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लंबी खींचतान के बाद सिवालखास सीट से गुलाम मोहम्मद ने टिकट के लिए मारी बाजी

काफी खींचतान के बाद मेरठ की सिवालखास सीट से सपा-रालोद के बीच फंसा पेंच आखिरकार सुलझ गया है. गठबंधन ने यहां से गुलाम मोहम्मद को अपना प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा मेरठ कैंट से मनीषा अहलावत राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी.

सिवालखास सीट से गुलाम मोहम्मद बने प्रत्याशी.
सिवालखास सीट से गुलाम मोहम्मद बने प्रत्याशी.
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Published : Jan 18, 2022, 8:15 PM IST

लखनऊ: मेरठ की सिवालखास सीट से सपा-रालोद के बीच चल रही खींचतान आज यानि मंगलवार को खत्म हो गई है. रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सिवालखास सीट से दो और प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. टिकट के लिए सिवालखास विधानसभा सीट से गुलाम मोहम्मद ने बाजी मार ली है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस बार समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. लगातार दोनों ही पार्टियों की तरफ से प्रत्याशियों के नामों का एलान भी हो रहा है. इसी क्रम में रालोद ने ये फैसला लिया.

इसके अलावा मेरठ कैंट से मनीषा अहलावत राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. मनीषा अहलावत पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की बेटी हैं. पार्टी ने इन दोनों को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि दोनों ही प्रत्याशी आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करेंगे.

इसे भी पढ़ें- सपा-रालोद गठबंधन ने दो और सीटों पर घोषित किए प्रत्याशी

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन अब तक 38 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं. राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी की तरफ से छपरौली से वीरपाल राठी को प्रत्याशी बनाया गया तो बड़ौत से जय वीर सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया गया है.

पिछले साल चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद जयंत चौधरी के सामने अपनी पार्टी के खोते जनाधार को बचाने की चुनौती है. किसान आंदोलन ने जयंत चौधरी को वो मौका भी दिया. जंयत पिछले एक साल से जिस तरह आंदोलनकारियों के साथ खड़े रहे, उससे भी उनको खूब सहानभूति मिली. अब जयंत को लगता है कि पश्चिमी यूपी में जाट-सिख और मुस्लिम की लामबंदी के बदौलत आरएलडी फिर से अपनी खोई ताकत जुटा चुकी है और इसीलिए जयंत चौधरी अब इसका भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं. शायद यही वजह है कि जयंत चौधरी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से हाथ मिलाया है.

लखनऊ: मेरठ की सिवालखास सीट से सपा-रालोद के बीच चल रही खींचतान आज यानि मंगलवार को खत्म हो गई है. रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सिवालखास सीट से दो और प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. टिकट के लिए सिवालखास विधानसभा सीट से गुलाम मोहम्मद ने बाजी मार ली है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस बार समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. लगातार दोनों ही पार्टियों की तरफ से प्रत्याशियों के नामों का एलान भी हो रहा है. इसी क्रम में रालोद ने ये फैसला लिया.

इसके अलावा मेरठ कैंट से मनीषा अहलावत राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. मनीषा अहलावत पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की बेटी हैं. पार्टी ने इन दोनों को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि दोनों ही प्रत्याशी आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करेंगे.

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गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन अब तक 38 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं. राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी की तरफ से छपरौली से वीरपाल राठी को प्रत्याशी बनाया गया तो बड़ौत से जय वीर सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया गया है.

पिछले साल चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद जयंत चौधरी के सामने अपनी पार्टी के खोते जनाधार को बचाने की चुनौती है. किसान आंदोलन ने जयंत चौधरी को वो मौका भी दिया. जंयत पिछले एक साल से जिस तरह आंदोलनकारियों के साथ खड़े रहे, उससे भी उनको खूब सहानभूति मिली. अब जयंत को लगता है कि पश्चिमी यूपी में जाट-सिख और मुस्लिम की लामबंदी के बदौलत आरएलडी फिर से अपनी खोई ताकत जुटा चुकी है और इसीलिए जयंत चौधरी अब इसका भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं. शायद यही वजह है कि जयंत चौधरी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से हाथ मिलाया है.

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