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अयोध्या में अतिथि गृह व मठ के लिए जमीन का प्रस्ताव, जानिए किन राज्यों ने दिखाई दिलचस्पी

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. माना जा रहा है कि श्री राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगी.

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Published : Jul 14, 2023, 5:20 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता ऋषि मिश्रा की खास रिपोर्ट

लखनऊ : छत्तीसगढ़ को छोड़ दें तो देश के किसी भी ऐसे राज्य ने अयोध्या में अतिथि गृह के लिए भूमि नहीं मांगी है, जहां विपक्ष की सरकार है. केवल भाजपा शासित राज्यों ने ही अतिथि गृह के लिए भूमि मांगी है. 200 एकड़ की योजना में सबसे पहले अतिथि गृह के लिए ही भूमि आवंटित की जा रही है. इसके अलावा 100 से अधिक मठों ने अयोध्या में जमीन की मांग की है.

अयोध्या धाम में श्री राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगी. इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां मौजूद रहेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से इस बात की औपचारिक सूचना दी जा चुकी है. भूतल पर मंदिर निर्माण लगभग पूरा होने को है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद यहां 1300 एकड़ की योजना तैयार कर रहा है. जिसमें सबसे पहले 201 करोड़ का पहला फेज लांच किया जाएगा. जिसमें मुख्य रुप से कमर्शियल स्पेस होगा. इसके साथ ही राज्यों के अतिथि गृह का निर्माण भी किया जाएगा. कुछ ग्रुप हाउसिंग भी बनाई जाएंगी. सूत्रों के मुताबिक, अतिथि गृह को लेकर एक बहुत ही रोचक तथ्य सामने आ रहा है. जो प्रस्ताव अब तक प्राप्त हुए हैं उसके मुताबिक गैर भाजपा शासित राज्यों ने अयोध्या में अतिथि गृह निर्माण को लेकर कोई खास रुचि नहीं दिखाई है. केवल भाजपा शासित राज्य हैं इसमें आतुर नजर आ रहे हैं.

इन राज्यों ने मांगी अतिथि गृह के लिए जमीन : उत्तर प्रदेश, सिक्किम, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, असम, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड ने यहां पर जमीन मांगी है. इन सभी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. दूसरी ओर कर्नाटक ने जब जमीन मांगी थी, तब वहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. केवल एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार है और उसने जमीन मांगी है, वह छत्तीसगढ़ है. दक्षिण के राज्यों में कर्नाटक छोड़कर कहीं से भी अतिथि गृह बनाने की मांग नहीं की गई है, न ही जमीन की मांग हुई है.

100 से अधिक मठों ने मांगी है जमीन : आवास विकास परिषद से देश भर के 100 से अधिक मठों ने अयोध्या में जमीन की मांग की है. आवास विकास परिषद के पास इतनी अधिक जमीन नहीं है, इसलिए इन प्रस्तावों को देखते हुए लॉटरी की जाएगी. लॉटरी के आधार पर ही जमीन का आवंटन मठों को किया जाएगा.

आवास विकास परिषद के सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि 'हम अपनी योजना के पहले चरण में 200 एकड़ लैंड पर मुख्य अतिथि गृह बनाएंगे. राज्यों ने इसके लिए जमीन की डिमांड की है. इसके अलावा कुछ कमर्शियल स्पेस बनेगा. यही नहीं हम कुछ ग्रुप हाउसिंग भी 200 एकड़ में बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. निकट भविष्य में योजना लांच की जाएगी. जिसकी रेरा के रजिस्ट्रेशन संबंधित प्रक्रिया चल रही है.'

यह भी पढ़ें : चन्दौली में 85 भेड़ों की मौत का मामला, 24 घण्टे में पशु पालकों को मिला मुआवजा

वरिष्ठ संवाददाता ऋषि मिश्रा की खास रिपोर्ट

लखनऊ : छत्तीसगढ़ को छोड़ दें तो देश के किसी भी ऐसे राज्य ने अयोध्या में अतिथि गृह के लिए भूमि नहीं मांगी है, जहां विपक्ष की सरकार है. केवल भाजपा शासित राज्यों ने ही अतिथि गृह के लिए भूमि मांगी है. 200 एकड़ की योजना में सबसे पहले अतिथि गृह के लिए ही भूमि आवंटित की जा रही है. इसके अलावा 100 से अधिक मठों ने अयोध्या में जमीन की मांग की है.

अयोध्या धाम में श्री राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगी. इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां मौजूद रहेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से इस बात की औपचारिक सूचना दी जा चुकी है. भूतल पर मंदिर निर्माण लगभग पूरा होने को है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद यहां 1300 एकड़ की योजना तैयार कर रहा है. जिसमें सबसे पहले 201 करोड़ का पहला फेज लांच किया जाएगा. जिसमें मुख्य रुप से कमर्शियल स्पेस होगा. इसके साथ ही राज्यों के अतिथि गृह का निर्माण भी किया जाएगा. कुछ ग्रुप हाउसिंग भी बनाई जाएंगी. सूत्रों के मुताबिक, अतिथि गृह को लेकर एक बहुत ही रोचक तथ्य सामने आ रहा है. जो प्रस्ताव अब तक प्राप्त हुए हैं उसके मुताबिक गैर भाजपा शासित राज्यों ने अयोध्या में अतिथि गृह निर्माण को लेकर कोई खास रुचि नहीं दिखाई है. केवल भाजपा शासित राज्य हैं इसमें आतुर नजर आ रहे हैं.

इन राज्यों ने मांगी अतिथि गृह के लिए जमीन : उत्तर प्रदेश, सिक्किम, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, असम, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड ने यहां पर जमीन मांगी है. इन सभी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. दूसरी ओर कर्नाटक ने जब जमीन मांगी थी, तब वहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. केवल एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार है और उसने जमीन मांगी है, वह छत्तीसगढ़ है. दक्षिण के राज्यों में कर्नाटक छोड़कर कहीं से भी अतिथि गृह बनाने की मांग नहीं की गई है, न ही जमीन की मांग हुई है.

100 से अधिक मठों ने मांगी है जमीन : आवास विकास परिषद से देश भर के 100 से अधिक मठों ने अयोध्या में जमीन की मांग की है. आवास विकास परिषद के पास इतनी अधिक जमीन नहीं है, इसलिए इन प्रस्तावों को देखते हुए लॉटरी की जाएगी. लॉटरी के आधार पर ही जमीन का आवंटन मठों को किया जाएगा.

आवास विकास परिषद के सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि 'हम अपनी योजना के पहले चरण में 200 एकड़ लैंड पर मुख्य अतिथि गृह बनाएंगे. राज्यों ने इसके लिए जमीन की डिमांड की है. इसके अलावा कुछ कमर्शियल स्पेस बनेगा. यही नहीं हम कुछ ग्रुप हाउसिंग भी 200 एकड़ में बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. निकट भविष्य में योजना लांच की जाएगी. जिसकी रेरा के रजिस्ट्रेशन संबंधित प्रक्रिया चल रही है.'

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