हरिद्वार: राम मंदिर मामले में बनाए गए मध्यस्थता पैनल पर संत समाज ने निशाना साधा है. संत समाज का कहना है कि इस संबंध में उनसे कोई राय नहीं ली गई थी. मामले में स्वामी परमानंद ने मध्यस्थता करने वाले श्री श्री रविशंकर की तुलना महात्मा गांधी से भी कर डाली.
अखंड परम धाम के परमाध्यक्ष और राम मंदिर मामले से शुरू से जुड़े संत स्वामी परमानंद सरस्वती ने कहा कि मध्यस्थता पैनल को सुप्रीम कोर्ट ने बनाया है, संतों ने नहीं. इस विषय में संतों से कोई राय भी नहीं ली गई. मध्यस्थता करने वाले श्री श्री रविशंकर एक अच्छे आदमी हैं, लेकिन ऐसा देखने को मिला है कि कुछ अच्छे लोगों ने पहले देश का बहुत नुकसान किया है.
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स्वामी परमानंद सरस्वती श्री श्री रविशंकर की तुलना महात्मा गांधी से करते हुए कहा कि जब कोई भी आदमी ज्यादा प्रतिष्ठित हो जाता है तो वो अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए कई बार गलत काम कर जाता है. जैसे महात्मा गांधी ने किया था. उन्होंने बंटवारे के समय की बात का जिक्र करते हुए कहा कि जब पाकिस्तान से ट्रेनों में हिंदुओं को मार कर भेजा जाता था तो इधर भारत में भी प्रतिक्रिया होती थी, लेकिन गांधी जी ऐसा नहीं चाहते थे. महात्मा गांधी की मानवता और ईमानदारी में कोई कमी नहीं थी, लेकिन ऐसे बहुत लोग न्याय भी नहीं जानते हैं.