लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अधिकारियों की खैर नहीं है. काम में लापरवाही करने वाले, समय से दफ्तर नहीं पहुंचने और भ्रष्टाचार में लिप्त 200 अधिकारियों के ऊपर गाज गिरी है. योगी सरकार ने ऐसे 400 लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों को सेवा से रिटायरमेंट देने की तैयारी भी कर रही है. वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी भी दी गई है कि उन्होंने अगर खुद में सुधार नहीं किया तो उन्हें भी सरकारी सेवा से रिटायर कर दिया जाएगा. योगी सरकार की इस कार्रवाई से सरकारी अमले में हड़कंप मचा हुआ है.
गैरजिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2017 के आखिरी में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करने के लिए कहा था.
- मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने विभागों में स्क्रीनिंग करके ऐसे लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार करें.
- इसी कड़ी में अब योगी सरकार ने कार्रवाई करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है.
- दरअसल पिछले दिनों शासन की एक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाई थी.
- वाराणसी में सालों से चल रही वाटर पाइप लाइन योजना की देरी पर नाराजगी जाहिर की थी.
- इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं, अभी तक योजना को मूर्त रूप नहीं मिल सका है.
- योजना की शुरुआत से अब तक जो जिम्मेदार अधिकारी काम किए हैं, उनके खिलाफ जुलाई के प्रथम सप्ताह में कार्रवाई की जाए.
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
- सबसे अधिक अधिकारी राजस्व और गृह विभाग के हैं, जिनके ऊपर कार्रवाई की गई है.
- कई आईएएस अधिकारियों के बारे में भी योगी सरकार ने केंद्र सरकार को कार्रवाई के लिए लिखा है.
- हालांकि आधिकारिक रूप से उन आईएएस अधिकारियों का नाम अभी नहीं बताया जा रहा है.
- सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि जल्द ही सबके नाम सामने लाए जाएंगे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.
योगी सरकार पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से काम कर रही है. प्रदेश भर में जो लोग लापरवाह थे, जो ऑफिस नहीं पहुंच रहे थे, भ्रष्टाचार में लिप्त थे, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब सरकारी सेवा को उनकी जरूरत नहीं है.
-श्रीकांत शर्मा, ऊर्जा मंत्री, उत्तर प्रदेश