लखनऊ: नोएडा में अवैध विद्युत तंत्र बनाकर चोरी करने के मामले में शनिवार को नया मोड आ गया. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग को कई साक्ष्य उपलब्ध कराते हुए याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा कि, नोएडा में सभी खंडों में अनियमितता कर बड़ा गोलमाल किया गया है. इसमें 100 करोड़ तक की राजस्व की क्षति का मामला सामने आएगा. इसलिए पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए उपभोक्ता परिषद ने शुक्रवार को नियामक आयोग में एक जनहित लोकमहत्व याचिका दाखिल कर आयोग से यह मांग उठाई है कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 128 के प्रावधानों के तहत एक उच्च स्तरीय इन्वेस्टिगेशन अथॉरिटी का गठन कर उदाहरण के रूप में नोएडा के सभी खंडों की जनहित में जांच कराये.
उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने इस गंभीर मामले में तुरंत कदम उठाने की मांग की. आयोग के चेयरमैन ने कहा पूरे मामले पर आयोग गंभीरता से विचार करेगा और उचित कदम उठाएगा. उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पूरे मामले पर शक्ति भवन पहुंचकर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से भी मुलाकात की. उन्होंने बताया कि ऊर्जामंत्री ने कहा सरकार भ्रष्टाचार के मामले पर जीरो टालरेंस के तहत कार्रवाई के लिए संकल्पित है. उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने अपनी याचिका में बताया कि पश्चिमांचल अंतर्गत नोएडा में कुछ विद्युत वितरण खंडों में निर्माण कार्य के लिए दिए गए. अस्थायी संयोजनों में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई है. उन्होंने कहा कि राजस्व हानि को पता करने के लिए नियामक आयोग विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 128 के प्रावधानों के तहत एक उच्च स्तरीय इन्वेस्टिगेशन अथॉरिटी का गठन कर कराए.
इसे भी पढ़ें-बैनर में मंत्री की फोटो न होने पर बेटे ने प्रभारी BDO को पीटा, 11 के खिलाफ FIR
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने अपने स्तर से छानबीन की तो सामने आया की नोएडा में अस्थायी संयोजन के मामले में बड़ी अनियमितताएं की गई हैं. बड़े बड़े बिल्डरों और मल्टीकाम्प्लेस के निर्माण के लिए अस्थायी संयोजन पर दिए गए मीटर गायब हैं. इसमें करोड़ो अरबों का जो खेल हुआ है उसका खामियाजा प्रदेश की जनता को ही भुगतना पड़ेगा. उपभोक्ता परिषद का मानना है की यह बहुत बड़ा घोटाला है, जिसका खुलासा आसानी से नहीं होगा, जिसकी विस्तृत जांच किया जाना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर स्वतंत्र निष्पक्ष जांच हो तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आएगा.