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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 50 साल से कम उम्र के नेताओं के सहारे कांग्रेस की चुनावी नैया

2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनावी नैया 50 साल से कम उम्र के युवाओं के सहारे होगी. टिकट बांटने के लिए बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख जितेंद्र सिंह राजस्थान की अलवर स्टेट के राजकुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं.

50 साल से कम उम्र के नेताओं के सहारे कांग्रेस की चुनावी नैया
50 साल से कम उम्र के नेताओं के सहारे कांग्रेस की चुनावी नैया
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Published : Sep 17, 2021, 10:20 PM IST

लखनऊः विधानसभा चुनाव 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कमान 50 साल से कम उम्र के युवाओं के सहारे होगी. टिकट बांटने के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है. जिसके प्रमुख जितेंद्र सिंह राजस्थान की अलवर स्टेट के राजकुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. जबकि दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह के बेटे हैं और दो बार के सांसद रह चके हैं. जबकि देश की सबसे बड़ी स्लम धारावी की विधायक वर्षा गायकवाड़ इस टीम की तीसरी मेंबर हैं. जिनका उत्तर प्रदेश से संबंध नहीं है. बाकी टीम के तीन अहम सदस्य उत्तर प्रदेश कांग्रेस से संबंध रखते हैं.

इन लोगों में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, आराधना मिश्रा और कांग्रेस के सभी सचिव शामिल किए गए हैं. प्रमुख टीम में केलव अजय कुमार लल्लू ही ऐसा नाम है, जो युवा नहीं हैं.

जितेंद्र सिंह जो कि कांग्रेस सरकार में कभी युवा कल्याण मंत्री थे. उनकी उम्र करीब 50 साल है. वे अलवर स्टेट के राजकुमार हैं, प्रियंका गांधी के नजदीक बताए जाते हैं और राजस्थान में कांग्रेस की जीत में उनका अहम योगदान रहा है. वर्षा गायकवाड़ धारावी जैसे घने बसे इलाके में विधायक हैं और जुझारु युवा नेता बताई जाती हैं. धारावी में उनकी जीत काफी संघर्ष भरी बताई जाती हैं और युवाओं की नब्ज को वे अच्छी तरह से पकड़ सकती हैं. दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से हैं और वे इस स्क्रीनिंग कमेटी में राहुल गांधी गुट का प्रतिनिधित्व करते हैं. भले ही कांग्रेस हरियााणा में पिछला चुनाव हार गई हो मगर प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. दीपेंद्र हुड्डा को राजनीति विरासत में मिली है और वे अपने पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सियासत का ककहरा सीख कर आए हैं.

प्रियंका गांधी पर ही रहेगा जिम्मा

उत्तर प्रदेश के स्क्रीनिंग कमेटी में जो सदस्य हैं, उनकी सिरमौर प्रियंका गांधी होंगी. प्रियंका गांधी की उम्र भी 50 से कुछ कम ही है और वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुत्री हैं. भले ही दूसरे राज्यों के प्रतिनिधियों को स्क्रीनिंग कमेटी में रखा गया हो मगर अंतिम निर्णय प्रियंका का ही होगा.

अजय कुमार लल्लू को लेकर संशय फिलहाल टला

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को लेकर जारी संशय फिलहाल टल गया है. कहा जा रहा था कि उनके नेतृत्व पर खतरा मंडरा रहा है. मगर उनको स्क्रनिंग कमेटी में शामिल करके हाईकमान ने यह संदेश दे दिया है कि लल्लू अपने पद पर बने रहेंगे और टिकट वितरण में अहम भूमिका निभाएंगे. जबकि 46 साल की आराधना मिश्रा मोना रामपुर खास से विधायक रही हैं और गांधी परिवार की गुड बुक में गिनी जाती रहीं हैं. आराधना कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा भी बन सकती हैं. जिनके जरिये पार्टी चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं को आकर्षित करेंगी.

