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लोहिया संस्थान के सफाईकर्मियों ने अनुबंधित फर्म पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

राजधानी के डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत सफाई कर्मियों ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है. अनुबंधित फर्म प्राइम क्लीनिंग सर्विसेज के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से मिलकर शिकायत भी की है.

लोहिया संस्थान के सफाईकर्मियों ने अनुबंधित फर्म पर लगाया उत्पीड़न का आरोप
लोहिया संस्थान के सफाईकर्मियों ने अनुबंधित फर्म पर लगाया उत्पीड़न का आरोप
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Published : Jun 6, 2021, 5:51 AM IST

लखनऊ: डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत सफाई कर्मियों ने शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से मिलकर अनुबंधित फर्म प्राइम क्लीनिंग सर्विसेज पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित फर्म द्वारा एक बड़ी रकम प्रतिमाह वेतन से कटौती की जा रही है.


कई माह से नहीं जमा किया कर्मचारियों का ईपीएफ

संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिदानंद ने बताया कि प्राइम क्लीनिंग सर्विसेज ने कई माह से कर्मचारियों का ईपीएफ खाते में नहीं जमा किया है. कर्मचारियों के वेतन में भी भिन्नता है. कुछ कर्मचारियों को 10 हजार 500 रुपये प्रति माह तथा कुछ को केवल 8 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है. हर माह कर्मचारियों के वेतन से बड़ी कटौती की जा रही है.

आवाज उठाने पर धमकाता है सुपरवाइजर

सच्चिदानंद ने संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अवगत कराया कि आवाज उठाने पर सुपरवाइजर द्वारा गाली-गलौज और धमकी दी जाती है. यहां कार्यरत कर्मचारियों का उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कर्मचारी हित में आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है.


निरस्त किया जाए टेंडर

संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ ईपीएफ आयुक्त को पत्र लिखकर संबंधित फर्म प्राइम क्लीनिंग सर्विसेज के टेंडर को निरस्त किए जाने की मांग की है. रितेश मल्ल का कहना है कि फर्म के कार्य व्यवहार से कर्मचारियों में भय और आक्रोश है.

लखनऊ: डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत सफाई कर्मियों ने शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से मिलकर अनुबंधित फर्म प्राइम क्लीनिंग सर्विसेज पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित फर्म द्वारा एक बड़ी रकम प्रतिमाह वेतन से कटौती की जा रही है.


कई माह से नहीं जमा किया कर्मचारियों का ईपीएफ

संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिदानंद ने बताया कि प्राइम क्लीनिंग सर्विसेज ने कई माह से कर्मचारियों का ईपीएफ खाते में नहीं जमा किया है. कर्मचारियों के वेतन में भी भिन्नता है. कुछ कर्मचारियों को 10 हजार 500 रुपये प्रति माह तथा कुछ को केवल 8 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है. हर माह कर्मचारियों के वेतन से बड़ी कटौती की जा रही है.

आवाज उठाने पर धमकाता है सुपरवाइजर

सच्चिदानंद ने संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अवगत कराया कि आवाज उठाने पर सुपरवाइजर द्वारा गाली-गलौज और धमकी दी जाती है. यहां कार्यरत कर्मचारियों का उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कर्मचारी हित में आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है.


निरस्त किया जाए टेंडर

संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ ईपीएफ आयुक्त को पत्र लिखकर संबंधित फर्म प्राइम क्लीनिंग सर्विसेज के टेंडर को निरस्त किए जाने की मांग की है. रितेश मल्ल का कहना है कि फर्म के कार्य व्यवहार से कर्मचारियों में भय और आक्रोश है.

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