लखनऊ: नया साल 2022 के पहले दिन से महंगाई अपने चरम पर होगी. क्योंकि अब जीएसटी काउंसलिंग द्वारा कपड़ा कारोबार, रेडीमेड, होजरी व जूता इत्यादि चीजें लोगों को महंगी खरीदनी पड़ेगी. इसकी वजह यह है कि जीएसटी काउंसलिंग द्वारा जीएसटी दर को बढ़ाने का प्रस्तावित निर्णय लिया गया है और यह बढ़ी हुई दर 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगी.
दरअसल इन चीजों पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया है. जीएसटी काउंसलिंग के इस फैसले का व्यापारी लगातार विरोध कर रहे हैं. बढ़ी हुई जीएसटी दर वापस लेने की मांग कर रहे आक्रोशित व्यापारियों ने आज लखनऊ के रकाबगंज चौराहे पर जीएसटी काउंसलिंग का पुतला फूंकने की भरपूर कोशिश की. इसमें इस मौके पर शहर भर की तमाम बाजारों के सैकड़ों व्यापारी एकत्र हुए. वहीं, पुतला फूंके जाने की खबर पुलिस प्रशासन को मिलते ही हड़कंप मच गया. मौके पर पहुंची पुलिस से व्यापारियों की कहासुनी होने के बाद पुतले को जब्त कर लिया.
लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल और वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि यदि सरकार व्यापारियों की मांगों को नहीं मानती है तो जरूरत पड़ने पर उत्तर प्रदेश की सभी बाजारों को बंद कर दिया जाएगा. व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि व्यापारियों का हक छीना जा रहा है. अब बढ़े हुए टैक्स की भरपाई व्यापारियों को अपनी जेब से करनी पड़ेगी. अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि इससे व्यापारियों का नुकसान तो होगा ही साथ ही साथ मध्यम और गरीब परिवार को भी महंगी कीमत के कारण उनकी जरूरत के सामान नहीं मिल पाएंगे.
इसके पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा से मुलाकात कर उनसे व्यापारियों के दर्द के बारे में चर्चा की. जीएसटी काउंसलिंग द्वारा 1 जनवरी 2022 से जीएसटी की दर 5% से बढ़ाकर 12% करने को प्रस्तावित किया गया है. जिसके विरोध में व्यापारी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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