लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इस समय जो भी संक्रमित मरीज मिल रहा है, उनमें सर्दी, जुखाम, बुखार और गले में खराश जैसी समस्या हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम हेल्थी मौसम माना जाता है. ऐसे में अस्पतालों में अत्यधिक भीड़ नहीं है. लेकिन, ओपीडी में भीड़ लग रही है. ज्यादातर मरीज शरीर दर्द की परेशानी से जूझ रहे हैं.
मौजूदा समय में कोरोना के सक्रिय केस की संख्या 2981 पहुंच गई है. इन दिनों प्रदेश के जितने भी जिला अस्पताल या बड़े मेडिकल कॉलेज हैं, वहां पर किसी भी मरीज की अगर सर्जरी ऑपरेशन की स्थिति बन रही है तो उसके लिए मरीज की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव अनिवार्य है ताकि मरीज का ऑपरेशन सफलतापूर्वक हो सके. रविवार को अस्पताल की ओपीडी बंद होती हैं तो ऐसे में जो गंभीर मरीज आ रहे हैं, उन्हें इमरजेंसी में इलाज दिया जा रहा है.
सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने कहा कि इस समय कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज न सिर्फ लखनऊ में बल्कि प्रदेश भर में आ रहे हैं. इनकी संख्या में तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. यह संक्रमण उन मरीजों के लिए घातक साबित हो रहा है जो पहले से ही किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं. कोई मरीज जिसे दमा, लिवर, किडनी फेल या कैंसर किसी भी प्रकार की बड़ी बीमारी है, जिसमें मरीज अच्छी तरह से स्वस्थ नहीं हैं और उसी में वायरस का संक्रमण जकड़ रहा है, जिससे उन्हें सांस संबंधित दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे मरीजों में यह वायरस खतरनाक है.
उन्होंने कहा कि इस समय अस्पताल में जो भी मरीज आ रहे हैं, उन्हें प्राथमिक इलाज दिया जा रहा है. इसी के साथ जितने भी ऑपरेशन होनो हैं, उसके लिए कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है. क्योंकि, अगर किसी मरीज को पहले से ही संक्रमण है और इस दौरान उसका ऑपरेशन होता है तो कई दिक्कत परेशानी मरीज को हो सकती है. इसलिए मरीज की आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही ऑपरेशन हो रहा है.
डॉ. एस देव ने कहा कि मौजूदा समय में बहुत बचकर रहने की आवश्यकता है. भीड़ भाड़ से बचके रहें. अगर आप घर के बाहर जा रहे हैं और आपके घर में बुजुर्ग व छोटे बच्चे हैं तो उनके संपर्क में अधिक न रहें. अच्छे से सैनिटाइज कर हाथ धोकर तब उसके बाद बच्चे को लें. इस समय छोटे बच्चों की भी तबीयत काफी बिगड़ रही है. वह जल्दी-जल्दी बच्चे बीमार हो रहे हैं. इसका एक कारण यह भी है कि अगर घर के किसी एक सदस्य को सर्दी जुखाम बुखार हो रहा है तो वह वायरस बच्चों को भी हो रहा है. इसलिए बच्चों को लेकर सावधानी बरतें.
प्रदेश में बीते शनिवार को 462 मरीज मिले थे. वहीं 716 मरीज कोविड से स्वास्थ्य हुए थे. जबकि सुल्तानपुर, आगरा, मेरठ और लखनऊ में चार मरीज की कोविड से मौत हुई थी. बीते शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 455 नए पीड़ित मरीज मिले थे. जबकि 761 मरीज कोविड से ठीक हुए थे. कोविड से अमेठी, संभल, बरेली और अंबेडकरनगर में एक-एक मरीज की मौत हुई थी.
बीते गुरुवार को 510 मरीज मिले थे. 830 मरीज कोविड से ठीक हुए थे. जबकि एक मरीज की कोरोना से मौत हुई थी. बीते बुधवार को 627 मरीज मिले थे. वहीं 934 मरीजों ने कोरोना का मात दिया था. बीते मंगलवार को 602 संक्रमित मरीज मिले थे. जबकि 1030 मरीज कोविड से ठीक हुए थे. जबकि दो मरीज की कोविड से मौत हो थी. बीते सोमवार को संक्रमित मरीजों में गिरावट दर्ज हुई थी. 369 संक्रमित मरीज मिले ह मिले थे. इसके अलावा 302 मरीज कोविड से ठीक भी हुए थे. बीते रविवार को 567 संक्रमित मरीज मिले थे. वहीं 864 मरीज कोविड से ठीक हुए थे.
बीते शनिवार कोविड के 785 संक्रमित मरीज मिले थे. वहीं 538 मरीज कोविड से ठीक हुए थे. जबकि दो मरीज की मौत कोविड से हो गई थी. बीते शुक्रवार को 991 संक्रमित मरीज मिले थे. वहीं 772 मरीज कोविड से ठीक हुए थे. जबकि तीन संक्रमित मरीजों की कोविड से मौत हो गई थी. जबकि बीते गुरुवार को 840 संक्रमित मरीज मिले थे और 663 मरीज को कोविड से ठीक भी हुए थे.
वहीं बीते बुधवार को 910 कोरोना से संक्रमित पाए गए थे. 613 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर वापस लौटे थे. बुधवार को कोविड प्रदेश में चार मौतें भी हुई थी. ज्ञात हो कि बीते मंगलवार को प्रदेश में 821 संक्रमित मरीज मिले थे जबकि 502 मरीज ठीक भी हुए थे. कोरोना आंकड़ों में देखा जा सकता है कि किस तरह से उतार-चढ़ाव बराबर लगा हुआ है.
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