लखनऊ : ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में काम कराने आने वाले लोगों की भीड़ से ज्यादा दलाल मौजूद रहते हैं. इन दलालों पर कई बार कार्रवाई भी की गई, लेकिन कुछ अधिकारियों की शह के चलते इन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. दलालों को जब मुख्यालय से किसी सीनियर अधिकारी के आरटीओ दफ्तर में पहुंचने की आहट होती है वैसे ही भाग खड़े होते हैं. शनिवार को आरटीओ कार्यालय में कुछ ऐसा ही हुआ. अचानक डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ परिक्षेत्र) आरटीओ कार्यालय पहुंच गए. उनके पहुंचते ही कार्यालय परिसर में आवेदकों का काम करा रहे बाहरी लोग भाग खड़े हुए. कुछ पल में ही कार्यालय के परिसर में सन्नाटा पसर गया.
लखनऊ जोन के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सुरेंद्र कुमार ने आरटीओ कार्यालय परिसर का दौरा किया. इस दौरान चार नंबर कमरे में परमिट अनुभाग में उन्होंने पत्रावलियों की जांच की. डीटीसी ने बताया कि परमिट अनुभाग में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. मौके पर पत्रावलियों की जांच की गई जिसमें सभी तरह के कागजात उपलब्ध पाए गए. किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं मिली. परिसर के काउंटर पर आवेदकों की भीड़ देखकर कर्मियों को जल्द काम निपटाने के निर्देश दिए. सर्वर रूम में डाटा फीडिंग को लेकर कागजात तलब किए. सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि आवेदकों का काम हरहाल में समय पर पूरा हो. आवेदक दलालों की ठगी का शिकार न हों, इसके लिए उनके काम को प्राथमिकता दी जाए. कार्यालय परिसर के आसपास बाहरी लोगों का जमावड़ा न लगने दिया जाए. डीटीसी के निरीक्षण के दौरान आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप कुमार पंकज, एआरटीओ (प्रवर्तन) अमित राजन राय, आरआई प्रशांत कुमार मौजूद रहे.
झूठी शिकायत के लिए आवेदक ने माफी मांगी
डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लखनऊ जोन सुरेंद्र कुमार ने बताया कि एक आवेदक ने शिकायत की थी कि परमानेंट लाइसेंस के लिए होने वाले टेस्ट में जानबूझकर फेल कर दिया गया. यहां पर पैसा देकर हर काम हो जाता है. आवेदक की शिकायत पर उसे फोन कर आरटीओ कार्यालय में मौके पर आने को कहा और यह भी कहा कि आप यहां पर आकर वाहन चलाकर दिखा दीजिए. अगर आप टेस्ट में पास होते हैं तो शिकायत पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. इस पर आवेदक ने फोन पर ही माफी मांग ली. कहा कि मैं ही गाड़ी सही नहीं चला पाया था, इसलिए फेल हुआ. दलालों के बहकावे में आ गया था, इसलिए आरोप लगाया.
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