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अस्पताल से डिस्चार्ज हुए समाज कल्याण निदेशक, कल भी रहेगा कार्य बहिष्कार

समाज कल्याण निदेशक बीके त्रिपाठी की तबीयत में सुधार होने के बाद शनिवार शाम अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही है. रविवार तक किसी तरीके की कोई कार्यवाही न होने के चलते सोमवार को भी निदेशालय में कार्य बहिष्कार रहेगा.

समाज कल्याण निदेशक अस्पताल से डिस्चार्ज
समाज कल्याण निदेशक अस्पताल से डिस्चार्ज
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Published : Mar 7, 2021, 2:23 PM IST

लखनऊ: समाज कल्याण निदेशक बीके त्रिपाठी की तबीयत में सुधार होने के बाद शनिवार शाम अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही है. रविवार तक किसी तरीके की कोई कार्यवाही न होने के चलते सोमवार को भी निदेशालय में कार्य बहिष्कार रहेगा. बता दें, 3 मार्च के दौरान प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान निदेशक पर अभद्र टिप्पणी की थी. गुरुवार को अचानक दोपहर में निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी की तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने निदेशक को गोमती नगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया था.


नाराज अफसरों ने खोला था मोर्चा

जनवरी माह में प्रदेश प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक के खिलाफ अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया था. प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक बीएल मीणा पर अधिकारियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य हज समिति के दफ्तर से खदेड़ दिया था. अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रमुख सचिव पर गाली गलौज व महिला कर्मचारियों से आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था.

प्रमुख सचिव पर लगा था बदसलूकी का आरोप

जनवरी माह में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा पर समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से बदसलूकी करने का आरोप लगा था. बताया गया था कि शासन स्तर पर एक मीटिंग के दौरान बदसलूकी की गई थी. इस मीटिंग में विभाग के निदेशक समेत कई पहुंचे थे, जहां किसी बात को लेकर प्रमुख सचिव मीणा नाराज हो गए थे. विभागीय अधिकारियों ने इसकी शिकायत कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री और मुख्य सचिव आरके तिवारी से की थी.

दोनों आईएएस अधिकारियों के बीच हुआ था 'लेटर वार'

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और प्रमुख सचिव के बीच विवाद काफी समय से चला आ रहा है. फरवरी माह में शासन से जारी पत्र में प्रमुख सचिव समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से जवाब तलब किया था. प्रमुख सचिव ने निदेशक पर वित्तीय अनियमितताओं लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया था. इस मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा ने निदेशक से 16 गंभीर आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था. प्रमुख सचिव ने 10 पन्नों का पत्र भेजकर निदेशक को स्पष्टीकरण के लिए कहा था.


लखनऊ: समाज कल्याण निदेशक बीके त्रिपाठी की तबीयत में सुधार होने के बाद शनिवार शाम अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही है. रविवार तक किसी तरीके की कोई कार्यवाही न होने के चलते सोमवार को भी निदेशालय में कार्य बहिष्कार रहेगा. बता दें, 3 मार्च के दौरान प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान निदेशक पर अभद्र टिप्पणी की थी. गुरुवार को अचानक दोपहर में निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी की तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने निदेशक को गोमती नगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया था.


नाराज अफसरों ने खोला था मोर्चा

जनवरी माह में प्रदेश प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक के खिलाफ अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया था. प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक बीएल मीणा पर अधिकारियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य हज समिति के दफ्तर से खदेड़ दिया था. अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रमुख सचिव पर गाली गलौज व महिला कर्मचारियों से आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था.

प्रमुख सचिव पर लगा था बदसलूकी का आरोप

जनवरी माह में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा पर समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से बदसलूकी करने का आरोप लगा था. बताया गया था कि शासन स्तर पर एक मीटिंग के दौरान बदसलूकी की गई थी. इस मीटिंग में विभाग के निदेशक समेत कई पहुंचे थे, जहां किसी बात को लेकर प्रमुख सचिव मीणा नाराज हो गए थे. विभागीय अधिकारियों ने इसकी शिकायत कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री और मुख्य सचिव आरके तिवारी से की थी.

दोनों आईएएस अधिकारियों के बीच हुआ था 'लेटर वार'

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और प्रमुख सचिव के बीच विवाद काफी समय से चला आ रहा है. फरवरी माह में शासन से जारी पत्र में प्रमुख सचिव समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से जवाब तलब किया था. प्रमुख सचिव ने निदेशक पर वित्तीय अनियमितताओं लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया था. इस मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा ने निदेशक से 16 गंभीर आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था. प्रमुख सचिव ने 10 पन्नों का पत्र भेजकर निदेशक को स्पष्टीकरण के लिए कहा था.


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