लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण में कंप्यूटर गायब होने की गुत्थी उलझती जा रही है. मो. हाशिम की बेटी के जरिये की गई बेकूसूर होने की अपील के बाद प्रांशू शुक्ला ने भी अपनी बेगुनाही साबित करने की कवायद शुरु कर दी है. प्रांशू ने ईटीवी को निजी तौर पर फोन से बताया कि उसकी तबीयत खराब होने की वजह से कार्यालय नहीं आ पा रहा है. जैसे ही तबीयत सही होती है. वह कार्यालय आकर के उपाध्यक्ष के सामने अपनी बात रखेगा.
प्रांशू शुक्ला के तर्क
प्रांशू शुक्ला ने बताया है कि कम्प्यूटर गायब होने का जो आरोप उस पर लग रहा है, वह पूरी तरह से गलत है. उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. उसकी अलमारी में मोहम्मद हाशिम ने कम्प्यूटर रख दिया था. स्टोर से कम्प्यूटर की रिसीविंग भी हाशिम के ही पास ही है. उसका इस पूरे मामले में कोई लेना देना नहीं है. प्रांशू ने बताया की वो शासन से जुड़ी हुई जिम्मेदारी का काम कर रहा था. जो अफवाहें चल रही हैं वो पूरी तरह से गलत हैं.
हाशिम का आरोप
मो. हाशिम ने अपने पत्र में बताया है कि वो निर्दोष है और लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी उससे रिश्वत में 50 हजार रुपये की घूस मांग रहे हैं. वहीं हाशिम ने कहा की कंप्यूटर उसके पास नहीं है, बल्कि प्रांशू के पास है. जिसे की कमलेश कुमार अनुचर ने खुद उनकी गाड़ी में रखा था. उसने बताया कि अधिकारी उसका शोषण कर रहे हैं, जिसके चलते इस लिये वो इस्तीफा दे रहा है.
एलडीए की सफाई
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने साफ तौर पर कहा है कि जांच में पता चला है कि कार्यालय में कंप्यूटर गायब है. जिसके लिए जिम्मेदार लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है. अगर जवाब नहीं आता है तो आगे की कार्रवाई होगी.