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भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव 2024 में भी संजीवनी बनेगा 'सुनील बंसल मंत्र', जानिए प्लान

लोक सभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा एक बार फिर सुनील बंसल के तौर तरीकों पर आगे बढ़ने को तैयार दिख रही है. भाजपा संगठन में हुए बदलावों में बंसल के फैसलों को काफी तवज्जो मिली. इससे सियासी गलियारों में बंसल के प्रभाव को लेकर चर्चा गरम है.

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Published : Jul 13, 2023, 5:30 PM IST

भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव 2024 में भी संजीवनी बनेगा 'सुनील बंसल मंत्र'. देखें खबर


लखनऊ : लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सुनील बंसल मंत्र के जरिये ही कामयाबी की ओर बढ़ेगी. लगातार 2013 से सुनील बंसल के बताए हुए रास्ते पर ही भाजपा ने चलकर कामयाबी हासिल की है. माना जा रहा है कि भले ही सुनील बंसल उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी ना बनें, मगर उनके बताए हुए मंत्र ही भाजपा के काम आएंगे. हाल ही में संगठन में हुए परिवर्तन में भी सुनील बंसल की भी चली थी. इसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है कि भले से सुनील बंसल संगठन में सीधी भूमिका में नहीं हैं, लेकिन उनका वर्चस्व बरकरार है.

सुनील बंसल के काम.
सुनील बंसल के काम.

सुनील बंसल ने भारतीय जनता पार्टी में किए थे ये बदलाव

फीड बैक सिस्टम : उत्तर प्रदेश में सुनील बंसल ने भाजपा उत्तर प्रदेश में कई अभिनव प्रयोग किए थे. उन्होंने पार्टी के अंदर कॉरपोरेट सेक्टर की तरह एक फीडबैक सिस्टम विकसित किया था. इस सिस्टम के तहत जो भी अभियान और कार्यक्रम पार्टी चलाती रही है, वह मौके पर हुआ या नहीं इसका फीडबैक सिस्टम विकसित किया गया. जिसमें पार्टी कार्यालय में युवाओं की एक टीम नेताओं को फोन करके कार्यक्रम के बारे में जानकारी लेती है. सोशल मीडिया पर कार्यक्रम की तस्वीरों को फीडबैक सिस्टम के तहत टैग करना पड़ता है. जिससे कार्यक्रम की वास्तविकता का पता चल जाता है.


बूथ कमेटियों का गठन : पन्ना प्रमुख बनाने के अलावा बूथ स्तर तक मजबूत तंत्र बनाने के लिए सुनील बंसल ने जमीन पर उतर कर प्रयास किए. इसके अलावा उत्तर प्रदेश भर में शक्ति केंद्र बनाए गए. जिनकी संख्या लगभग 27 हजार है. ऐसे में भी पार्टी मजबूत हुई.



पंचायत स्तर पर तैयार किए नेता : वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव के दौरान सुनील बंसल ने गांव-गांव में भाजपा के नए नेता खड़े कर दिए. पुराने छत्रपों के परिवारी जनों से अलग नए नेताओं को चुनाव लड़ाया ताकि वह भाजपा का झंडा बुलंद कर सकें. इससे भाजपा पहली बार गांव-गांव में मजबूत हुई.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के युवाओं की एंट्री : सुनील बंसल ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेताओं को पार्टी में एंट्री दी. उनको मुख्यधारा में लाए और कई महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित किया. जिससे भारतीय जनता पार्टी को नया युवा जोश मिला और उसका असर जमीन पर देखने को भी मिला.


राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर सुनील बंसल के बताए हुए फार्मूले लगातार भारतीय जनता पार्टी के लिए सफलता लाते रहे. उनका मंत्र आगे भी काम आएगा. उन्होंने बताया कि हाल ही में संगठन में जो बदलाव हुए उसमें भी सुनील बंसल का असर साफ दिखाई दे रहा है. भले ही वह उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रभारी नहीं बनाए गए हैं मगर उनके बताए रास्ते पर जाकर कि भाजपा को सफलता मिल सकेगी.

यह भी पढ़ें : नदी का जलस्तर बढ़ने से घरों में घुसा पानी, मची चीख-पुकार, श्रीराम सेना ने सैकड़ों लोगों को बचाया

भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव 2024 में भी संजीवनी बनेगा 'सुनील बंसल मंत्र'. देखें खबर


लखनऊ : लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सुनील बंसल मंत्र के जरिये ही कामयाबी की ओर बढ़ेगी. लगातार 2013 से सुनील बंसल के बताए हुए रास्ते पर ही भाजपा ने चलकर कामयाबी हासिल की है. माना जा रहा है कि भले ही सुनील बंसल उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी ना बनें, मगर उनके बताए हुए मंत्र ही भाजपा के काम आएंगे. हाल ही में संगठन में हुए परिवर्तन में भी सुनील बंसल की भी चली थी. इसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है कि भले से सुनील बंसल संगठन में सीधी भूमिका में नहीं हैं, लेकिन उनका वर्चस्व बरकरार है.

सुनील बंसल के काम.
सुनील बंसल के काम.

सुनील बंसल ने भारतीय जनता पार्टी में किए थे ये बदलाव

फीड बैक सिस्टम : उत्तर प्रदेश में सुनील बंसल ने भाजपा उत्तर प्रदेश में कई अभिनव प्रयोग किए थे. उन्होंने पार्टी के अंदर कॉरपोरेट सेक्टर की तरह एक फीडबैक सिस्टम विकसित किया था. इस सिस्टम के तहत जो भी अभियान और कार्यक्रम पार्टी चलाती रही है, वह मौके पर हुआ या नहीं इसका फीडबैक सिस्टम विकसित किया गया. जिसमें पार्टी कार्यालय में युवाओं की एक टीम नेताओं को फोन करके कार्यक्रम के बारे में जानकारी लेती है. सोशल मीडिया पर कार्यक्रम की तस्वीरों को फीडबैक सिस्टम के तहत टैग करना पड़ता है. जिससे कार्यक्रम की वास्तविकता का पता चल जाता है.


बूथ कमेटियों का गठन : पन्ना प्रमुख बनाने के अलावा बूथ स्तर तक मजबूत तंत्र बनाने के लिए सुनील बंसल ने जमीन पर उतर कर प्रयास किए. इसके अलावा उत्तर प्रदेश भर में शक्ति केंद्र बनाए गए. जिनकी संख्या लगभग 27 हजार है. ऐसे में भी पार्टी मजबूत हुई.



पंचायत स्तर पर तैयार किए नेता : वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव के दौरान सुनील बंसल ने गांव-गांव में भाजपा के नए नेता खड़े कर दिए. पुराने छत्रपों के परिवारी जनों से अलग नए नेताओं को चुनाव लड़ाया ताकि वह भाजपा का झंडा बुलंद कर सकें. इससे भाजपा पहली बार गांव-गांव में मजबूत हुई.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के युवाओं की एंट्री : सुनील बंसल ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेताओं को पार्टी में एंट्री दी. उनको मुख्यधारा में लाए और कई महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित किया. जिससे भारतीय जनता पार्टी को नया युवा जोश मिला और उसका असर जमीन पर देखने को भी मिला.


राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर सुनील बंसल के बताए हुए फार्मूले लगातार भारतीय जनता पार्टी के लिए सफलता लाते रहे. उनका मंत्र आगे भी काम आएगा. उन्होंने बताया कि हाल ही में संगठन में जो बदलाव हुए उसमें भी सुनील बंसल का असर साफ दिखाई दे रहा है. भले ही वह उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रभारी नहीं बनाए गए हैं मगर उनके बताए रास्ते पर जाकर कि भाजपा को सफलता मिल सकेगी.

यह भी पढ़ें : नदी का जलस्तर बढ़ने से घरों में घुसा पानी, मची चीख-पुकार, श्रीराम सेना ने सैकड़ों लोगों को बचाया

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