लखनऊ: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (COET) में जर्मनी की रेल कंपनी "डीबी" यानी ड्यूश बॉन के नए भर्ती हुए स्टॉफ की ट्रेनिंग शुरु हो गई. लखनऊ स्थित यूपी मेट्रो के अत्याधुनिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (COET) में डीबी के 150 प्रशिक्षुओं के बैच में स्टेशन कंट्रोलर-ट्रेन ऑपरेटर ( SCTO) और मेंटेनर स्टॉफ प्रशिक्षण ले रहे हैं. 90 दिनों की ट्रेनिंग में ये प्रशिक्षु ट्रेन ऑपरेशन और मेंटेनेंस की बारीकियां सीखेंगे.
जर्मन रेल कंपनी 'डीबी' ने अपने नए भर्ती स्टॉफ को ट्रेनिंग दिलाने के लिए इससे पहले भारत आकर विभिन्न मेट्रो और रेल परियोजनाओं के ट्रेनिंग संस्थानों का सर्वे किया था. डीबी ने यूपीएमआरसी के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से प्रशिक्षित होकर निकले कर्मचारियों की योग्यता का अध्ययन किया और संस्थान के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की अत्याधुनिक ट्रेनिंग सुविधाओं को भी परखा. जिसके बाद अपने नए भर्ती स्टॉफ के लिए यूपी मेट्रो के सेंटर फॉर एक्सीलेंस ऑफ ट्रेनिंग (सीओईटी) का चयन किया गया. सीओईटी में अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं हैं.
यूपीएमआरसी का ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट देश भर के मेट्रो रेल ट्रेनिंग संस्थानों में सबसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से अब तक 1100 से ज्यादा प्रशिक्षु मेट्रो रेल ऑपरेशन और मेंटेनेंस का तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, जो कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बाद ट्रेनिंग देने वाले छात्रों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है.
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डीएमआरसी ने अपने ट्रेनिंग स्कूल को अपग्रेड करने के लिए हाल में यूपी मेट्रो के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का दौरा करने के साथ ही वर्चुअल रियलिटी, सिम्युलेटर जैसी ट्रेनिंग की अत्याधुनिक सुविधाओं का जायजा लिया था. यूपीएमआरसी के ट्रेनिंग संस्थान से निकले प्रशिक्षु लखनऊ और कानपुर में मेट्रो ऑपरेशन से लेकर मेंटेनेंस का काम बखूबी संभाल रहे हैं. इसमें महिला कर्मियों की संख्या भी अच्छी खासी है. प्रशिक्षण की वर्चुअल रियलिटी बेस्ड ट्रेनिंग की सुविधा है. इसके अलावा कम्प्यूटर के जरिए ट्रेन में फॉल्ट को उत्पन्न करके उसे ट्रबल शूट करना सिखाया जाता है.
वास्तविक ट्रेन ऑपरेशन के अनुभव को सिखाने के लिए यूपीएमआरसी के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में सबसे ज्यादा सिम्युलेटर हैं. फाइव डाइमेंशन आधारित स्पेस शटल सिम्युलेटर की तरह के सिम्युलेटर में प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग की सुविधा है, जिसमें ट्रेन चलाने, सिंग्नलिंग और ट्रैक्शन का प्रशिक्षण मिलेगा. तीन डेस्क टॉप सिम्युलेटर पर भी ट्रेन ऑपरेशन की बारीकियां सिखाई जाती हैं. 45 कम्यूटर बेस्ड ट्रेनिंग टर्मिनल पर एक साथ ट्रेनिंग हो सकती है. यूपीएमआरसी के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षुओं के लिए अलग विषयों के अलग क्लासरुम के साथ ऑडिटोरियम और कैंटीन की भी सुविधा मिल रही है.
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा है कि यूपी मेट्रो के प्रशिक्षण संस्थान ने ट्रेनिंग के विश्वस्तरीय मानक स्थापित किए हैं. लखनऊ और कानपुर में सफल मेट्रो ऑपरेशन में सभी तकनीकी और स्टॉफ प्रशिक्षण सीओईटी में ही संपन्न हुए. आज वे सभी कर्मचारी अपने संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर हमें गौरवान्वित महसूस करा रहे हैं. निश्चित तौर पर हमारे लिए यह गर्व का पल है कि हम जर्मन रेल कंपनी जैसे प्रतिष्ठित विदेशी रेल संस्थान के कर्मियों को भी ट्रेन संचालन और यात्री सेवाओं के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं.
- 90-दिवसीय प्रशिक्षण में यात्री रहित मेट्रो के टेस्ट ट्रैक पर 40 किलोमीटर और मेनलाइन पर 360 किलोमीटर ड्राइविंग.
- प्रशिक्षण के रोलिंग स्टॉक, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल एंड मेकेनिकल, दूरसंचार, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) पर आधारित परीक्षा.
- परीक्षा के बाद ट्रबलशूट प्रोग्राम का आयोजन होगा, जिसमें आपातकालीन परिस्थितियों पर दी जाने वाली सही प्रतिक्रियाओं पर जोर दिया जाएगा. इन सभी चरणों से गुजरने के बाद प्रशिक्षुओं का साक्षात्कार होगा, जिसके बाद उन्हें तैयार माना जाएगा.
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