इसे भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीनेशन का रिकार्डः यूपी में शाम 5 बजे तक 15 लाख से ज्यादा लोगों को लगा टीका

नेतृत्व ने जताया है युवाओं पर भरोसा, हमारी जीत पक्की

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि हमारी जीत तय है. नेतृत्व ने युवाओं पर भरोसा जताया है और पार्टी अब दोगुनी ताकत से चुनाव लड़ेगी और विजय प्राप्त करेगी. यह स्क्रीनिंग कमेटी ही प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों को फाइनल करेगी.

लखनऊः विधानसभा चुनाव 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कमान 50 साल से कम उम्र के युवाओं के सहारे होगी. टिकट बांटने के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है. जिसके प्रमुख जितेंद्र सिंह राजस्थान की अलवर स्टेट के राजकुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. जबकि दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह के बेटे हैं और दो बार के सांसद रह चके हैं. जबकि देश की सबसे बड़ी स्लम धारावी की विधायक वर्षा गायकवाड़ इस टीम की तीसरी मेंबर हैं. जिनका उत्तर प्रदेश से संबंध नहीं है. बाकी टीम के तीन अहम सदस्य उत्तर प्रदेश कांग्रेस से संबंध रखते हैं.

इन लोगों में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, आराधना मिश्रा और कांग्रेस के सभी सचिव शामिल किए गए हैं. प्रमुख टीम में केलव अजय कुमार लल्लू ही ऐसा नाम है, जो युवा नहीं हैं.

जितेंद्र सिंह जो कि कांग्रेस सरकार में कभी युवा कल्याण मंत्री थे. उनकी उम्र करीब 50 साल है. वे अलवर स्टेट के राजकुमार हैं, प्रियंका गांधी के नजदीक बताए जाते हैं और राजस्थान में कांग्रेस की जीत में उनका अहम योगदान रहा है. वर्षा गायकवाड़ धारावी जैसे घने बसे इलाके में विधायक हैं और जुझारु युवा नेता बताई जाती हैं. धारावी में उनकी जीत काफी संघर्ष भरी बताई जाती हैं और युवाओं की नब्ज को वे अच्छी तरह से पकड़ सकती हैं. दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से हैं और वे इस स्क्रीनिंग कमेटी में राहुल गांधी गुट का प्रतिनिधित्व करते हैं. भले ही कांग्रेस हरियााणा में पिछला चुनाव हार गई हो मगर प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. दीपेंद्र हुड्डा को राजनीति विरासत में मिली है और वे अपने पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सियासत का ककहरा सीख कर आए हैं.

प्रियंका गांधी पर ही रहेगा जिम्मा

उत्तर प्रदेश के स्क्रीनिंग कमेटी में जो सदस्य हैं, उनकी सिरमौर प्रियंका गांधी होंगी. प्रियंका गांधी की उम्र भी 50 से कुछ कम ही है और वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुत्री हैं. भले ही दूसरे राज्यों के प्रतिनिधियों को स्क्रीनिंग कमेटी में रखा गया हो मगर अंतिम निर्णय प्रियंका का ही होगा.

अजय कुमार लल्लू को लेकर संशय फिलहाल टला

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को लेकर जारी संशय फिलहाल टल गया है. कहा जा रहा था कि उनके नेतृत्व पर खतरा मंडरा रहा है. मगर उनको स्क्रनिंग कमेटी में शामिल करके हाईकमान ने यह संदेश दे दिया है कि लल्लू अपने पद पर बने रहेंगे और टिकट वितरण में अहम भूमिका निभाएंगे. जबकि 46 साल की आराधना मिश्रा मोना रामपुर खास से विधायक रही हैं और गांधी परिवार की गुड बुक में गिनी जाती रहीं हैं. आराधना कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा भी बन सकती हैं. जिनके जरिये पार्टी चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं को आकर्षित करेंगी.

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नेतृत्व ने जताया है युवाओं पर भरोसा, हमारी जीत पक्की

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि हमारी जीत तय है. नेतृत्व ने युवाओं पर भरोसा जताया है और पार्टी अब दोगुनी ताकत से चुनाव लड़ेगी और विजय प्राप्त करेगी. यह स्क्रीनिंग कमेटी ही प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों को फाइनल करेगी.

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