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हुसैनाबाद ट्रस्ट की CBI जांच की मांग, शिया धर्म गुरु ने बताया बेईमानी का अड्डा

उत्तरप्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के बाद अब धर्मगुरु और इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ट्रस्ट के अधिकारियों पर भृष्टाचार के आरोप लगाते हुए मौलाना ने हुसैनाबाद ट्रस्ट की CBI जांच की मांग की है.

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हुसैनाबाद ट्रस्ट की जांच की मांग
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Published : Feb 8, 2021, 9:09 PM IST

लखनऊः उत्तरप्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के बाद अब धर्मगुरु और इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ट्रस्ट के अधिकारियों पर भृष्टाचार के आरोप लगाते हुए मौलाना ने हुसैनाबाद ट्रस्ट की CBI जांच की मांग की है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वो इस मामले को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे और वक्फ बोर्ड के बाद अब हुसैनाबाद ट्रस्ट की सीबीआई जांच कराएंगे.

हुसैनाबाद ट्रस्ट में बेईमानी के आरोप

हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधिकारियों पर भड़के मौलाना
ईटीवी भारत से बात करते हुए इमामे जुमा मौलाना कल्बे नकवी ने कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट बेईमानियों का हब बना हुआ है। सरकार के अधिकारी ट्रस्ट में बेईमानी कर रहे हैं और प्रशासन के किसी भी अफसर के कान पर जूं नही रेंग रही है. उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट का 20 साल से ऑडिट तक नहीं कराया गया है. जब आरटीआई के तहत मांग की गई तो जवाब आया कि ये प्राइवेट ट्रस्ट है.

ट्रस्ट की करोड़ों रुपये की आमदनी
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि 20 साल से एक पैसे का हिसाब नहीं दिया गया है. गैरकानूनी तौर से चेयरमैन और सेक्रेटरी बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि जिस वक्त इमामबाड़े की तालाबंदी की गई थी, उस वक्त प्रशासन की ओर से बयान आया था कि 5 लाख रुपये रोज का नुकसान हो रहा है. उस हिसाब से ट्रस्ट में महीने और साल की कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है. मौलाना ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रस्ट के पास करोड़ों रुपये का चांदी का सामान था. आज कुछ नहीं है, ऐसे में सवाल उठता है कि वो सब कहा गया.

'पीएम को पत्र लिखकर करेंगे CBI जांच की मांग'
मौलाना ने कहा कि ट्रस्ट में भृष्टाचार से शिया समुदाय को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में शिया मेम्बर्स की कमेटी होनी चाहिए. जिसकी वो मांग पहले की बसपा सरकार और अखिलेश सरकार से कर चुके हैं. लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. अधिकारी ट्रस्ट में बेईमानियां करते चले आ रहे हैं. मांग करते हुए कल्बे जवाद ने कहा कि वो पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे और हुसैनाबाद ट्रस्ट की भी सीबीआई जांच कराएंगे. क्योंकि पिछले 20 सालों में अरबों रुपये इस ट्रस्ट में आये, लेकिन वो पैसा कहा गया किसी को नहीं मालूम.

अवध के तीसरे बादशाह ने की थी ट्रस्ट की स्थापना
अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह ने 1839 में हुसैनाबाद ट्रस्ट की स्थापना की थी. बादशाह की डीड के मुताबिक ट्रस्ट का मकसद नवाबों के वंशजों को वसीका देने के साथ गरीब लड़कियों की शादी कराने, बच्चों को छात्रवृत्ति देने, बेघर लोगों को रहने के लिए किराए पर मकान मुहैया कराना था. लेकिन समय के साथ ट्रस्ट अपने वास्तविक कार्यों से भटक गया.

