लखनऊ: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान अपने ही अधिकारियों और कर्मचारियों को इलाज मुहैया कराने में नाकाम साबित हुआ है. शुक्रवार की देर शाम इलाज न मिलने के कारण एसजीपीजीआई के एक अधिकारी की पत्नी की मौत हो गई. इसके विरोध में कर्मचारियों और अधिकारियों ने एसजीपीजीआई के प्रशासनिक भवन के बाहर प्रदर्शन किया.
संस्थान पर लापरवाही करने का आरोप
शुक्रवार को संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के तकनीकी अधिकारी रजनीश की पत्नी की हालत खराब होने पर इलाज के लिए एसजीपीजीआई लाया गया. कर्मचारी संघ के महामंत्री धर्मेश कुमार और नर्सिंग एसोसिएशन कीअध्यक्ष सीमा शुक्ला के मुताबिक पिछले 4 दिनों से उन्हें भर्ती कराने के प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन भर्ती नहीं किया गया. अधिकारी लगातार टालमटोल करते रहे.
आक्रोशित कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
इलाज न मिलने के कारण मरीज की मौत के बाद कर्मचारी एसजीपीजीआई के प्रशासनिक भवन पर एकत्र हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी. देर तक चले इस प्रदर्शन में भीम सिंह, मनोज सिंह, के के तिवारी, राजकुमार बाजपेई शामिल रहे.
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एसजीपीजीआई के निदेशक ने की कार्रवाई की बात
कर्मचारियों के हंगामे के बाद आखिरकार एसजीपीजीआई के निदेशक कर्मचारियों के सामने आए और कहा कि उन्हें संबंधित अधिकारी के पत्नी के बीमार होने की जानकारी नहीं थी. इस घटना में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
संस्थान के 570 कर्मचारी हैं कोरोना संक्रमित
कर्मचारियों ने बताया कि संस्थान की ढाई सौ से अधिक नर्स, 200 सफाई कर्मचारी और 20 से अधिक सहायक, 100 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर और अन्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. निदेशक ने कर्मचारियों को इलाज का भरोसा दिलाया है.