लखनऊ: बदायूं गैंगरेप की घटना पर राज्य महिला आयोग ने सख्त रुख अख्तियार किया है और पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है. राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने कहा कि महिलाओं के साथ इस तरह की घटना निश्चित रूप से पुलिस की लचर कार्यप्रणाली की देन है. उन्होंने कहा कि "पुलिस ने इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी. हम उच्च अधिकारियों से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते है."
बदायूं गैंगरेप कांड की तुलना दिल्ली की निर्भया घटना से की जा रही है. बदायूं में रविवार को एक महिला पूजा करने के लिए मंदिर गई थी. वहां पर उसके साथ गैंगरेप की घटना हुई. महिला के साथ आरोपियों ने हैवानियत की, उसकी मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में मंदिर के महंत समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही. क्योंकि घटना के 18 घंटों तक महिला का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया और न ही पुलिस कर्मियों ने मौके पर जाना उचित समझा.
घटना की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डालने की भी बात सामने आई है. महिला के पैर, फेफड़े और पसली भी डैमेज पाए गए. घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाजमी है. राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी बात कही है.
कहां तक पहुंची कार्रवाई
बदायूं में महिला के साथ गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए सीएम योगी ने STF को आदेशित किया है. जिला पुलिस के साथ एसटीएफ भी मामले की जांच करेगी. साथ ही आरोपियों पर NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी. मामले में मंदिर के महंत सतनारायण, बेदराम और ड्राइवर जसपाल पर मुकदमा दर्ज किया गया है. मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है. उसकी तलाश में पुलिस की 4 टीमें दबिश दे रही हैं. वहीं, बदायूं के डीएम ने कहा है कि मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा.
घटना के प्रति आक्रोश
बदायूं की इस घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. राजधानी लखनऊ में कई महिलाओं ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. रंजना वर्मा नाम की महिला ने तो यहां तक कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं को सुरक्षित माहौल दे पाने में असफल साबित हो रही है. घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.