लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गांव गांव अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए शाखाओं की संख्या में इजाफा करेगा. अवध प्रांत के प्रत्येक मंडल (न्याय पंचायत) में संघ की शाखा लगाई जाएगी. संघ के शताब्दी वर्ष 2025 से पूर्व अवध प्रान्त में लगने वाली शाखाओं की संख्या को करीब दोगुना किया जाएगा. मौजूदा समय में आरएसएस की करीब एक हजार साखा लग रही है.
देश भर से लोग जुड़े
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रांत के संघचालक सुनीत खरे ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर पिछले दिनों बंगलुरु में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में पास हुए प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि "प्रतिनिधि सभा की बैठक में देश भर से 488 प्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से और 850 प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे. खरे ने बताया कि "प्रतिनिधि सभा में पहला प्रस्ताव राम मंदिर निर्माण भारत की अंतर्निहित शक्ति का प्रकटीकरण है. कोविड-19 के दौरान समाज के समन्वित और समग्र प्रयासों को ध्यान में रखकर प्रत्येक वर्ग के द्वारा निभाई गई सक्रिय भूमिका के लिए प्रतिनिधि सभा ने देशवासियों का अभिनंदन किया. इसके लिए 'कोविड-19 के सम्मुख खड़ा एकजुट भारत' प्रस्ताव पारित हुआ."
2025 से पूर्व सभी न्याय पंचायत में साखा का लक्ष्य
प्रांत कार्यवाह प्रशांत ने बताया कि संघ का प्रत्यक्ष कार्य अवध प्रांत के 25 जिलों में 2628 शाखा, मिलन और मंडली के रूप में चल रहा है. अवध प्रांत ने अपनी आगामी योजना में संघ शताब्दी वर्ष से पहले मंडल स्तर (न्याय पंचायत) तक शतप्रतिशत प्रत्यक्ष संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य लिया है. अभी मौजूदा समय में अवध प्रान्त में करीब एक हजार साखा संचालित है. 2025 से पहले सभी मंडलों में शाखाएं शुरू की जाएंगी.
भूमि सुपोषण अभियान चलाएगा संघ
प्रत्येक गांव और किसानों तक पहुंच बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक और अभियान चलाने जा रहा है. प्रांत कार्यवाह प्रशांत ने बताया की "भूमि सुपोषण अभियान के तहत मृदा में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी दूर हो, इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा. जैविक खाद के द्वारा प्राकृतिक खेती की जाए, इसके लिए भी समाज को जागरूक किया जाएगा. यह अभियान वर्ष प्रतिपदा (नवरात्र) के दिन से शुरू होगा. समाज वर्ष प्रतिपदा के दिन को ही सृष्टि की उत्पत्ति का दिवस मानता है. धरती माता की भी उत्पत्ति उसी दिन हुई है. इसलिए इस दिन संघ के स्वयंसेवक धरती माता का पूजन करके समाज को जागरूक करेंगे."
अवध के हर गांव तक पहुंचेगा संघ, दोगुनी होगी शाखा - लखनऊ समाचार
लखनऊ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गांव-गांव अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए शाखाओं की संख्या में इजाफा करेगा. अवध प्रांत के प्रत्येक मंडल (न्याय पंचायत) में संघ की शाखा लगाई जाएगी.
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लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गांव गांव अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए शाखाओं की संख्या में इजाफा करेगा. अवध प्रांत के प्रत्येक मंडल (न्याय पंचायत) में संघ की शाखा लगाई जाएगी. संघ के शताब्दी वर्ष 2025 से पूर्व अवध प्रान्त में लगने वाली शाखाओं की संख्या को करीब दोगुना किया जाएगा. मौजूदा समय में आरएसएस की करीब एक हजार साखा लग रही है.
देश भर से लोग जुड़े
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रांत के संघचालक सुनीत खरे ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर पिछले दिनों बंगलुरु में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में पास हुए प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि "प्रतिनिधि सभा की बैठक में देश भर से 488 प्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से और 850 प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे. खरे ने बताया कि "प्रतिनिधि सभा में पहला प्रस्ताव राम मंदिर निर्माण भारत की अंतर्निहित शक्ति का प्रकटीकरण है. कोविड-19 के दौरान समाज के समन्वित और समग्र प्रयासों को ध्यान में रखकर प्रत्येक वर्ग के द्वारा निभाई गई सक्रिय भूमिका के लिए प्रतिनिधि सभा ने देशवासियों का अभिनंदन किया. इसके लिए 'कोविड-19 के सम्मुख खड़ा एकजुट भारत' प्रस्ताव पारित हुआ."
2025 से पूर्व सभी न्याय पंचायत में साखा का लक्ष्य
प्रांत कार्यवाह प्रशांत ने बताया कि संघ का प्रत्यक्ष कार्य अवध प्रांत के 25 जिलों में 2628 शाखा, मिलन और मंडली के रूप में चल रहा है. अवध प्रांत ने अपनी आगामी योजना में संघ शताब्दी वर्ष से पहले मंडल स्तर (न्याय पंचायत) तक शतप्रतिशत प्रत्यक्ष संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य लिया है. अभी मौजूदा समय में अवध प्रान्त में करीब एक हजार साखा संचालित है. 2025 से पहले सभी मंडलों में शाखाएं शुरू की जाएंगी.
भूमि सुपोषण अभियान चलाएगा संघ
प्रत्येक गांव और किसानों तक पहुंच बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक और अभियान चलाने जा रहा है. प्रांत कार्यवाह प्रशांत ने बताया की "भूमि सुपोषण अभियान के तहत मृदा में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी दूर हो, इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा. जैविक खाद के द्वारा प्राकृतिक खेती की जाए, इसके लिए भी समाज को जागरूक किया जाएगा. यह अभियान वर्ष प्रतिपदा (नवरात्र) के दिन से शुरू होगा. समाज वर्ष प्रतिपदा के दिन को ही सृष्टि की उत्पत्ति का दिवस मानता है. धरती माता की भी उत्पत्ति उसी दिन हुई है. इसलिए इस दिन संघ के स्वयंसेवक धरती माता का पूजन करके समाज को जागरूक करेंगे."