दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार की नगर निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश दिया था. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर आज सुनवाई करेगा.
यूपी निकाय चुनाव में OBC आरक्षण (OBC reservation in UP civic polls) में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि निकाय चुनाव के मद्देनजर उसने ओबीसी आयोग का गठन कर दिया गया है. इसलिए अब स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही कराए जाएं. सरकार ने अपनी याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर रोक लगाने की की मांग की है.
इससे पहले 28 दिसंबर को इस मामले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसला सुनाया था. तब कोर्ट ने अपने फैसले में बिना ओबीसी आरक्षण के ही राज्य में निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण के बिना 31 जनवरी, 2023 तक चुनाव संपन्न कराया जाए. जिसके बाद सरकार समेत समाजवादी पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. विपक्षी दल कोर्ट के फैसले के बाद सरकार पर भी आरक्षण खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाकर हमलावर बने हुए हैं
समाजवादी पार्टी ने यूपी निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav 2023) में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया. इसके बाद अब सप्रीम कोर्ट में पार्टी की ओर से इस मामले में एक याचिका दाखिल की गई है. पार्टी नेताओं की ओर से ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की मांग की गई है. सपा विधायक राम सिंह पटेल ने याचिका दाखिल की है. राम सिंह पटेल प्रतापगढ़ जिले के पट्टी विधानसभा से सपा विधायक हैं. उनके साथ सहित सात पार्टी नेताओं ने भी याचिका दायर की है.
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