लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत की आज संघ पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक एक गोपनीय स्थान पर शुरू हो गई है. बैठक सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मास्क लगाकर अवध प्रांत के प्रचारकों के साथ हो रही है. बैठक में शामिल होने से पहले सभी लोगों की कोविड जांच की रिपोर्ट देखी गई और फिर उन्हें बैठक में प्रवेश दिया गया.
संघ प्रमुख मोहन भागवत शनिवार की देर शाम कानपुर से राजधानी लखनऊ आए थे और आज रविवार को उनकी होने वाली बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के द्वारा कोरोनावायरस की वजह से किये गए लॉकडाउन के समय संघ के सेवा कार्यो व अन्य कामकाज की समीक्षा करेंगे. सरकार और संगठन के कामकाज को लेकर वह संघ प्रचारकों से फीडबैक ले सकते हैं. आज होने वाली बैठक में संघ के दो दर्जन पदाधिकारी शामिल हुए हैं. मोहन भागवत सोमवार को भी राजधानी लखनऊ में ही रहेंगे और संघ पदाधिकारियों के साथ बैठक करके सामाजिक समरसता सहित अन्य विषयों पर चर्चा करेंगे.
मुख्य रूप से संघ प्रमुख मोहन भागवत की इस दो दिवसीय बैठक में कोरोनावायरस की वजह से बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को लेकर किए गए कामकाज और उन्हें रोजगार दिए जाने को लेकर वह प्रमुख रूप से चर्चा करेंगे. वह संघ के विभिन्न आयामों को लेकर बात करेंगे. इसके साथ ही कोविड-19 की वजह से संघ की शाखाएं प्रभावित हुई थी तो अब एक बार फिर संघ की शाखाएं शुरू करने को लेकर भी मोहन भागवत प्रांत पदाधिकारियों की बैठक में रणनीति बना सकते हैं.
मोहन भागवत संघ की शाखाओं के विस्तार और उनके मद्देनजर उनकी सक्रियता और निरंतरता पर प्रचारकों के साथ चर्चा करेंगे. इसके अलावा संघ के जो काम हैं, पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, गो सेवा, ग्राम विकास और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर भी वह प्रचारकों के साथ चर्चा करेंगे.
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उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत का लखनऊ का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पिछले कुछ समय से तमाम मुद्दों को लेकर सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी देखने को मिल रही थी. पार्टी के तमाम विधायक, सांसद यहां तक कि आरएसएस के लोगों की भी नाराजगी देखने को मिली है. अंदर खाने संघ के प्रचारक और स्वयंसेवक यह कहते रहे हैं कि सरकार में जरूरतमंदों के काम भी नहीं हो रहे हैं. एक वर्ग विशेष को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है. ऐसी स्थिति में मोहन भागवत सरकार के कामकाज को लेकर भी प्रचारकों से चर्चा कर सकते हैं.