लखनऊ. बिजली विभाग में अब ट्रांसफर के लिए कोई जुगाड़ नहीं चलेगा. अब पैसे खिलाकर मनचाही जगह पर कर्मचारी और अधिकारी पोस्टिंग नहीं करा सकेंगे. ग्राम विकास विभाग की तरह बिजली विभाग में भी अब ट्रांसफर और पोस्टिंग ऑनलाइन ही किए जाएंगे. निर्धारित ट्रांसफर पॉलिसी के तहत ही सारा काम होगा. पॉवर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने इस संबंध में सभी विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशकों को आदेश भेज दिया है.
पॉवर कारपोरेशन की तरफ से जारी आदेश में 7 अप्रैल से इंटरप्राइज रिसोर्स प्लैनिंग सिस्टम (ईआरपी) से ट्रांसफर पोस्टिंग करने की तैयारी शुरू करने का जिक्र किया गया है. ट्रांसफर ऑर्डर और चार्ज टेकओवर भी ईआरपी के माध्यम से ही किया जाएगा. कहने का अर्थ है कि कार्यभार ग्रहण करने और कार्यमुक्त होने के डॉक्यूमेंट ईआरपी पर अपलोड करना आवश्यक होगा. हर ट्रांसफर, पोस्टिंग पावर कारपोरेशन के ऑनलाइन सिस्टम पर अपलोड होगी. तबादला नीति के तहत 15 साल वाले चहेते अभियंता को उसी जिले में पोस्ट नहीं किया जा सकेगा. ईआरपी में अभियंता और कर्मचारी की पोस्टिंग का जो विवरण फीड है, उसी के आधार पर ट्रांसफर और पोस्टिंग होगी. ऑनलाइन ट्रांसफर पोस्टिंग से फायदा यह होगा कि जो अभियंता या कर्मचारी संगठन का पदाधिकारी होने का फर्जी दस्तावेज देकर ट्रांसफर पोस्टिंग से बच जाते थे, अब वह भी फस जाएंगे. अब वे अपना तबादला भी नहीं रुकवा सकेंगे.
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ट्रांसफर पॉलिसी के तहत अवर अभियंता एक जिले में पांच साल, मंडल में आठ साल और जोन में 10 साल रह सकता है. सहायक अभियंता जिले में पांच साल, मंडल में और जोन में 7 साल तैनात रह सकता है. इसी तरह अधिशासी अभियंता जिले में 3 साल, मंडल में 7 साल और जोन में भी 7 साल तैनात रह सकते हैं. अधीक्षण अभियंताओं की भी तैनाती जिले में तीन साल, मंडल में सात साल और जोन में सात साल हो सकती है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक प्रदीप कक्कड़ बताया कि पावर कारपोरेशन की तरफ से ऑनलाइन ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश जारी किए गए हैं. आदेश पर कार्रवाई भी प्रारंभ हो गई है. ईआरपी के जरिए ही अब ट्रांसफर पोस्टिंग के आदेश निर्गत किए जाएंगे.
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