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Ayushman Bharat Digital Mission में उत्तर प्रदेश की ऊंची छलांग, देश में बना नंबर वन - राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी (Ayushman Bharat Digital Mission) आंकड़ों के अनुसार, यूपी 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट जनरेट करके पूरे देश में प्रथम स्थान पर है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 29, 2023, 5:42 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बहुत से मरीज लाभान्वित होते हैं. प्रदेश के योगी सरकार चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में पुरजोर कोशिश कर रही है, जिसका नतीजा आज सभी के सामने है. प्रदेश न सिर्फ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट निर्मित करने में देश में नंबर एक स्थान पर है, बल्कि हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के रजिस्ट्रेशन, डिजिटल हेल्थ इंन्सेंटिव स्कीम और स्कैन एंड शेयर टोकन जनरेट करने में भी उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर वन पोजिशन पर पहुंच गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं समय समय पर प्रदेश एबीडीएम को लेकर किये जा रहे कार्यों की न सिर्फ समीक्षा करते हैं बल्कि अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी करते हैं.

उत्तर प्रदेश की ऊंची छलांग
उत्तर प्रदेश की ऊंची छलांग

2.73 करोड़ मेडिकल हिस्ट्री भी अपडेट : राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) जनरेट करके पूरे देश में प्रथम स्थान पर है, जबकि आंध्र प्रदेश दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे, महाराष्ट्र चौथे और गुजरात पांचवें, पश्चिम बंगाल छठे, कर्नाटक सातवें और ओडिशा आठवें स्थान पर है, वहीं इन 4.77 करोड़ अकाउंट्स के अंतर्गत 2.73 करोड़ से ज्यादा लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड को भी अपडेट किया जा चुका है. इस मामले में भी उत्तर प्रदेश देश के टॉप थ्री राज्यों में है.

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन



अधिक से अधिक प्राइवेट हेल्थ सेंटर को जोड़ने में जुटी योगी सरकार : वहीं हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. प्रदेश में कुल 42,741 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स का रजिस्ट्रेशन आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत किया जा चुका है, इसमें 10 हजार से अधिक डॉक्टर और 32 हजार से अधिक नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं. इसके साथ ही एचएफआर के मामले में यूपी देश में दूसरे स्थान पर है. प्रदेश में 38,863 हेल्थ फैसिलिटी सेंटरों को रजिस्टर किया जा चुका है. इनमें सरकार और प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधा केंद्र शामिल हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश और मध्य प्रदेश तीसरे, चौथे, पांचवें और छठे स्थान पर हैं. कर्नाटक प्रथम स्थान पर है. योगी सरकार का लक्ष्य है कि जितनी जल्दी हो सके प्रदेश के अधिक से अधिक प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के साथ जोड़ा जाए.


डिजिटल टोकन से ओपीडी के लिए अब 4 से 5 मिनट की वेटिंग : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत स्कैन एंड टोकन जनरेट करने के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. यूपी में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सेवा के उपयोग से ऑनलाइन ओपीडी के लिए 33,79,592 टोकन रजिस्ट्रेशन किया गया, जो पूरे देश में सर्वाधिक है. इस रैंकिंग में कर्नाटक दूसरे, जम्मू एवं कश्मीर तीसरे, दिल्ली चौथे, आंध्र प्रदेश पांचवें और छत्तीसगढ़ छठे स्थान पर है. डिजिटल ओपीडी टोकन रजिस्ट्रेशन का सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि पहले जहां आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए तकरीबन एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ता था, जोकि अब घटकर 5 मिनट रह गया है. तकरीबन 34 लाख बार मरीजों ने अब तक स्कैन एंड टोकन जनरेट सुविधा का लाभ उठाया है. बता दें कि प्रदेश में ऐसे 545 अस्पताल हैं, जिनमें हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) का इस्तेमाल होता है.

यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में पूरे देश में अव्वल उत्तर प्रदेश, मिलेगा सम्मान

यह भी पढ़ें : देश के हर नागरिक को मिलेगा डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र : मोदी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बहुत से मरीज लाभान्वित होते हैं. प्रदेश के योगी सरकार चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में पुरजोर कोशिश कर रही है, जिसका नतीजा आज सभी के सामने है. प्रदेश न सिर्फ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट निर्मित करने में देश में नंबर एक स्थान पर है, बल्कि हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के रजिस्ट्रेशन, डिजिटल हेल्थ इंन्सेंटिव स्कीम और स्कैन एंड शेयर टोकन जनरेट करने में भी उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर वन पोजिशन पर पहुंच गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं समय समय पर प्रदेश एबीडीएम को लेकर किये जा रहे कार्यों की न सिर्फ समीक्षा करते हैं बल्कि अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी करते हैं.

उत्तर प्रदेश की ऊंची छलांग
उत्तर प्रदेश की ऊंची छलांग

2.73 करोड़ मेडिकल हिस्ट्री भी अपडेट : राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) जनरेट करके पूरे देश में प्रथम स्थान पर है, जबकि आंध्र प्रदेश दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे, महाराष्ट्र चौथे और गुजरात पांचवें, पश्चिम बंगाल छठे, कर्नाटक सातवें और ओडिशा आठवें स्थान पर है, वहीं इन 4.77 करोड़ अकाउंट्स के अंतर्गत 2.73 करोड़ से ज्यादा लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड को भी अपडेट किया जा चुका है. इस मामले में भी उत्तर प्रदेश देश के टॉप थ्री राज्यों में है.

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन



अधिक से अधिक प्राइवेट हेल्थ सेंटर को जोड़ने में जुटी योगी सरकार : वहीं हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. प्रदेश में कुल 42,741 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स का रजिस्ट्रेशन आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत किया जा चुका है, इसमें 10 हजार से अधिक डॉक्टर और 32 हजार से अधिक नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं. इसके साथ ही एचएफआर के मामले में यूपी देश में दूसरे स्थान पर है. प्रदेश में 38,863 हेल्थ फैसिलिटी सेंटरों को रजिस्टर किया जा चुका है. इनमें सरकार और प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधा केंद्र शामिल हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश और मध्य प्रदेश तीसरे, चौथे, पांचवें और छठे स्थान पर हैं. कर्नाटक प्रथम स्थान पर है. योगी सरकार का लक्ष्य है कि जितनी जल्दी हो सके प्रदेश के अधिक से अधिक प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के साथ जोड़ा जाए.


डिजिटल टोकन से ओपीडी के लिए अब 4 से 5 मिनट की वेटिंग : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत स्कैन एंड टोकन जनरेट करने के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. यूपी में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सेवा के उपयोग से ऑनलाइन ओपीडी के लिए 33,79,592 टोकन रजिस्ट्रेशन किया गया, जो पूरे देश में सर्वाधिक है. इस रैंकिंग में कर्नाटक दूसरे, जम्मू एवं कश्मीर तीसरे, दिल्ली चौथे, आंध्र प्रदेश पांचवें और छत्तीसगढ़ छठे स्थान पर है. डिजिटल ओपीडी टोकन रजिस्ट्रेशन का सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि पहले जहां आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए तकरीबन एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ता था, जोकि अब घटकर 5 मिनट रह गया है. तकरीबन 34 लाख बार मरीजों ने अब तक स्कैन एंड टोकन जनरेट सुविधा का लाभ उठाया है. बता दें कि प्रदेश में ऐसे 545 अस्पताल हैं, जिनमें हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) का इस्तेमाल होता है.

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