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जेल अधीक्षक ने केजीएमयू अधीक्षक पर लगाया गंभीर आरोप, सीबीआई की विशेष अदालत ने मांगी रिपोर्ट

जेल अधीक्षक ने सीबीआई की विशेष अदालत में प्रार्थना पत्र देकर केजीएमयू अधीक्षक पर करोड़ों की धोखाधड़ी में निरुद्ध अशोक पाठक को अनुचति लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है.

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Published : Jul 15, 2022, 9:02 PM IST

सीबीआई की विशेष अदालत
सीबीआई की विशेष अदालत

लखनऊः सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से अभियुक्त अशोक पाठक के इलाज की समुचित जानकारी मांगी है. कोर्ट ने यह आदेश वरिष्ठ जेल अधीक्षक के एक प्रार्थना पत्र पर दिया है. विगत 7 मई को सीबीआई ने अभियुक्त अशोक पाठक को छद्म नाम से याचिका दाखिल करने व जमीन की खरीद-ब्रिकी में करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था, तबसे वह न्यायिक हिरासत में है.

इसे भी पढ़ें-तीन अभियुक्तों को सीबीआई कोर्ट ने भेजा न्यायिक हिरासत में, फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का लोन लेने का है आरोप

वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने विशेष अदालत को भेजे गए अपने पत्र में कहा है कि 16 मई को जिला कारागार चिकित्सक के परामर्श पर मुल्जिम को बलरामपुर अस्पताल भेजा गया था. वहां से उसे बेहतर उपचार के लिए उसी दिन केजीएमयू भेज दिया गया. तबसे 5 बार केजीएमयू के अधीक्षक को पत्र भेजकर उसके इलाज व स्वास्थ्य की जानकारी मांगी गई. लेकिन अभियुक्त के स्वास्थ्य की कोई जानकारी नहीं दी गई. ऐसा लगता है कि अभियुक्त को अनुचित लाभ पहुंचाने की मंशा से कार्य किया जा रहा है. कोर्ट ने अदालत से केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अभियुक्त के स्वास्थ्य की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग करते हुए यह भी कहा है कि यदि आवश्यक न हो और उसका उपचार जेल अस्पताल में किया जा सकता हो, तो उसे जेल भेज दिया जाए.

लखनऊः सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से अभियुक्त अशोक पाठक के इलाज की समुचित जानकारी मांगी है. कोर्ट ने यह आदेश वरिष्ठ जेल अधीक्षक के एक प्रार्थना पत्र पर दिया है. विगत 7 मई को सीबीआई ने अभियुक्त अशोक पाठक को छद्म नाम से याचिका दाखिल करने व जमीन की खरीद-ब्रिकी में करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था, तबसे वह न्यायिक हिरासत में है.

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वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने विशेष अदालत को भेजे गए अपने पत्र में कहा है कि 16 मई को जिला कारागार चिकित्सक के परामर्श पर मुल्जिम को बलरामपुर अस्पताल भेजा गया था. वहां से उसे बेहतर उपचार के लिए उसी दिन केजीएमयू भेज दिया गया. तबसे 5 बार केजीएमयू के अधीक्षक को पत्र भेजकर उसके इलाज व स्वास्थ्य की जानकारी मांगी गई. लेकिन अभियुक्त के स्वास्थ्य की कोई जानकारी नहीं दी गई. ऐसा लगता है कि अभियुक्त को अनुचित लाभ पहुंचाने की मंशा से कार्य किया जा रहा है. कोर्ट ने अदालत से केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अभियुक्त के स्वास्थ्य की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग करते हुए यह भी कहा है कि यदि आवश्यक न हो और उसका उपचार जेल अस्पताल में किया जा सकता हो, तो उसे जेल भेज दिया जाए.

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