लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 15 दिसंबर के बाद से ही शीतलहर ने लगातार कहर बरपाया हुआ है. हालात ऐसे हो चले हैं कि लगभग 22 साल पुराना रिकॉर्ड इस बार शीतलहर ने तोड़ दिया है. इसका असर अब आम जनजीवन के ऊपर भी पड़ने लगा है. जानकारी के मुताबिक अब तक करीब 35 मौतें शीतलहर की वजह से हो चुकी हैं. सुबह और रात को घने कोहरे से दृश्यता 200 मीटर और उससे कम के आसपास दर्ज की जा रही है.
मौसम विभाग ने कई और दिनों तक ऐसी ही स्थिति जारी रहने का अनुमान जताया है. वहीं बुंदेलखंड समेत प्रदेश के अन्य जिलों में ठंड ने लोगों की कमर तोड़ दी है. जिला अस्पतालों में भी मरीजों का तांता लगा हुआ है. इन मरीजों को रक्तचाप, हृदय गति आदि जैसी बीमारियों के कारण अस्पतालों में आना पड़ रहा है.
वहीं जब इसको लेकर विशेषज्ञों से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि सर्दी व शीतलहर चलने की वजह से रक्तचाप से संबंधित मरीजों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. साथ ही साथ इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों को ठंड में बाहर न निकलने की नसीहत भी दी है. मौसम वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के मुताबिक, आने वाली 10 जनवरी तक हालात और भी खराब होंगे. साथ ही साथ पश्चिमी क्षेत्र से चल रही बर्फीली हवाएं उत्तर प्रदेश में शीतलहर और ठंड के कहर को और अधिक बढ़ा सकती हैं.
उन्नाव में एक युवक की मौत
उन्नाव: जनपद के गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के पोनी गांव में ठंड का कहर देखने को मिला है. यहां ठंड लगने से एक युवक की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि युवक राम बालक बुधवार शाम काम करने के बाद घर लौटा, जिसके बाद उसे सीने में दर्द और ठंड की शिकायत हुई. देर रात फिर उसे दर्द हुआ और ठंड के चलते मौत हो गई. युवक की ठंड से मौत की सूचना पर प्रशासन मौके पर पहुंचा . तहसीलदार ओपी शुक्ला ने बताया कि युवक को ठंड और सीने में दर्द की शिकायत थी, फिलहाल शासनादेश के अनुसार पीड़ित परिवार की मदद की जाएगी.
परिजनों ने बताया कि ड्यूटी करने के बाद युवक घर आया तो उसे ठंड लग गई, जिसके बाद हाथ तपवाया गया, जिससे युवक को थोड़ी सी राहत मिली. ठंड की वजह से रात को एक बार फिर तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद युवक को डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने युवक को मृत घोषित कर दिया.
जालौन में एक किसान की मौत
जालौन: जिले में ठंड का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. उरई मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर कदौरा थाना क्षेत्र के कस्बे पुरवा में खेत में पानी लगाने के दौरान ठंड लगने से एक किसान की हालत ज्यादा बिगड़ गई. परिजनों ने किसान को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत में सुधार न होने पर झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गईं.
मृतक के बेटे धर्मेंद्र ने बताया कि पिता जी खेत में पानी लगा रहे थे और सर्दी लगने से उनकी जान चली गई. वहीं उप जिलाधिकारी कौशल कुमार का कहना है कि सूचना के आधार पर लेखपाल की टीम को मौके पर भेजकर जानकारी की जा रही है.