ETV Bharat / state

प्रदेश में तीन चौथाई किसानों को नहीं मिल पाता गेहूं का उच्च गुणवत्ता वाला अनुदानित बीज

उत्तर प्रदेश के तीन चौथाई किसानों को गेहूं का उच्च गुणवत्ता वाला अनुदानित बीज नहीं मिल पाता है. गेहूं किसानों को खुले बाजार से खरीदना पड़ रहा है, जिसकी गुणवत्ता भी संदिग्ध है. बीज का दाम भी अधिक चुकाना पड़ता है. शायद यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में किसानों का खेती के प्रति आकर्षण घटता जा रहा है.

etv bharat
गेहूं का उच्च गुणवत्ता वाला अनुदानित बीज.
author img

By

Published : Nov 27, 2019, 10:53 AM IST

लखनऊ: प्रदेश के किसानों ने अपनी मेहनत से खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश को अव्वल बना रखा है, लेकिन किसानों का दुर्भाग्य यह है कि उन्हें सरकार की ओर से उच्च गुणवत्ता वाला अनुदानित बीज ही नहीं मिल पाता. सरकार किसानों की जरूरत के मुकाबले केवल एक चौथाई गेहूं के बीज ही उपलब्ध करा पाती है.

जानकारी देते कृषि अधिकारी.
किसानों को उन्नत बीज इस्तेमाल करने का सुझाव
रबी सीजन शुरू होने के साथ ही कृषि विभाग अपने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए किसानों को उन्नत बीज इस्तेमाल का सुझाव दे रहा है. प्रदेश के प्रमुख सचिव कृषि ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में किसानों से कहा कि उन्नत किस्म के गेहूं के बीज का इस्तेमाल बुवाई के लिए करें.


सरकारी केंद्रों पर गेहूं बीज उपलब्ध करा दिया गया है. 'प्रथम आगत-प्रथम स्वागत' के आधार पर किसानों को गेहूं बीज दिया जा रहा है. बीज अनुदान योजना के तहत किसानों को 50% मूल्य वापस भी किया जाएगा, लेकिन सरकार की इस योजना की खामी उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के तैयारियां ही उजागर कर रही हैं.


प्रदेश सरकार सभी सरकारी संसाधनों से कुल 10 लाख क्विंटल गेहूं बीज उपलब्ध कराती हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में गेहूं बुवाई का जो रकबा है, उसके अनुसार किसानों को 40 लाख क्विंटल गेहूं बीज की आवश्यकता है. 30 लाख क्विंटल गेहूं किसानों को खुले बाजार से खरीदना पड़ रहा है.

कृषि विभाग की ओर से 168 कृषि फार्म संचालित
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में 168 कृषि फार्म संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें पूरे साल भर में लगभग एक लाख क्विंटल उन्नत गेहूं बीज तैयार किया जाता है. राष्ट्रीय बीज निगम, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, इफको नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड और गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स लिमिटेड से कुल मिलाकर नौ लाख क्विंटल गेहूं बीज उपलब्ध कराया जाता है. उत्तर प्रदेश में उन्नत किस्म के गेहूं बीज की उपलब्धता केवल 10 लाख क्विंटल है, जो किसानों की जरूरत का महज एक चौथाई है.

लखनऊ: प्रदेश के किसानों ने अपनी मेहनत से खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश को अव्वल बना रखा है, लेकिन किसानों का दुर्भाग्य यह है कि उन्हें सरकार की ओर से उच्च गुणवत्ता वाला अनुदानित बीज ही नहीं मिल पाता. सरकार किसानों की जरूरत के मुकाबले केवल एक चौथाई गेहूं के बीज ही उपलब्ध करा पाती है.

जानकारी देते कृषि अधिकारी.
किसानों को उन्नत बीज इस्तेमाल करने का सुझाव
रबी सीजन शुरू होने के साथ ही कृषि विभाग अपने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए किसानों को उन्नत बीज इस्तेमाल का सुझाव दे रहा है. प्रदेश के प्रमुख सचिव कृषि ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में किसानों से कहा कि उन्नत किस्म के गेहूं के बीज का इस्तेमाल बुवाई के लिए करें.


