemail पर क्लिक करने से फर्जी वेबसाइटें खुलती हैं. इसे आप कभी न खोलें.
7. इंटरनेट पर कई बार फर्जी कस्टमर केयर नंबर मौजूद होते हैं, इन्हें कॉल करने पर कस्टमर एजेंट आपको AnyDesk जैसे ऐप को इंस्टॉल करने को कहता है. ऐसे ऐप्स के जरिए ठग मोबाइल की जरूरी जानकारी चुरा लेते है साथ ही कोई और OTP जो आपके मोबाइल में हो उसे भी आसानी से हासिल कर लेते हैं.
8. डोमीनोज और मैकडोनाल्ड जैसे नामचीन फ़ास्ट फ़ूड की फ्रेंचाइजी के नाम पर कई फर्जी एप्लिकेशन मौजूद हैं, जो ऑनलाइन खाने के ऑर्डर पर भारी डिस्काउंट का वादा करते हैं.
9. imobile से मिलती-जुलती नाम वाली साइटें मौजूद हैं, जो इनकम टैक्स फाइलिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा करती हैं. फिर अपने मन के मुताबिक आपसे टैक्स की रकम वसूलते हैं.
10. फ्री कोविड टेस्ट ठगी: इस तरह की ठगी करने के लिए आपको टैक्स के तौर पर पैसे जमा करने के लिए कहेगा या फिर किसी ऐप को इंस्टॉल करने के लिए कहेगा, आपने जैसे ही ऐप इंस्टाल किया आपका मोबाइल रिमोट एक्सेस में चला जाएगा और फिर आपके खाते से पैसे उड़ा लिए जाएंगे.
11. रियल एस्टेट ऐप्स पर मौजूद फर्जी प्रॉपर्टी मालिक: खुद को किरायेदार बताकर लोगों से एड्वांस में पैसे मांगते हैं.
12. ई-सिम फ्रॉड: नार्मल सिम को ई-सिम में कन्वर्ट करने के लिए कॉल किया जाता है और इसे चालू करने के लिए एक QR कोड स्कैन करने के लिए कहा जाता है. इस कोड को स्कैन करते ही, फर्जी लिंक खुलते हैं.
13. क्रिप्टों एक्सपर्ट बनकर ठगपहले तो आपको IDO (Initial Dex offering) and ICO (Initial Coin Offering) भेजते हैं, फिर आपसे पैसा लगाने को कहते हैं जैसे ही आप पैसा लगाते हैं, वे तुरंत इसे अपने निजी क्रिप्टों वॉलेट से जोड़ कर आपका पैसा ले लेते हैं.
14. साइबर ठग Olx जैसी साइटों पर आर्मी या अर्धसैनिक अधिकारियों के फर्जी आइडी कार्ड पोस्ट कर विश्वास दिलाते हैं कि वे एक ऐसी नौकरी में हैं जिसमें तबादले होते रहते हैं. ऐसा जता कर वे पैसा एड्वांस मांगते हैं और सामानों की डिलीवरी कभी नहीं करते हैं.
15. इंस्टाग्राम और फेसबुक पर बड़ा डिस्काउंट देने का वादा करने वाली ई-कॉमर्स साइटों के जो ऐड चलाए जाते हैं. उसमें कई फर्जी होते हैं. किसी साइट का पता लगाने के लिए कि वह फर्जी है या नहीं आप कैश ऑन डेलीवेरी का ऑप्शन चुनिये. ज्यादातर फर्जी साइटों पर ये ऑप्शन नहीं मिलता है.
16: नकली बांड/शेयरों/सिक्युरिटीज के माध्यम से साइबर ठगी: साइबर ठग 4-5 साल में भारी रिटर्न का वादा करते हुए, साइबर नेटवर्क के माध्यम से नकली बांड जारी करते हैं. साथ ही वे ग्राहक को यह विश्वास दिलाते हैं शेयर बाजार अच्छा रिटर्न दे रहा है, इसलिए आप इन बांड के माध्यम से अच्छा रिटर्न पा सकते हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप