लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बुधवार को चार बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के तबादले किए गए. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमेठी अरविंद पाठक को बीएसए वाराणसी की जिम्मेदारी दी गई है. जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान कानपुर नगर में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर कार्यरत संगीता सिंह को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमेठी की जिम्मेदारी दी गई. सहायक उप शिक्षा निदेशक एससीईआरटी अव्यक्त राम त्रिपाठी अब बीएसए बहराइच पद की जिम्मेदारी उठाएंगे. कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन लखनऊ में तैनात कल्पना देवी को बीएसए बलरामपुर में पद की जिम्मेदारी दी गई है.
तबादले पर उठ रहे सवालः उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के तबादलों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से की गई जांच में 124 कर्मचारियों के तबादलों में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है. लेकिन इस पूरे प्रकरण में अभी तक कोई कार्रवाई न किए जाने के चलते कर्मचारियों में काफी नाराजगी है. कर्मचारियों का कहना है कि उनकी तरफ से बीते दिनों विरोध प्रदर्शन किया गया था. जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों की तरफ से उनकी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया गया था. काफी समय गुजर जाने के बाद भी अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन (UP Educational Ministerial Officers Association) की ओर से इस संबंध में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. संगठन की तरफ से सत्र 2022-23 में हुए सभी स्थानांतरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई गई है. 238 कर्मचारियों के तबादलों में अनियमितता की शिकायत अपर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज समेत अन्य अधिकारियों से की गई है.
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संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष विवेक यादव और संगठन प्रांतीय महामंत्री राजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्ष 2022-23 के लिए 15 जून को आदेश जारी किए गए थे. इसके अनुसार, समूह ' ग ' और समूह ' घ ' के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कर्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जाने थे.
उक्त निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानान्तरण अपरिहार्यता की स्थिति में प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानान्तरण किये जाने थे. कर्मचारी संघ पूरी तरह से इससे सहमत है. निश्चित रूप से स्थानान्तरण नीति कर्मचारियों के हित को दृष्टिगत रखते हुए ही बनाई गई है.
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