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फैटी लिवर की समस्या से हर तीसरा व्यक्ति ग्रसित, विशेषज्ञों ने सुझाए बचाव के उपाय

फैटी लिवर के कारण लिवर से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं. अध्ययन के अनुसार हर तीसरे व्यक्ति को फैटी लिवर की शिकायत है. इसी पर चर्चा के लिए बुधवार को एसजीपीजीआई के हेपेटोलाॅजी विभाग में विश्व यकृत दिवस मनाया गया. इस दौरान विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और सुझाव साझा किए.

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Published : Apr 19, 2023, 10:28 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के एसजीपीजीआई के हेपेटोलाॅजी विभाग में 19 अप्रैल 2023 को विश्व यकृत दिवस मनाया गया. इस दौरान देश में यकृत रोगों के बढ़ते बोझ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वेबिनार का आयोजन किया. इसमें प्रोफेसर आरके धीमान निदेशक पीजीआई एवं प्रोफेसर हेपेटोलॉजी प्रोफेसर राजन सक्सेना, विभागाध्यक्ष, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, प्रोफेसर अमित गोयल, विभागाध्यक्ष हेपेटोलॉजी और डॉ. सुरेंद्र सिंह, सहायक प्रोफेसर, हेपेटोलॉजी ने की. वेबिनार में संस्थान की फैकल्टी और स्टाफ सदस्यों और राज्य के 38 मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों ने भाग लिया.

प्रोफेसर डाॅ. आरके धीमन ने देश और राज्य में लिवर की बीमारियों के बढ़ते बोझ पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने विशेष रूप से लिवर की बीमारियों का जल्दी पता लगाने पर जोर दिया, ताकि सिरोसिस और लिवर कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके. प्रोफेसर राजन सक्सेना ने चिकित्सकों से सिरोसिस के रोगियों को प्रारंभिक अवस्था में हेपेटोलॉजिस्ट को समय पर रेफर करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें समय पर लिवर प्रत्यारोपण के साथ ठीक किया जा सके. उन्होंने बताया कि अगर हम निजी और सरकारी अस्पतालों में आईसीयू का नेटवर्क बना सकते हैं, तो हम लखनऊ शहर में ही कम से कम एक लिवर डोनर तैयार सकते हैं. प्रोफेसर अमित गोयल ने कहा कि नवीनतम अध्ययनों के अनुसार देश में हर चौथे व्यक्ति में फैटी लिवर है. फैटी लिवर के मुख्य कारण गतिहीन जीवन शैली, जंक फूड खाना और लोगों में व्यायाम और खेल गतिविधियों की कमी है. वसायुक्त यकृत रोग के लिए वजन कम करना और व्यायाम सबसे प्रभावी उपचार है. शरीर के वजन का 5% वजन कम करने से फैटी लिवर ठीक हो सकता है और अगर हम अपना 10% वजन कम कर सकते हैं तो लिवर की चोट और लीवर फाइब्रोसिस भी उलट सकता है.

डॉ. सुरेंद्र सिंह ने लिवर प्रत्यारोपण के विभिन्न पहलुओं और संस्थान में इसकी उपलब्धता के बारे में चर्चा की. उन्होंने बताया कि एसजीपीजीआई देश का पहला ऐसा संस्थान है जिसने लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट किया है और निजी अस्पतालों की तुलना में काफी कम खर्च में लिवर ट्रांसप्लांट कर रहा है. उन्होंने राज्य भर के सभी चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे लिवर सिरोसिस के रोगियों को लिवर प्रत्यारोपण हेतु मूल्यांकन के लिए संजय गांधी पीजीआई जल्दी रेफर करें. यहां लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है. लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले मरीज सप्ताह के प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को हेपेटोलॉजी ओपीडी में परामर्श के लिए आ सकते हैं.

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के एसजीपीजीआई के हेपेटोलाॅजी विभाग में 19 अप्रैल 2023 को विश्व यकृत दिवस मनाया गया. इस दौरान देश में यकृत रोगों के बढ़ते बोझ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वेबिनार का आयोजन किया. इसमें प्रोफेसर आरके धीमान निदेशक पीजीआई एवं प्रोफेसर हेपेटोलॉजी प्रोफेसर राजन सक्सेना, विभागाध्यक्ष, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, प्रोफेसर अमित गोयल, विभागाध्यक्ष हेपेटोलॉजी और डॉ. सुरेंद्र सिंह, सहायक प्रोफेसर, हेपेटोलॉजी ने की. वेबिनार में संस्थान की फैकल्टी और स्टाफ सदस्यों और राज्य के 38 मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों ने भाग लिया.

प्रोफेसर डाॅ. आरके धीमन ने देश और राज्य में लिवर की बीमारियों के बढ़ते बोझ पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने विशेष रूप से लिवर की बीमारियों का जल्दी पता लगाने पर जोर दिया, ताकि सिरोसिस और लिवर कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके. प्रोफेसर राजन सक्सेना ने चिकित्सकों से सिरोसिस के रोगियों को प्रारंभिक अवस्था में हेपेटोलॉजिस्ट को समय पर रेफर करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें समय पर लिवर प्रत्यारोपण के साथ ठीक किया जा सके. उन्होंने बताया कि अगर हम निजी और सरकारी अस्पतालों में आईसीयू का नेटवर्क बना सकते हैं, तो हम लखनऊ शहर में ही कम से कम एक लिवर डोनर तैयार सकते हैं. प्रोफेसर अमित गोयल ने कहा कि नवीनतम अध्ययनों के अनुसार देश में हर चौथे व्यक्ति में फैटी लिवर है. फैटी लिवर के मुख्य कारण गतिहीन जीवन शैली, जंक फूड खाना और लोगों में व्यायाम और खेल गतिविधियों की कमी है. वसायुक्त यकृत रोग के लिए वजन कम करना और व्यायाम सबसे प्रभावी उपचार है. शरीर के वजन का 5% वजन कम करने से फैटी लिवर ठीक हो सकता है और अगर हम अपना 10% वजन कम कर सकते हैं तो लिवर की चोट और लीवर फाइब्रोसिस भी उलट सकता है.

डॉ. सुरेंद्र सिंह ने लिवर प्रत्यारोपण के विभिन्न पहलुओं और संस्थान में इसकी उपलब्धता के बारे में चर्चा की. उन्होंने बताया कि एसजीपीजीआई देश का पहला ऐसा संस्थान है जिसने लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट किया है और निजी अस्पतालों की तुलना में काफी कम खर्च में लिवर ट्रांसप्लांट कर रहा है. उन्होंने राज्य भर के सभी चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे लिवर सिरोसिस के रोगियों को लिवर प्रत्यारोपण हेतु मूल्यांकन के लिए संजय गांधी पीजीआई जल्दी रेफर करें. यहां लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है. लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले मरीज सप्ताह के प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को हेपेटोलॉजी ओपीडी में परामर्श के लिए आ सकते हैं.

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