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बाइक बोट घोटाला: मास्टरमाइंड के भाई सहित गर्वित इनोवेशन कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार

बाइक बोट घोटाले को लेकर ईओडब्ल्यू की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. ईओडब्लू व यूपी एसटीएफ की टीम ने इस मामले में घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी के दो भाई सहित गर्वित इनोवेशन कंपनी के डायरेक्टर करण पाल को गिरफ्तार किया है.

बाइक बोट घोटाले में तीन लोग गिरफ्तार.
बाइक बोट घोटाले में तीन लोग गिरफ्तार.
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Published : Oct 7, 2020, 4:31 PM IST

लखनऊ: बाइक बोट घोटाले को लेकर कार्रवाई कर रही ईओडब्लू व यूपी एसटीएफ की टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. टीम ने घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी के भाई सचिन और चचेरे भाई पवन भाटी सहित घोटाले में उजागर हुई गर्वित इनोवेशन कंपनी के डायरेक्टर करण पाल को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार करण पाल पर 50,000 रुपये का इनाम था और काफी लंबे समय से फरार चल रहा था.

ईओडब्ल्यू व यूपी एसटीएफ की टीम ने गाजियाबाद के हापुड चुंगी से 50,000 रुपये के इनामी करण पाल को गिरफ्तार किया है. वहीं नोएडा के नगला नैनसुख गांव से संजय भाटी के दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया गया है. बाइक बोट घोटाले में कंपनी गर्वित इनोवेशन के डायरेक्टर करणपाल की गिरफ्तारी को काफी अहम माना जा रहा है. कंपनी के बैंक खातों की जिम्मेदारी करण पाल के कंधों पर थी. लिहाजा करण पाल से घोटाले के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं.

बीते दिनों बरामद हुई थी 178 बाइक
बाइक बोट घोटाले को लेकर ईओडब्ल्यू की टीम ने बीते दिनों मेरठ जोन के 5 जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. इस छापेमारी में ईओडब्ल्यू की टीम ने 178 बाइक बरामद की गई थी. बता दें कि छापामारी के तहत मुजफ्फरनगर से 50, गाजियाबाद से 72, हापुड़ से 22, मेरठ से 21, बागपत से 13 बाइक बरामद की गई थी. बरामद की गई ज्यादातर बाइक गर्वित इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड हैं.

यूपी का बड़ा घोटाला
बाइक बोट घोटाला उत्तर प्रदेश का एक बड़ा घोटाला है, जिसे नोएडा से शुरू किया गया था. इस घोटाले का मास्टर माइंड संजय भाटी को बताया जाता है. घोटाले के उजागर होने के बाद जहां ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है. वहीं दूसरी ओर सीबीआई को इस मामले की जांच दी गई थी. बीते दिनों सीबीआई ने राजधानी लखनऊ सहित कई स्थानों पर घोटाले से जुड़े हुए लोगों के यहां छापेमारी की थी. इस घोटाले को लेकर 3 से अधिक फर्म के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार बाइक बोट घोटाला उत्तर प्रदेश का बड़ा घोटाला है, जिसमें लगभग 1500 करोड़ रुपये की ठगी की गई है.

स्कीम के जरिए हुआ घोटाला
बता दें कि बाइक बोट घोटाले के तहत एक स्कीम लाई गई थी, जिसके तहत निवेशकों से यह कहा गया है कि वह बाइक खरीदने के लिए कंपनी को बाइक की कीमत का निवेश करें. इसके बाद कंपनी किस्तों में प्रॉफिट सहित बाइक की कीमत भी निवेशक को वापस करती रहेगी. बाकायदा इसके लिए कंपनी ने एग्रीमेंट किया और एग्रीमेंट के तौर पर बाइक से दुगनी रकम 14 महीने में निवेशक को वापस करनी थी. कुछ दिन तक निवेशकों को किस्तों का पैसा दिया गया, लेकिन उसके बाद पैसा देना कंपनी ने बंद कर दिया. इसके बाद निवेशकों ने अपना पैसा पाने के लिए पुलिस से शिकायत की. निवेशकों द्वारा शिकायत करने के बाद यह मामला उजागर हुआ.

लखनऊ: बाइक बोट घोटाले को लेकर कार्रवाई कर रही ईओडब्लू व यूपी एसटीएफ की टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. टीम ने घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी के भाई सचिन और चचेरे भाई पवन भाटी सहित घोटाले में उजागर हुई गर्वित इनोवेशन कंपनी के डायरेक्टर करण पाल को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार करण पाल पर 50,000 रुपये का इनाम था और काफी लंबे समय से फरार चल रहा था.

ईओडब्ल्यू व यूपी एसटीएफ की टीम ने गाजियाबाद के हापुड चुंगी से 50,000 रुपये के इनामी करण पाल को गिरफ्तार किया है. वहीं नोएडा के नगला नैनसुख गांव से संजय भाटी के दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया गया है. बाइक बोट घोटाले में कंपनी गर्वित इनोवेशन के डायरेक्टर करणपाल की गिरफ्तारी को काफी अहम माना जा रहा है. कंपनी के बैंक खातों की जिम्मेदारी करण पाल के कंधों पर थी. लिहाजा करण पाल से घोटाले के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं.

बीते दिनों बरामद हुई थी 178 बाइक
बाइक बोट घोटाले को लेकर ईओडब्ल्यू की टीम ने बीते दिनों मेरठ जोन के 5 जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. इस छापेमारी में ईओडब्ल्यू की टीम ने 178 बाइक बरामद की गई थी. बता दें कि छापामारी के तहत मुजफ्फरनगर से 50, गाजियाबाद से 72, हापुड़ से 22, मेरठ से 21, बागपत से 13 बाइक बरामद की गई थी. बरामद की गई ज्यादातर बाइक गर्वित इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड हैं.

यूपी का बड़ा घोटाला
बाइक बोट घोटाला उत्तर प्रदेश का एक बड़ा घोटाला है, जिसे नोएडा से शुरू किया गया था. इस घोटाले का मास्टर माइंड संजय भाटी को बताया जाता है. घोटाले के उजागर होने के बाद जहां ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है. वहीं दूसरी ओर सीबीआई को इस मामले की जांच दी गई थी. बीते दिनों सीबीआई ने राजधानी लखनऊ सहित कई स्थानों पर घोटाले से जुड़े हुए लोगों के यहां छापेमारी की थी. इस घोटाले को लेकर 3 से अधिक फर्म के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार बाइक बोट घोटाला उत्तर प्रदेश का बड़ा घोटाला है, जिसमें लगभग 1500 करोड़ रुपये की ठगी की गई है.

स्कीम के जरिए हुआ घोटाला
बता दें कि बाइक बोट घोटाले के तहत एक स्कीम लाई गई थी, जिसके तहत निवेशकों से यह कहा गया है कि वह बाइक खरीदने के लिए कंपनी को बाइक की कीमत का निवेश करें. इसके बाद कंपनी किस्तों में प्रॉफिट सहित बाइक की कीमत भी निवेशक को वापस करती रहेगी. बाकायदा इसके लिए कंपनी ने एग्रीमेंट किया और एग्रीमेंट के तौर पर बाइक से दुगनी रकम 14 महीने में निवेशक को वापस करनी थी. कुछ दिन तक निवेशकों को किस्तों का पैसा दिया गया, लेकिन उसके बाद पैसा देना कंपनी ने बंद कर दिया. इसके बाद निवेशकों ने अपना पैसा पाने के लिए पुलिस से शिकायत की. निवेशकों द्वारा शिकायत करने के बाद यह मामला उजागर हुआ.

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