लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सभी मंडियों में मंडी शुल्क को लेकर 21 सितंबर से 26 सितंबर तक विरोध करने का एलान किया है. वहीं उत्तर प्रदेश के उद्योग मंडल की सभी मंडियों में कारोबार बंद करने का एलान किया गया है. इसी क्रम में राजधानी के मछली मंडी फिश मर्चेंट एसोसिएशन, नवीन मछली मंडी और दुबग्गा मंडी कर का विरोध कर रहे हैं. वहीं मंडी व्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा मंडी शुल्क को पूरे देश में समाप्त कर दिया गया है. यह प्रतिबंध लगाया था कि कोई भी मंडी शुल्क के अलावा अलग से सरचार्ज पेमेंट चार्ज नहीं लगाया जाएगा. आदेश के बावजूद उत्तर प्रदेश के मंडी स्थलों में जो माल विक्रय किया जा रहा है, जिससे उस पर ढाई परसेंट मंडी कर लग रहा है, जिससे आढ़ती, किसान एवं फुटकर विक्रेताओं का आर्थिक शोषण हो रहा है.
उत्तर प्रदेश में बीते दिनों मंडी समितियों द्वारा कई बार मंडी शुल्क का विरोध किया गया है, उसके बावजूद भी कोई हल निकलने पर एक बार फिर उत्तर प्रदेश की गल्ला मंडी के व्यापारियों द्वारा पूरे उत्तर प्रदेश में मंडी केंद्र अभी भी बरकरार ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क के विरोध में मंडी में कारोबार करने वाली व्यापारियों में रोष देखने को मिल रहा है. सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश गल्ला मंडी के व्यापारियों अपनी दुकानों में ताला डाल दिए हैं. साथ ही 21 से 26 तारीख तक धरना देने का एलान कर दिया है.
वहीं इस विरोध का समर्थन करते हुए राजधानी लखनऊ की नवीन मछली गल्ला मंडी में मंडी शुल्क के खिलाफ सोमवार को व्यापारियों ने धरना दिया. व्यापारियों का कहना है कि यदि सरकार मंडी कर में व्यापारियों को राहत नहीं देगी, तो आगे भी हमारा सरकार के खिलाफ धरना जारी रहेगा. फिश एसोसिएशन महामंत्री विजय कुमार सोनकर ने बताया कि हमारे सभी व्यापारी मंडी के किराए और सरचार्ज दे रहे हैं. सरकार से अनुरोध है कि हमारे मछली कच्चे माल पर ढाई परसेंट जो टैक्स लगाया गया है, उसे टैक्स मुक्त किया जाए, जिससे हम अपने व्यापार को आसानी से कर सकें.
विजय कुमार ने कहा कि हम व्यापारियों का समर्थन करते हैं, जिसको लेकर हम लोगों ने मंडी बंदी कर विरोध प्रदर्शन किया है. अगर मंडी कर माफ नहीं किया गया, तो सभी व्यापारीगण सरकार का विरोध आगे भी जारी रखेंगे.