लखनऊ : महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और झारखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जल्द ही किन्नर समाज के कल्याण के लिए किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेज दिया है. जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा. कैबिनेट की मुहर लगने के बाद किन्नर बोर्ड का गठन संभव हो सकेगा.
आयोग किन्नरों को हक दिलाने के लिए काम करेगा. उनके भरण पोषण, पढ़ाई और रोजगार से जोड़ने के साथ-साथ सरकारी नौकरियों में उनकी भागीदारी कराने के लिए विस्तृत स्तर पर रणनीति बनाकर काम करेगा. विभागीय स्तर पर खाका तैयार किया गया है. समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में एक लाख 35 हजार 600 ट्रांसजेंडर हैं. कल्याण बोर्ड के गठन के बाद इन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा.
समाज कल्याण मंत्री को इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाएगा. अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया जाएगा. बोर्ड के सचिव के पद पर समाज कल्याण विभाग के निदेशक को बनाया जाएगा. इसके अलावा अन्य विभागों महिला कल्याण विभाग, न्याय विभाग, गृह विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के प्रमुख सचिव या अपर मुख्य सचिव और लखनऊ पुलिस कमिश्नर को बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा. भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी क्षेत्रों का समान रूप से प्रतिनिधित्व देने के लिए बुंदेलखंड, पश्चिमांचल, पूर्वांचल, अवध और रूहेलखंड के एक-एक किन्नर को भी इस बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा. कल्याण बोर्ड में दो एनजीओ के सदस्य को भी शामिल किया जाएगा.
यूपी में बनेगा किन्नर आयोग, समाज कल्याण विभाग ने भेजा प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश में राज्य किन्नर आयोग का गठन किया जाएगा. इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने राज्य किन्नर आयोग के गठन का एक प्रारूप तैयार करके शासन को प्रस्ताव भेजा है.
लखनऊ : महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और झारखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जल्द ही किन्नर समाज के कल्याण के लिए किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेज दिया है. जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा. कैबिनेट की मुहर लगने के बाद किन्नर बोर्ड का गठन संभव हो सकेगा.
आयोग किन्नरों को हक दिलाने के लिए काम करेगा. उनके भरण पोषण, पढ़ाई और रोजगार से जोड़ने के साथ-साथ सरकारी नौकरियों में उनकी भागीदारी कराने के लिए विस्तृत स्तर पर रणनीति बनाकर काम करेगा. विभागीय स्तर पर खाका तैयार किया गया है. समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में एक लाख 35 हजार 600 ट्रांसजेंडर हैं. कल्याण बोर्ड के गठन के बाद इन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा.
समाज कल्याण मंत्री को इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाएगा. अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया जाएगा. बोर्ड के सचिव के पद पर समाज कल्याण विभाग के निदेशक को बनाया जाएगा. इसके अलावा अन्य विभागों महिला कल्याण विभाग, न्याय विभाग, गृह विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के प्रमुख सचिव या अपर मुख्य सचिव और लखनऊ पुलिस कमिश्नर को बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा. भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी क्षेत्रों का समान रूप से प्रतिनिधित्व देने के लिए बुंदेलखंड, पश्चिमांचल, पूर्वांचल, अवध और रूहेलखंड के एक-एक किन्नर को भी इस बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा. कल्याण बोर्ड में दो एनजीओ के सदस्य को भी शामिल किया जाएगा.