लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आगरा के पारस हॉस्पिटल में की गई मॉकड्रिल से हुई मौतों पर क्लीन चिट मिलने पर योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने डेथ आडिट कमेटी की रिपोर्ट को राज्य की योगी सरकार की विफलताओं पर पर्दा डालने का जघन्य पाप बताते, कहा कि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार बताए कि यदि आक्सीजन उपलब्ध थी, तो हॉस्पिटल में मॉकड्रिल का औचित्य क्या था.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता मौतों का जवाब चाहती है. उन्होंने कहा कि पारस हॉस्पिटल में 22 कोरोना संक्रमितों को लगी ऑक्सीजन किस उद्देश्य से हटाई गई और जांच रिपोर्ट में 22 की जगह 16 मौतों को स्वीकार किया गया. फिर भी हॉस्पिटल में मॉकड्रिल के लिए जिम्मेदार हॉस्पिटल संचालक पर कार्रवाई करने के बजाय उसे क्लीन चिट दी गई. यह बताने के साथ ही साथ यह भी राज्य सरकार को बताना होगा कि हॉस्पिटल संचालक का भाजपा से क्या रिश्ता है.
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि फिर से सरकार ने अपना चरित्र दोहराया है. 22 लोगों के हत्यारे पारस अस्पताल के मालिक को क्लीन चिट दे करके दिखाया है कि सरकार सिर्फ और सिर्फ माफिया तंत्र को बचाना चाहती है. उन्होंने कहा कि आप उत्तर प्रदेश के जनमानस में यह सवाल है कि अस्पताल के मालिक के बयान को क्यों लिया गया. बिना वीडियो की पुष्टि के उसको भ्रमक क्यों बता दिया गया. पीड़ितों के बयान क्यों नहीं दर्ज किए गए.
यह था मामला
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के पारस अस्पताल का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें अस्पताल संचालक बता रहे थे कि 26 अप्रैल की सुबह सात बजे ऑक्सीजन बंद करने मॉकड्रिल की गई थी. मॉकड्रिल में 22 मरीजों की मौत हो गई थी. 74 मरीज बचे जिनके तीमारदारों से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए गए थे. जिस समय आगरा में कोरोना संक्रमण पीक पर चल रहा था. उस समय आगरा के पारस अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे.