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प्रयोगशाला फीस बढ़ाने से नाराज छात्रों ने किया प्रदर्शन, कुलपति बोले, प्रयोगशाला नहीं तो वापस होगा शुल्क

लखनऊ विश्वविद्यालय में परास्नातक के विषयों का प्रयोगशाला शुल्क बढ़ाने से नाराज छात्रों ने शुक्रवार सुबह विश्वविविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. छात्र बढ़ी फीस वापस करने की मांग को लेकर कुलपति से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे, लेकिन कुलपति ने मिलने से इंकार कर दिया. इसके बाद छात्र नारेबाजी करते हुए परिसर में स्थित सरस्वती प्रतिमा पर धरने पर बैठ गए. बाद में प्रॉक्टोरियल टीम ने कुलपति और छात्रों की वार्ता कराई. कुलपति ने प्रयोगशाला के बगैर विषयों का शुल्क वापस करने का आश्वासन दिया है.

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Published : Nov 5, 2022, 11:23 AM IST

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लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में परास्नातक के विषयों का प्रयोगशाला शुल्क बढ़ाने से नाराज छात्रों ने शुक्रवार सुबह विश्वविविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. छात्र बढ़ी फीस वापस करने की मांग को लेकर कुलपति से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे, लेकिन कुलपति ने मिलने से इंकार कर दिया. इसके बाद छात्र नारेबाजी करते हुए परिसर में स्थित सरस्वती प्रतिमा पर धरने पर बैठ गए. बाद में प्रॉक्टोरियल टीम ने कुलपति और छात्रों की वार्ता कराई. कुलपति ने प्रयोगशाला के बगैर विषयों का शुल्क वापस करने का आश्वासन दिया है.

बता दें, बीते दिनों बिना किसी पूर्व सूचना के सभी परास्नातक के विषयों में 1000 रुपये प्रति सेमेस्टर शुल्क की बढ़ोतरी कर दी गई थी. इससे नाराज छात्रों ने कुलपति का घेराव कर विराध जताया था. उस वक्त विश्वविद्यालय प्रशासन ने अगले तीन दिनों में विचार कर हल निकालने का आश्वासन दिया था. इसके बाद कोई निर्णय नहीं लिया गया. इससे आक्रोशित छात्र सुक्रवार को फिर से उग्र हो गए और शुक्रवार को फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन करते छात्र.

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति ने सारे विभागाध्यक्षों से जानकारी मांगी है कि किन किन विषयों में प्रयोगशाला नहीं है. जहां प्रयोगशाला होगा उन्हीं विषयों के छात्रों से शुल्क लिया जाएगा. जहां नहीं होगी वहां फीस नहीं ली जाए. इस आश्वासन के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्रों शांत हो गए. वहीं प्रदर्शन कर रहे एमए छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते सत्र में परास्नातक विषयों में कोई शुल्क बढ़ोतरी नहीं की थी. इस साल प्रवेश के समय ही मास्टर इन आर्ट्स विषय में प्रयोगशाला प्रयोग के नाम पर शुल्क जोड़ दिया गया. छात्रों का कहना है कि अगर बढ़ा हुआ शुल्क वापस नहीं हुआ तो वह विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं विश्वविद्यालय का कहना है कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद कई विषयों में प्रयोगशाला का प्रयोग बढ़ गया है.

यह भी पढ़ें : राजधानी के कई डिग्री कॉलेजों में परास्नातक में प्रवेश का मौका, दो बार चांस देने के बाद भी सीटें खाली

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में परास्नातक के विषयों का प्रयोगशाला शुल्क बढ़ाने से नाराज छात्रों ने शुक्रवार सुबह विश्वविविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. छात्र बढ़ी फीस वापस करने की मांग को लेकर कुलपति से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे, लेकिन कुलपति ने मिलने से इंकार कर दिया. इसके बाद छात्र नारेबाजी करते हुए परिसर में स्थित सरस्वती प्रतिमा पर धरने पर बैठ गए. बाद में प्रॉक्टोरियल टीम ने कुलपति और छात्रों की वार्ता कराई. कुलपति ने प्रयोगशाला के बगैर विषयों का शुल्क वापस करने का आश्वासन दिया है.

बता दें, बीते दिनों बिना किसी पूर्व सूचना के सभी परास्नातक के विषयों में 1000 रुपये प्रति सेमेस्टर शुल्क की बढ़ोतरी कर दी गई थी. इससे नाराज छात्रों ने कुलपति का घेराव कर विराध जताया था. उस वक्त विश्वविद्यालय प्रशासन ने अगले तीन दिनों में विचार कर हल निकालने का आश्वासन दिया था. इसके बाद कोई निर्णय नहीं लिया गया. इससे आक्रोशित छात्र सुक्रवार को फिर से उग्र हो गए और शुक्रवार को फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन करते छात्र.

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति ने सारे विभागाध्यक्षों से जानकारी मांगी है कि किन किन विषयों में प्रयोगशाला नहीं है. जहां प्रयोगशाला होगा उन्हीं विषयों के छात्रों से शुल्क लिया जाएगा. जहां नहीं होगी वहां फीस नहीं ली जाए. इस आश्वासन के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्रों शांत हो गए. वहीं प्रदर्शन कर रहे एमए छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते सत्र में परास्नातक विषयों में कोई शुल्क बढ़ोतरी नहीं की थी. इस साल प्रवेश के समय ही मास्टर इन आर्ट्स विषय में प्रयोगशाला प्रयोग के नाम पर शुल्क जोड़ दिया गया. छात्रों का कहना है कि अगर बढ़ा हुआ शुल्क वापस नहीं हुआ तो वह विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं विश्वविद्यालय का कहना है कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद कई विषयों में प्रयोगशाला का प्रयोग बढ़ गया है.

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