लखनऊ : प्रदेश भर में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य हो रहा है. इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग में लगातार कार्रवाई चल रही है. लंबे समय से सरकारी अस्पतालों से गायब दो चिकित्सकों को डिप्टी सीएम के आदेश अनुसार बर्खास्त कर दिया गया है. हाल ही में इससे पहले भी गोंडा के दो और अलीगढ़ के एक चिकित्सक को बर्खास्त किया गया था. बुधवार को सीतापुर व आगरा के दो चिकित्सकों पर गाज गिरी है, वहीं गाजियाबाद के एक अस्पताल में इलाज में लापरवाही के चलते मरीज की मौत हो जाने के मामले में अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर उसे सील कर दिया गया है.
डिप्टी सीएम के प्रवक्ता की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, पीएचसी मछरेहटा (सीतापुर) पर तैनात डॉ. राजेश गुप्ता एवं पीएचसी चौरंगाहार, जैतपुर कलां (आगरा) पर तैनात डॉ. प्रियंक प्रताप सिंह लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहे थे. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है, वहीं गाजियाबाद के शालीमार गार्डन स्थित स्पर्श अस्पताल में मरीज रोहित पुत्र लीलू की इलाज में लापरवाही के चलते हुई मृत्यु के मामले में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच कराई है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के प्रारंभिक निर्देश पर सीएमओ ने अस्पताल का पंजीकरण निलंबित कर अस्पताल को सील कर दिया गया है. उधर, विकास खंड रतनपुरा, ग्राम गुलौरी (मऊ) में एक कुएं से सरकारी दवाइयां व अन्य सामग्री बरामद होने के बाद सीएचसी रतनपुरा के अधीक्षक डॉ. अंसराज सोनी, चीफ फार्मासिस्ट धनन्जय तिवारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश प्रमुख सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) को निर्देशित किया गया है.
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