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UPPCL PF Scam Case : कपिल वधावन व धीरज वधावन को एक दिन और CBI की कस्टडी में सौंपने का आदेश

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Published : Jun 8, 2022, 10:39 PM IST

सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला मामले में डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन व धीरज वधावनको और एक दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है.

कॉन्सेप्ट इमेज
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लखनऊ : सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला मामले में डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन व धीरज वधावन को और एक दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है. इन दोनों मुल्जिमों की कस्टडी रिमांड की यह अवधि 9 जून की सुबह 11 बजे खत्म होगी. कोर्ट ने यह आदेश विवेचक व सीबीआई के डिप्टी एसपी संदीप कुमार पांडेय की अर्जी पर दिया है.

बता दें कि बीते 26 मई को विशेष अदालत ने इन दोनों मुल्जिमों का 7 दिन के लिए कस्टडी रिमांड मंजूर की गई थी. सीबीआई की विशेष अदालत में इन्हें 9वीं मुंबई की तलोजा जेल से पेश किया था. विशेष अदालत ने इससे पहले मुल्जिमों को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया था. इसके बाद 2 जून को इनका रिमांड और 6 दिन के लिए बढ़ाया गया था. बुधवार को सीबीआई ने और एक दिन की रिमांड की मांग की थी.
गौरतलब है कि 2 नवंबर 2019 को इस मामले की एफआईआर तात्कालिक सचिव ट्रस्ट आईएम कौशल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसकी विवेचना ईओडब्ल्यू(EOW) कर रही थी.

EOW ने इस मामले में यूपीपीसीएल के तत्कालीन आला अधिकारियों समेत 17 मुल्जिमों को गिरफ्तार किया था. जिसमें एक पर साजिश के तहत भारत सरकार की गाइड लाइन का उल्लघंन कर ईपीएफ व जीपीएफ का कुल 2 हजार 267 करोड़ की रकम प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों में गलत तरीके से निवेश करने का आरोप है. 5 मार्च 2020 को इस मामले की विवेचना सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई की विवेचना अभी प्रचलित है.

इसे पढ़ें- साइबर अपराध से निपटने को क्या कदम उठा रही पुलिस, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी से मांगा हलफनामा

लखनऊ : सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला मामले में डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन व धीरज वधावन को और एक दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है. इन दोनों मुल्जिमों की कस्टडी रिमांड की यह अवधि 9 जून की सुबह 11 बजे खत्म होगी. कोर्ट ने यह आदेश विवेचक व सीबीआई के डिप्टी एसपी संदीप कुमार पांडेय की अर्जी पर दिया है.

बता दें कि बीते 26 मई को विशेष अदालत ने इन दोनों मुल्जिमों का 7 दिन के लिए कस्टडी रिमांड मंजूर की गई थी. सीबीआई की विशेष अदालत में इन्हें 9वीं मुंबई की तलोजा जेल से पेश किया था. विशेष अदालत ने इससे पहले मुल्जिमों को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया था. इसके बाद 2 जून को इनका रिमांड और 6 दिन के लिए बढ़ाया गया था. बुधवार को सीबीआई ने और एक दिन की रिमांड की मांग की थी.
गौरतलब है कि 2 नवंबर 2019 को इस मामले की एफआईआर तात्कालिक सचिव ट्रस्ट आईएम कौशल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसकी विवेचना ईओडब्ल्यू(EOW) कर रही थी.

EOW ने इस मामले में यूपीपीसीएल के तत्कालीन आला अधिकारियों समेत 17 मुल्जिमों को गिरफ्तार किया था. जिसमें एक पर साजिश के तहत भारत सरकार की गाइड लाइन का उल्लघंन कर ईपीएफ व जीपीएफ का कुल 2 हजार 267 करोड़ की रकम प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों में गलत तरीके से निवेश करने का आरोप है. 5 मार्च 2020 को इस मामले की विवेचना सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई की विवेचना अभी प्रचलित है.

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