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कांग्रेस MLA अदिति सिंह की सदस्यता पर विधानसभा अध्यक्ष ने अपना फैसला सुरक्षित रखा

यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने रायबरेली सदर से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की संबंधी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. साथ ही कांग्रेस के एक और विधायक राकेश सिंह और सपा के विधायक नितिन अग्रवाल के प्रकरण में छह जुलाई को समीक्षा की जाएगी.

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कांग्रेस की MLA अदिति सिंह की सदस्यता पर विधानसभा अध्यक्ष ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
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Published : Jul 2, 2020, 10:54 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी की रायबरेली से विधायक अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त किए जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. हाईकोर्ट ने 16 जुलाई तक फैसला देने के निर्देश दिए हैं. इसी कड़ी में 30 जून को करीब तीन घंटे तक चली सुनवाई के उपरांत विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. अदिति सिंह के अलावा रायबरेली से ही कांग्रेस के विधायक राकेश सिंह और हरदोई से सपा के विधायक नितिन अग्रवाल की सदस्यता समाप्त करने वाली याचिकाओं पर भी विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेना है. अन्य विधायकों की सदस्यता पर आगामी छह जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष ने सुनवाई की तिथि तय की है.

ज्ञात हो कि पिछले वर्ष योगी सरकार ने दो अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. इस सत्र का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, लेकिन विधायक अदिति सिंह शामिल हुईं. इस पर सीएम योगी समेत बीजेपी के अन्य नेताओं ने अदिति की सराहना की और बहिष्कार के लिए कांग्रेस के अन्य नेताओं को विकास विरोधी करार दिया. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायक को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा. विधायक ने कोई जवाब नहीं दिया तो कांग्रेस विधानमंडल की नेता आराधना मिश्रा ने अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष 26 नवंबर 2019 को याचिका दाखिल की. उनका कहना था कि विधायक अदिति ने दो अक्टूबर 2019 को बुलाए गए विशेष सत्र का बहिष्कार करने के लिए कांग्रेस द्वारा जारी विहिप का उल्लंघन किया है. इसलिए इनकी सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए.

इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. कोरोना काल में बसों से श्रमिकों को पहुंचाए जाने के मुद्दे पर अदिति सिंह द्वारा कांग्रेस पर ही सवाल खड़े किए जाने की वजह से यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया. कांग्रेस ने कहा है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष सदस्यता समाप्त नहीं करते हैं, तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा. उस वक्त विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा था कि कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है. लॉकडाउन की वजह से विधानसभा में किसी भी प्रकार की कार्यवाही संचालित कर पाना संभव नहीं था. अनुकूल वातावरण बनते ही सुनवाई की जाएगी.

कांग्रेस पार्टी के एक और विधायक राकेश सिंह की सदस्यता पर भी तलवार लटक रही है. राकेश सिंह की सदस्यता रद्द करने के लिए 31 मई 2019 को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर की गई थी. कांग्रेस ने अपने विधायक राकेश सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है. राकेश सिंह पर आरोप है कि लोकसभा चुनाव के दौरान रायबरेली लोकसभा सीट के चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इन्होंने विरोध किया है. दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के मजबूत कांग्रेस नेताओं को तोड़ लिया था. विधान सभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष ने छह जुलाई को सुनवाई करने की तिथि तय की है. अनुमान है कि उसी दिन विधायकों की सदस्यता समाप्त किए जाने पर फैसला भी सुना दिया जाए.

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी की रायबरेली से विधायक अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त किए जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. हाईकोर्ट ने 16 जुलाई तक फैसला देने के निर्देश दिए हैं. इसी कड़ी में 30 जून को करीब तीन घंटे तक चली सुनवाई के उपरांत विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. अदिति सिंह के अलावा रायबरेली से ही कांग्रेस के विधायक राकेश सिंह और हरदोई से सपा के विधायक नितिन अग्रवाल की सदस्यता समाप्त करने वाली याचिकाओं पर भी विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेना है. अन्य विधायकों की सदस्यता पर आगामी छह जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष ने सुनवाई की तिथि तय की है.

ज्ञात हो कि पिछले वर्ष योगी सरकार ने दो अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. इस सत्र का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, लेकिन विधायक अदिति सिंह शामिल हुईं. इस पर सीएम योगी समेत बीजेपी के अन्य नेताओं ने अदिति की सराहना की और बहिष्कार के लिए कांग्रेस के अन्य नेताओं को विकास विरोधी करार दिया. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायक को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा. विधायक ने कोई जवाब नहीं दिया तो कांग्रेस विधानमंडल की नेता आराधना मिश्रा ने अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष 26 नवंबर 2019 को याचिका दाखिल की. उनका कहना था कि विधायक अदिति ने दो अक्टूबर 2019 को बुलाए गए विशेष सत्र का बहिष्कार करने के लिए कांग्रेस द्वारा जारी विहिप का उल्लंघन किया है. इसलिए इनकी सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए.

इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. कोरोना काल में बसों से श्रमिकों को पहुंचाए जाने के मुद्दे पर अदिति सिंह द्वारा कांग्रेस पर ही सवाल खड़े किए जाने की वजह से यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया. कांग्रेस ने कहा है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष सदस्यता समाप्त नहीं करते हैं, तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा. उस वक्त विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा था कि कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है. लॉकडाउन की वजह से विधानसभा में किसी भी प्रकार की कार्यवाही संचालित कर पाना संभव नहीं था. अनुकूल वातावरण बनते ही सुनवाई की जाएगी.

कांग्रेस पार्टी के एक और विधायक राकेश सिंह की सदस्यता पर भी तलवार लटक रही है. राकेश सिंह की सदस्यता रद्द करने के लिए 31 मई 2019 को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर की गई थी. कांग्रेस ने अपने विधायक राकेश सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है. राकेश सिंह पर आरोप है कि लोकसभा चुनाव के दौरान रायबरेली लोकसभा सीट के चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इन्होंने विरोध किया है. दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के मजबूत कांग्रेस नेताओं को तोड़ लिया था. विधान सभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष ने छह जुलाई को सुनवाई करने की तिथि तय की है. अनुमान है कि उसी दिन विधायकों की सदस्यता समाप्त किए जाने पर फैसला भी सुना दिया जाए.

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