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एक विषय की परीक्षा में थमा दिए दो-दो पेपर, जानिए क्यों - शारीरिक शिक्षा विभाग की परीक्षा

लखनऊ विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग में बुधवार को जो हुआ उससे छात्र परेशान हो गए. यहां मिड सेमेस्टर में एक ही विषय की परीक्षा में छात्रों को दो-दो पेपर थमा दिए गए. दोनों शिक्षक भी आमने-सामने खड़े हो गए. छात्र परेशान हो गए कि, किस पेपर के उत्तर लिखें और कौन सा पेपर छोड़ दें.

लखनऊ विश्वविद्यालय.
लखनऊ विश्वविद्यालय.
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Published : Mar 25, 2021, 2:14 AM IST

लखनऊः शारीरिक शिक्षा विभाग में बुधवार को बीपीएड प्रथम सेमेस्टर के इतिहास का पेपर था. परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होनी थी. परीक्षा विभाग के कमरा नम्बर एक, दो और तीन में थी. अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. बीके शुक्ला ने बताया कि 10 बजे डॉ. शशि कनौजिया ने अपना बनाया हुआ पेपर बांट दिया. कुछ देर के बाद डॉ. नीरज जैन भी अपना पेपर लेकर आ गए. उन्होंने भी अपना पेपर बांट दिया. हालांकि प्रो. बीके शुक्ला की मानें तो डॉ. नीरज जैन की ओर से बांटा गया पेपर ही स्वीकार किया जाएगा. उधर डॉ. नीरज जैन का कहना है कि उन्होंने 10 बजे परीक्षा का कार्यक्रम तय किया गया, लेकिन डॉ. शशि कनौजिया ने करीब पांच मिनट पहले ही अपना बनाया हुआ पेपर बांट दिया. यही स्थिति 11 बजे एमपीएड की रिसर्च पेपर की परीक्षा में हुआ.

यह है विवाद की असली जड़

विश्वविद्यालय के इस विभाग में काफी विवाद चल रहा है. अभी तक यहां डॉ. नीरज जैन का दबदबा रहा है. विभाग के अन्य शिक्षक मोहम्मद तारिख और डॉ. शशि कनौजिया के साथ खींचातानी होती रही है. डॉ. नीरज जैन बीते दिसम्बर माह में सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उन्होंने 30 जून तक का सत्र लाभ मिला हुआ है. ऐसे में जो भी विवाद हैं वह खुलकर सामने आने लगे हैं. इस विवाद की चर्चाएं पूरे विश्वविद्यालय में हैं.

विवाद में पिस रहे हैं छात्र

गुरुजनों के इस विवाद में खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. शिक्षकों की गुटबाजी के कारण छात्र भी बंटे हुए हैं. बुधवार को यह विवाद मिड सेमेस्टर परीक्षा में खुलकर सामने भी आ गया. जानकारों की मानें तो विवाद के कारण स्थितियां भी खराब हो रही हैं. ॉ

इसे भी पढ़ें- समाज के हर जरूरतमंद को मिल रहा सरकार की योजनाओं का लाभ: सुरेश खन्ना

लखनऊः शारीरिक शिक्षा विभाग में बुधवार को बीपीएड प्रथम सेमेस्टर के इतिहास का पेपर था. परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होनी थी. परीक्षा विभाग के कमरा नम्बर एक, दो और तीन में थी. अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. बीके शुक्ला ने बताया कि 10 बजे डॉ. शशि कनौजिया ने अपना बनाया हुआ पेपर बांट दिया. कुछ देर के बाद डॉ. नीरज जैन भी अपना पेपर लेकर आ गए. उन्होंने भी अपना पेपर बांट दिया. हालांकि प्रो. बीके शुक्ला की मानें तो डॉ. नीरज जैन की ओर से बांटा गया पेपर ही स्वीकार किया जाएगा. उधर डॉ. नीरज जैन का कहना है कि उन्होंने 10 बजे परीक्षा का कार्यक्रम तय किया गया, लेकिन डॉ. शशि कनौजिया ने करीब पांच मिनट पहले ही अपना बनाया हुआ पेपर बांट दिया. यही स्थिति 11 बजे एमपीएड की रिसर्च पेपर की परीक्षा में हुआ.

यह है विवाद की असली जड़

विश्वविद्यालय के इस विभाग में काफी विवाद चल रहा है. अभी तक यहां डॉ. नीरज जैन का दबदबा रहा है. विभाग के अन्य शिक्षक मोहम्मद तारिख और डॉ. शशि कनौजिया के साथ खींचातानी होती रही है. डॉ. नीरज जैन बीते दिसम्बर माह में सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उन्होंने 30 जून तक का सत्र लाभ मिला हुआ है. ऐसे में जो भी विवाद हैं वह खुलकर सामने आने लगे हैं. इस विवाद की चर्चाएं पूरे विश्वविद्यालय में हैं.

विवाद में पिस रहे हैं छात्र

गुरुजनों के इस विवाद में खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. शिक्षकों की गुटबाजी के कारण छात्र भी बंटे हुए हैं. बुधवार को यह विवाद मिड सेमेस्टर परीक्षा में खुलकर सामने भी आ गया. जानकारों की मानें तो विवाद के कारण स्थितियां भी खराब हो रही हैं. ॉ

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