लखनऊः राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के तमाम स्कूलों में ऐसे अनफिट वाहन संचालित हो रहे हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. मासूमों के लिए ये जानलेवा साबित हो सकते हैं. लखनऊ में ऐसे ही स्कूली वाहनों की सघन चेकिंग की जाएगी. 11 मानकों पर खरे उतरने वाले वाहनों को ही स्कूल के बच्चों को ढोने का ग्रीन सिग्नल दिया जाएगा. इन बिंदुओं पर जो भी वाहन खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें संचालित नहीं होने दिया जाएगा. परिवहन विभाग गर्मी की छुट्टियों में सभी स्कूल वाहन संचालकों को इस बाबत नोटिस भेजेगा. सभी स्कूली बस और वैन का फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल करने की सलाह देगा.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहे ऐसे करीब साढ़े चार हजार वाहनों की सूची में बिना फिटनेस वाले वाहनों को सूचीबद्ध किया जा रहा है. अब तक 22 स्कूलों से संबद्ध 750 स्कूली वाहन अनफिट हैं. इनकी फिटनेस कराने के लिए नोटिस में सुरक्षा से जुड़े सभी बिंदुओं के बारे में जानकारी दी गई है. इन बिंदुओं पर ही स्कूली वाहनों की फिटनेस होगी, जिससे स्कूल खुलने के बाद वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का कोई सवाल खड़ा न हो.
स्कूल वाहनों में सुरक्षा के ये मानक
लखनऊ में तैनात एआरटीओ (प्रवर्तन) अमित राजन राय का कहना है कि स्कूली वाहनों की फिटनेस में प्रदूषण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट, वाहन पर मोबाइल नंबर, पुलिस हेल्पलाइन नंबर,चालक का डीएल, ड्राइवर का पुलिस वैरीफिकेशन, जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा एवं स्पीड कंट्रोल डिवाइस और अग्निशमन यंत्र अनिवार्य है.
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