लखनऊ: प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से ही अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने में जुटी हुई हैं. एक तरफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं और 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक रहे हैं. इसके अलावा अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से वफादारी का शपथ पत्र भी ले रहे हैं. जबकि कांग्रेस AIMIM के पदाधिकारियों को तोड़कर झटके पर झटके दे रही है. अल्पसंख्यक कांग्रेस ने हाल ही में बनारस में एआईएमआईएम की पूरी जिला कमेटी का विलय कांग्रेस में करा लिया. अब शाहजहांपुर समेत अन्य जिलों में भी पार्टी को तोड़ने की कवायद शुरू कर दी है. अल्पसंख्यक कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक ओवैसी चुनाव लड़ने के बारे में सोचेंगे तब तक उनकी पूरी पार्टी कांग्रेस में ही मिल जाएगी.
यूपी में ओवैसी की एंट्री से बढ़ गई है सियासी गर्मी
बता दें कि उत्तर प्रदेश की सियासत में एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने एक्टिव रूप से एंट्री कर गर्मी बढ़ा दी है. भाजपा से नाराज होकर अलग हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के साथ कदम से कदम मिलाकर ओवैसी चल पड़े हैं. ओवैसी प्रदेशभर के जिलों में अपना संगठन खड़ा कर रहे हैं. अब तक उनके पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई दौरे भी हो चुके हैं. अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से ओवैसी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में पहला कदम रखा था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में भी वे राजभर के साथ पहुंचे. ओवैसी बहराइच में भी एंट्री कर चुके हैं. गुरुवार को ही ओवैसी मुरादाबाद पहुंचे थे, जहां पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. ऐसे में ओवैसी विरोधी दलों में खलबली मचाने में कामयाब होते दिख रहे हैं. विरोधी दलों को लग रहा है कि कहीं न कहीं मुसलमान उनकी पार्टी से छिटक कर ओवैसी की तरफ न चला जाए.
एआईएमआईएम में सेंध लगा रहे शाहनवाज आलम
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी सदस्यता लेने वाले सदस्यों से फार्म भरवा कर वफादारी का शपथ पत्र ले रही है. जबकि विभिन्न जिलों में पदाधिकारी और कार्यकर्ता ओवैसी से बेवफाई करने लगे हैं. पार्टी के वफादारी के सर्टिफिकेट के बावजूद कांग्रेस पार्टी ओवैसी की पार्टी के विकेट गिरा रही है. हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लगा है. वाराणसी में उनकी पार्टी के जिला अध्यक्ष समेत पूरी इकाई का कांग्रेस में विलय हो गया. एआईएमआईएम के प्रदेश सचिव अमान अख्तर के नेतृत्व में पार्टी के डेढ़ दर्जन से ज्यादा पदाधिकारी कांग्रेस में शामिल हो गए. एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष जाहिद खान और महिला जिला अध्यक्ष कैंसर जहां ने अन्य लोगों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. एआईएमआईएम में सेंध अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम लगा रहे हैं.
100 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का दावा
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर के जनभागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरने का एलान कर चुके हैं. ओवैसी वाराणसी-आजमगढ़ जौनपुर बहराइच और मुरादाबाद का दौरा कर चुके हैं. यूपी में अपनी पार्टी के पैर जमाने की कोशिशों में जुटे हैं. उन्होंने हाल ही में मोर्चा में रहते हुए यूपी में करीब 100 सीटों पर ताल ठोकने का एलान भी किया है.
यूपी से खत्म कर देंगे ओवैसी की पार्टीः शाहनवाज आलम
उत्तर प्रदेश अलपसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने ETV BHARAT से बातचीत करते हुए कहा कि बकरीद के बाद तक उत्तर प्रदेश से ओवैसी की पार्टी को पूरी तरह खत्म कर देंगे. एआईएमआईएम के एक-एक जिले के पदाधिकारी संपर्क में हैं. इन सभी का कांग्रेस में विलय कराया जाएगा. शाहनवाज आलम ने कहा कि ओवैसी की पार्टी के नेता समझ चुके हैं कि उनके पतंग की डोर मोदी और योगी के हाथ है. ऐसे में वह अब कांग्रेस के साथ आ रहे हैं. बनारस में पूरी टीम का विलय हो गया है और अब अगला कदम शाहजहांपुर है. इसके बाद सभी जिलों से ओवैसी की पार्टी तोड़कर कांग्रेस से जोड़ ली जाएगी. उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ओवैसी को जनाधार वाला नेता बताते हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. मुसलमान सब समझता है कि यूपी में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भाजपा में उनका हित नहीं है. उनका भला कांग्रेस में ही है.
एआईएमआईएम नेता को कांग्रेस में विलय की जानकारी नहीं
एआईएमआईएम नेता आसिफ बकार ने ETV BHARAT को फोन पर बताया कि किसी भी जिला इकाई का कांग्रेस में विलय हुआ है या लोग पार्टी छोड़ रहे हैं. इसके बारे में फिलहाल मुझे कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कोई कांग्रेस पार्टी में जा रहा है तो वह पूर्व पदाधिकारी ही होगा. वर्तमान पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का विश्वास हमारी पार्टी में बना हुआ है.
इसे भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र पर बीजेपी का गुंडातंत्र भारी: ललन कुमार
130 सीटें मुस्लिम बाहुल्य
बता दें कि बहराइच, बलरामपुर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, संभल, हापुड़, सिद्धार्थनगर, बागपत, पीलीभीत, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, बाराबंकी, बदायूं, गाजियाबाद, लखनऊ, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी और अमेठी समेत उत्तर प्रदेश में तकरीबन 130 मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं. इन सीटों पर ओवैसी की नजर है. इसीलिए उन्होंने 100 सीटों पर दावा ठोंका है.
एआईएमआईएम छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए ये पदाधिकारी
- अमान अख्तर (प्रदेश सचिव यूथ)
- ज़ाहिद खान (जिला अध्यक्ष)
- माजिद सिद्दिकी (जिला संगठन मंत्री)
- आरिफ सिद्दीकी (मीडिया प्रभारी)
- मोइनुद्दीन अंसारी (जिला सचिव)
- तौफीक आलम (जिला सचिव यूथ)
- अब्दुल कवि (कैंट विस क्षेत्र अध्यक्ष)
- आफताब अहमद (जिला सचिव)
- मकसूद शाह (अजगरा विस अध्यक्ष)
- कैसर जहां (जिला अध्यक्ष महिला)
- दिलशाद अहमद (जिला कार्यकारिणी)
- इकबाल कुरैशी (जिला कार्यकारिणी)
- शानू जकी (जिला सचिव)
- मेहंदी हसन (मंडल प्रभारी अल्पसंख्यक सभा)
- जुबैर खान (अल्पसंख्यक सभा)
- आकाश पांडेय (कार्यकारिणी सदस्य अल्पसंख्यक सभा)
- अमानतुल्लाह खान (जिला कार्यकारिणी)
- खुर्शीद खान (जिला कार्यकारिणी सदस्य)
- अनवार अहमद (जिला सचिव यूथ)