लखनऊ: राजधानी में सनसनीखेज अजीत सिंह हत्याकांड की जांच डीजीपी ने एसटीएफ को सौंप दी है. ये फैसला इस हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता व 25 हजार इनामी धनंजय सिंह के क्रिकेट खेलते हुए वीडियो वायरल होने के बाद लिया गया है. कयास लगाए जा रहे थे कि धनंजय सिंह की तलाश में यूपी पुलिस कोई सख्त कदम उठाएगी. लेकिन फिलहाल इस पूरे हत्याकांड की जांच ट्रांसफर कर एसटीएफ को दे दी गई है.
दरअसल, 6 जनवरी, 2021 की शाम राजधानी लखनऊ के विभूति खंड में कठौता चौराहे पर आजमगढ़ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या के मामले में लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह को इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता माना था और उसे फरार बता उसके खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित किया था. वहीं, लखनऊ पुलिस का मोस्ट वांटेड इनामी अपराधी धनंजय सिंह खुलेआम शादी समारोह में हिस्सा ले रहा था. लेकिन हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया में ये सवाल उठाते हुए धनंजय सिंह का क्रिकेट खेलते हुए वीडियो पोस्ट किया था कि क्या अब यूपी में आईपीएल की तर्ज पर माफिया भाजपा लीग शुरू होगा.
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अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद डीजीपी मुकुल गोयल ने इस पूरे मामले में कार्रवाई करने की बात कही थी. वहीं लखनऊ पुलिस की ओर से धनंजय सिंह को पकड़ने में नाकाम रहने पर इस पूरे मामले की जांच एसटीएफ को ट्रांसफर कर दी है. फिलहाल लखनऊ पुलिस अजीत सिंह हत्याकांड मामले में चार्जशीट लगा चुकी है. इस हत्याकांड के एक आरोपी गिरधारी उर्फ डॉक्टर को एनकाउन्टर में मार भी गिराया गया था.
अभी तक STF की नजर धनंजय सिंह पर क्यों नही पड़ी
फिलहाल धनंजय सिंह से जुड़े कई मामलों की जांच पहले से एसटीएफ कर रही है. लखनऊ में सुरेंद्र कालिया के काफिले पर हुई फायरिंग के मामलें में भी एसटीएफ जांच कर रही है. सुरेंद्र कालिया ने धनंजय सिंह पर फायरिंग करवाने का आरोप लगाया था. हालांकि पुलिस ने इस घटना को झूठा करार दिया था और सुरेंद्र कालिया की गिरफ्तारी की गई थी.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि धनंजय सिंह जिसके ऊपर 25 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है जिसमें 7 हत्या के केस है. साथ ही लखनऊ पुलिस का 25 हजार इनामी बदमाश है तो अभी तक एसटीएफ ने धनंजय सिंह की तलाश क्यों नही की? बल्कि एसटीएफ ने कई ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार व एनकाउंटर किया है, जो विभिन्न जिलों के वांटेड अपराधी थे.
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