लखनऊ: कोरोना संक्रमण को लेकर हाईकोर्ट ने इस साल ताजिया निकालने पर रोक लगा दी है. वहीं इसके बाद शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने भी कौम के लोगों से अपील करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने ताजिया उठाने की इजाजत नहीं दी है. लिहाजा रविवार को कोई भी ताजिया दफन करने न जाए. मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि हमारी सभी लोगों से अपील है कि रविवार को मोहर्रम के अशरे के दिन ताजिया न उठाएं और सड़कों पर किसी भी तरह की भीड़ इकट्ठा न करें. सभी लोग कोर्ट के फैसले का सम्मान करें. उन्होंने कहा कि हम लगातार कोशिश में लगे हुए हैं कि बीच का कोई रास्ता निकाल सकें. साथ ही कहा कि आने वाले वक्त में ताजिया को दफन करने का कोई हल जरूर निकलेगा. फिलहाल लोग अपने घरों में ही ताजिया रखे रहने दें.
आपको बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने भी किसी भी धार्मिक आयोजन के कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा रखा है. मोहर्रम और गणेश चतुर्थी में भी किसी भी कार्यक्रम को करने की मनाही थी. लेकिन मौलाना कल्बे जवाद ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद लोगों को अपने घरों में छोटी ताजिया रखने की अनुमति दे दी गई थी.
दरअसल मोहर्रम की 10वीं तारीख को इन ताजियों को कर्बला में दफनाया जाता है, लेकिन सरकार की तरफ से ताजिया ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. इसके बाद तमाम लोग हाईकोर्ट की शरण में भी गए थे, जिसमें ताजिया ले जाने की अनुमति मांगी गई थी. मामले को लेकर हाईकोर्ट ने भी किसी भी तरह की राहत देने से मना कर दिया, जिसके बाद मौलाना कल्बे जवाद ने लोगों से ताजिया न निकालने की अपील की है.