सरकारी केंद्रों पर गेहूं बीज उपलब्ध करा दिया गया है. 'प्रथम आगत-प्रथम स्वागत' के आधार पर किसानों को गेहूं बीज दिया जा रहा है. बीज अनुदान योजना के तहत किसानों को 50% मूल्य वापस भी किया जाएगा, लेकिन सरकार की इस योजना की खामी उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के तैयारियां ही उजागर कर रही हैं.


प्रदेश सरकार सभी सरकारी संसाधनों से कुल 10 लाख क्विंटल गेहूं बीज उपलब्ध कराती हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में गेहूं बुवाई का जो रकबा है, उसके अनुसार किसानों को 40 लाख क्विंटल गेहूं बीज की आवश्यकता है. 30 लाख क्विंटल गेहूं किसानों को खुले बाजार से खरीदना पड़ रहा है.

कृषि विभाग की ओर से 168 कृषि फार्म संचालित
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में 168 कृषि फार्म संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें पूरे साल भर में लगभग एक लाख क्विंटल उन्नत गेहूं बीज तैयार किया जाता है. राष्ट्रीय बीज निगम, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, इफको नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड और गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स लिमिटेड से कुल मिलाकर नौ लाख क्विंटल गेहूं बीज उपलब्ध कराया जाता है. उत्तर प्रदेश में उन्नत किस्म के गेहूं बीज की उपलब्धता केवल 10 लाख क्विंटल है, जो किसानों की जरूरत का महज एक चौथाई है.

Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपनी हाड़तोड़ मेहनत से खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश को अव्वल बना रखा है लेकिन किसानों का बड़ा दुर्भाग्य है उन्हें सरकार की ओर से उच्च गुणवत्ता वाला अनुदानित बीज ही नहीं मिल पाता। प्रदेश की किसानों की जरूरत के मुकाबले सरकार केवल एक चौथाई गेहूं बीज ही उपलब्ध करा पाती है।


Body: रबी सीजन शुरू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार का कृषि विभाग अपने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए किसानों को उन्नत बीज इस्तेमाल का सुझाव दे रहा है। प्रदेश के प्रमुख सचिव कृषि ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम मैं किसानों से कहा उन्नत किस्म के बीज का इस्तेमाल गेहूं की बुवाई के लिए करें । सरकारी केंद्रों पर गेहूं बीज उपलब्ध करा दिया गया है । प्रथम आगत -प्रथम स्वागत के आधार पर किसानों को गेहूं बीज दिया जा रहा है। बीज अनुदान योजना के तहत किसानों को 50% मूल्य वापस भी किया जाएगा लेकिन सरकार की इस योजना की खामी उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के तैयारियां ही उजागर कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार सभी सरकारी संसाधनों से कुल 10 लाख क्विंटल गेहूं बीज उपलब्ध कराती हैं जबकि उत्तर प्रदेश में गेहूं बुवाई का जो रकबा है उसके अनुसार किसानों को 40 लाख क्विंटल गेहूं बीज की आवश्यकता है 30 लाख कुंतल गेहूं किसानों को खुले बाजार से खरीदना पड़ रहा है जिसकी गुणवत्ता भी संदिग्ध है और बीज का दाम भी अधिक चुकाना पड़ता है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में किसानों की खेती से होने वाली आय में इजाफा नहीं हो पा रहा है।

बाइट /वी पी सिंह अपर निदेशक कृषि



Conclusion:उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में 168 कृषि फार्म संचालित किए जा रहे हैं जिनमें पूरे साल भर में लगभग 100000 कुंटल उन्नत गेहूं बीज तैयार किया जाता है। राष्ट्रीय बीज निगम उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम इफको कृभको नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स लिमिटेड से कुल मिलाकर 900000 कुंटल गेहूं बीज उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में उन्नत किस्म के गेहूं बीज की उपलब्धता केवल 1000000 कुंटल है जो किसानों की जरूरत का महज एक चौथाई है। शायद यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में किसानों का खेती के प्रति आकर्षण घटता जा रहा है।

पीटीसी अखिलेश तिवारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.