लखनऊ : राजधानी के महानगर के निशातगंज पेपर मिल चौराहे के पास रईसजादे की कार से कुचलकर दो मजदूरों की मौत (Two laborers crushed to death by Thar car) हो गई थी. मजदूरों की मौत से नाराज परिजनों ने शव मिलने के बाद बीती शाम को हंगामा कर दिया. परिजनों ने निशातगंज पुलिस चौकी के बाहर मुआवजे और कार चालक की गिरफ्तारी की मांगकर शव रखकर प्रदर्शन किया, वहीं मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों ने परिजनों को संभव आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया.
महानगर पेपर मिल काॅलोनी चौराहे के पास बुधवार देर रात स्मार्ट सिटी के तहत दो मजदूर निशातगंज निवासी सुरेंद्र (25) और रायबरेली निवासी संदीप (28) सड़क पर मरम्मत का काम कर रहे थे, इसी बीच रईसजादे ने अपनी थार कार से दोनों मजदूरों को कुचल दिया. हादसे के बाद कार चालक मौके से भाग निकला था. हादसे में दोनों मजदूर बुरी तरह से घायल हो गए थे, जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बृहस्पतिवार को इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई थी. जिसके बाद गुरूवार देर शाम शव मिलने के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों ने निशातगंज पुलिस चौकी के बाहर सड़क पर मजदूरों का शव रखकर जाम लगा दिया, परिजन मुआवजा और नौकरी देने की मांग पर अड़े रहे. मृतक मजदूर सुरेंद्र के परिजनों ने कार चालक की गिरफ्तारी, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और पचास लाख के मुआवजे की मांग की. एसीपी महानगर ने परिजनों को संभव आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया, साथ ही चालक की गिरफ्तारी की बात पर परिजनों ने धरने को समाप्त किया.
सुरेंद्र की मौत के बाद से पत्नी अमृता का रो-रोकर बुरा हाल है. अमृता दुधमुही बेटी लाडो और मासूम बेटे सक्षम के साथ शव के पास बैठकर सरकार से बच्चों के पालन पोषण के लिए मुआवजे की मांग करती रही. भाई मनोहर ने बताया कि पुलिस थार गाड़ी जब्त करने के बाद भी अभी तक कार सवार युवकों और चालक का पता नहीं लगा सकी है. पुलिस ने अमृता को सरकारी नौकरी और 25 लाख तक का मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया है.
इंस्पेक्टर केशव कुमार तिवारी के मुताबिक, घटना के बाद थार चालक गाड़ी छोड़कर भाग निकले. थार पर नंबर प्लेट नहीं थी, चेचिंस और इंजन नंबर के आधार पर मालिक और चालक के विषय में जानकारी की जा रही है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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