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लखनऊ: भ्रष्टाचार में लिप्त 200 अधिकारियों पर गिरी गाज, 400 को चेतावनी

योगी सरकार लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति सख्त दिखाई दे रही है. जहां भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे 200 अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरी है, वहीं दूसरी तरफ इसको लेकर प्रदेश सरकार ने 400 लोगों पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है.

सीएम योगी (फाइल फोटो).
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Published : Jul 3, 2019, 1:44 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अधिकारियों की खैर नहीं है. काम में लापरवाही करने वाले, समय से दफ्तर नहीं पहुंचने और भ्रष्टाचार में लिप्त 200 अधिकारियों के ऊपर गाज गिरी है. योगी सरकार ने ऐसे 400 लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों को सेवा से रिटायरमेंट देने की तैयारी भी कर रही है. वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी भी दी गई है कि उन्होंने अगर खुद में सुधार नहीं किया तो उन्हें भी सरकारी सेवा से रिटायर कर दिया जाएगा. योगी सरकार की इस कार्रवाई से सरकारी अमले में हड़कंप मचा हुआ है.

भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार सख्त.

गैरजिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2017 के आखिरी में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करने के लिए कहा था.
  • मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने विभागों में स्क्रीनिंग करके ऐसे लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार करें.
  • इसी कड़ी में अब योगी सरकार ने कार्रवाई करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है.
  • दरअसल पिछले दिनों शासन की एक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाई थी.
  • वाराणसी में सालों से चल रही वाटर पाइप लाइन योजना की देरी पर नाराजगी जाहिर की थी.
  • इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं, अभी तक योजना को मूर्त रूप नहीं मिल सका है.
  • योजना की शुरुआत से अब तक जो जिम्मेदार अधिकारी काम किए हैं, उनके खिलाफ जुलाई के प्रथम सप्ताह में कार्रवाई की जाए.

इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई

  • सबसे अधिक अधिकारी राजस्व और गृह विभाग के हैं, जिनके ऊपर कार्रवाई की गई है.
  • कई आईएएस अधिकारियों के बारे में भी योगी सरकार ने केंद्र सरकार को कार्रवाई के लिए लिखा है.
  • हालांकि आधिकारिक रूप से उन आईएएस अधिकारियों का नाम अभी नहीं बताया जा रहा है.
  • सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि जल्द ही सबके नाम सामने लाए जाएंगे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.

योगी सरकार पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से काम कर रही है. प्रदेश भर में जो लोग लापरवाह थे, जो ऑफिस नहीं पहुंच रहे थे, भ्रष्टाचार में लिप्त थे, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब सरकारी सेवा को उनकी जरूरत नहीं है.
-श्रीकांत शर्मा, ऊर्जा मंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अधिकारियों की खैर नहीं है. काम में लापरवाही करने वाले, समय से दफ्तर नहीं पहुंचने और भ्रष्टाचार में लिप्त 200 अधिकारियों के ऊपर गाज गिरी है. योगी सरकार ने ऐसे 400 लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों को सेवा से रिटायरमेंट देने की तैयारी भी कर रही है. वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी भी दी गई है कि उन्होंने अगर खुद में सुधार नहीं किया तो उन्हें भी सरकारी सेवा से रिटायर कर दिया जाएगा. योगी सरकार की इस कार्रवाई से सरकारी अमले में हड़कंप मचा हुआ है.

भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार सख्त.

गैरजिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2017 के आखिरी में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करने के लिए कहा था.
  • मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने विभागों में स्क्रीनिंग करके ऐसे लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार करें.
  • इसी कड़ी में अब योगी सरकार ने कार्रवाई करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है.
  • दरअसल पिछले दिनों शासन की एक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाई थी.
  • वाराणसी में सालों से चल रही वाटर पाइप लाइन योजना की देरी पर नाराजगी जाहिर की थी.
  • इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं, अभी तक योजना को मूर्त रूप नहीं मिल सका है.
  • योजना की शुरुआत से अब तक जो जिम्मेदार अधिकारी काम किए हैं, उनके खिलाफ जुलाई के प्रथम सप्ताह में कार्रवाई की जाए.

इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई

  • सबसे अधिक अधिकारी राजस्व और गृह विभाग के हैं, जिनके ऊपर कार्रवाई की गई है.
  • कई आईएएस अधिकारियों के बारे में भी योगी सरकार ने केंद्र सरकार को कार्रवाई के लिए लिखा है.
  • हालांकि आधिकारिक रूप से उन आईएएस अधिकारियों का नाम अभी नहीं बताया जा रहा है.
  • सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि जल्द ही सबके नाम सामने लाए जाएंगे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.

योगी सरकार पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से काम कर रही है. प्रदेश भर में जो लोग लापरवाह थे, जो ऑफिस नहीं पहुंच रहे थे, भ्रष्टाचार में लिप्त थे, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब सरकारी सेवा को उनकी जरूरत नहीं है.
-श्रीकांत शर्मा, ऊर्जा मंत्री, उत्तर प्रदेश

Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अधिकारियों की खैर नहीं है। कामों में लापरवाही करने वाले, समय से दफ्तर नहीं पहुंचने और भ्रष्टाचार में लिप्तअधिकारियों के ऊपर गाज गिरी है। योगी सरकार ने ऐसे 200 लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उन्हें सेवा से रिटायरमेंट दे दिया है। 400 अधिकारियों कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि उन्होंने अगर खुद में सुधार नहीं किया तो उन्हें भी सरकारी सेवा से रिटायर कर दिया जाएगा। योगी सरकार की कार्यवाही से सरकारी अमले में हड़कंप मचा हुआ है।


Body:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 के आखरी में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करने के लिए कहा था। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने विभागों में स्क्रीनिंग करके ऐसे लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों की स्क्रीनिंग करके सूची तैयार करें। ताकि उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सके। इसी कड़ी में अब योगी सरकार ने क्या कार्यवाही शुरू कर दी है।

पिछले दिनों शासन की एक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाई थी। वाराणसी में वर्षों से चल रही वाटर पाइप लाइन योजना की देरी पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि इसमें करीब 1000 करोड रुपये खर्च हो गए हैं। अभी तक योजना को मूर्त रूप नहीं मिल सका है। योजना की शुरुआत से अब तक जो जो जिम्मेदार अधिकारी काम किए हैं उनके खिलाफ जुलाई के प्रथम सप्ताह में कार्यवाही की जाए। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।

बताया जा रहा है कि इसमें सबसे अधिक अधिकारी राजस्व और गृह विभाग के हैं जिनके ऊपर कार्यवाही की गई है। कई आईएएस अधिकारियों के बारे में भी योगी सरकार ने केंद्र सरकार को कार्यवाही के लिए लिखा है। हालांकि आधिकारिक रूप से उन आईएएस अधिकारियों का नाम अभी नहीं बताया जा रहा है। लेकिन सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि जल्द ही सबके नाम सामने लाए जाएंगे जिन-जिन के खिलाफ कार्रवाई की गई है।उनके नाम भी सामने लाये जाएंगे जिनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।

बाईट-सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि योगी सरकार पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से काम कर रही है। प्रदेशभर में जो लोग लापरवाह थे। जो लोग ऑफिस नहीं पहुंच रहे थे। भ्रष्टाचार में लिप्त थे। ऐसे 200 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। उन लोगों को प्रणाम कर लिया गया है कि अपने घर बैठे। अब सरकारी सेवा को उनकी जरूरत नहीं है। इसके साथ ही 400 ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है। उन्हें चेतावनी देकर देते हुए नोटिस कहा गया है कि वह अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाएं अन्यथा उन्हें भी सेवा से रिटायर कर दिया जाएगा। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में हो जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।


Conclusion:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही करके यह संदेश देना चाहते हैं कि बेहतर काम नहीं करने और परिणाम नहीं देने वाले अधिकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार जिला अधिकारियों और पुलिस कप्तानों को सुबह 9:00 बजे दफ्तर पहुंचने और हर दिन जन सुनवाई करने के निर्देश दे चुके हैं। बावजूद इसके तमाम अधिकारी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक है। यही वजह है कि वह ऐसे लोगों पर कार्यवाही करके जिलाधिकारियों और कप्तानों को यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर उन्होंने अपने में सुधार नहीं किया तो उन पर भी जल्द ही गाज गिरेगी।
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