ट्रस्ट के अंतर्गत कई ऐतिहासिक इमारतें
अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह द्वारा स्थापित हुसैनाबाद ट्रस्ट के अंतर्गत कई ऐतिहासिक इमारतें आती हैं. लखनऊ का मशहूर पर्यटन स्थल बड़ा और छोटा इमामबाड़ा भी हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन है. जिसमें बड़ी संख्या में रोजाना सैलानी आते हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के पास इन इमारतों से भी बड़ी रकम आती है.

लखनऊः उत्तरप्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के बाद अब धर्मगुरु और इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ट्रस्ट के अधिकारियों पर भृष्टाचार के आरोप लगाते हुए मौलाना ने हुसैनाबाद ट्रस्ट की CBI जांच की मांग की है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वो इस मामले को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे और वक्फ बोर्ड के बाद अब हुसैनाबाद ट्रस्ट की सीबीआई जांच कराएंगे.

हुसैनाबाद ट्रस्ट में बेईमानी के आरोप

हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधिकारियों पर भड़के मौलाना
ईटीवी भारत से बात करते हुए इमामे जुमा मौलाना कल्बे नकवी ने कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट बेईमानियों का हब बना हुआ है। सरकार के अधिकारी ट्रस्ट में बेईमानी कर रहे हैं और प्रशासन के किसी भी अफसर के कान पर जूं नही रेंग रही है. उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट का 20 साल से ऑडिट तक नहीं कराया गया है. जब आरटीआई के तहत मांग की गई तो जवाब आया कि ये प्राइवेट ट्रस्ट है.

ट्रस्ट की करोड़ों रुपये की आमदनी
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि 20 साल से एक पैसे का हिसाब नहीं दिया गया है. गैरकानूनी तौर से चेयरमैन और सेक्रेटरी बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि जिस वक्त इमामबाड़े की तालाबंदी की गई थी, उस वक्त प्रशासन की ओर से बयान आया था कि 5 लाख रुपये रोज का नुकसान हो रहा है. उस हिसाब से ट्रस्ट में महीने और साल की कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है. मौलाना ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रस्ट के पास करोड़ों रुपये का चांदी का सामान था. आज कुछ नहीं है, ऐसे में सवाल उठता है कि वो सब कहा गया.

'पीएम को पत्र लिखकर करेंगे CBI जांच की मांग'
मौलाना ने कहा कि ट्रस्ट में भृष्टाचार से शिया समुदाय को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में शिया मेम्बर्स की कमेटी होनी चाहिए. जिसकी वो मांग पहले की बसपा सरकार और अखिलेश सरकार से कर चुके हैं. लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. अधिकारी ट्रस्ट में बेईमानियां करते चले आ रहे हैं. मांग करते हुए कल्बे जवाद ने कहा कि वो पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे और हुसैनाबाद ट्रस्ट की भी सीबीआई जांच कराएंगे. क्योंकि पिछले 20 सालों में अरबों रुपये इस ट्रस्ट में आये, लेकिन वो पैसा कहा गया किसी को नहीं मालूम.

अवध के तीसरे बादशाह ने की थी ट्रस्ट की स्थापना
अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह ने 1839 में हुसैनाबाद ट्रस्ट की स्थापना की थी. बादशाह की डीड के मुताबिक ट्रस्ट का मकसद नवाबों के वंशजों को वसीका देने के साथ गरीब लड़कियों की शादी कराने, बच्चों को छात्रवृत्ति देने, बेघर लोगों को रहने के लिए किराए पर मकान मुहैया कराना था. लेकिन समय के साथ ट्रस्ट अपने वास्तविक कार्यों से भटक गया.

ट्रस्ट के अंतर्गत कई ऐतिहासिक इमारतें
अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह द्वारा स्थापित हुसैनाबाद ट्रस्ट के अंतर्गत कई ऐतिहासिक इमारतें आती हैं. लखनऊ का मशहूर पर्यटन स्थल बड़ा और छोटा इमामबाड़ा भी हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन है. जिसमें बड़ी संख्या में रोजाना सैलानी आते हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के पास इन इमारतों से भी बड़ी रकम आती है.

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