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बाढ़ राहत कार्य के लिए 24×7 संचालित हों कंट्रोल रूम, सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी - relief commissioner instructed to all dm to deal with floods in up

उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने सभी जिलों के डीएम को निर्देशित किया है कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर रहें. साथ ही कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जाएगी.

राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी.
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Published : Sep 19, 2019, 2:36 PM IST

लखनऊ: बाढ़ की स्थिति से निपटने और राहत आपदा का कार्य युद्धस्तर पर करने के लिए प्रदेश के सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं. जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. देर रात राज्य सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक 24X7 कंट्रोल रूम संचालित किए जाएं और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जाएगी. बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों में प्रशासनिक मशीनरी अलर्ट रहेगी और बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत मुहैया कराई जाए.

राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने सभी डीएम को दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने देर रात जारी दिशा निर्देशों में कहा है कि सभी डीएम अपने क्षेत्रों में नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें. जनपदों के मुख्यालयों में वास्तविक कंट्रोल रूम स्थापित कर पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नियुक्त किए जाएं. कंट्रोल रूम का संचालन 24 घंटे सुनिश्चित किया जाए.

राहत आयुक्त की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्यवाही की जाए. भोजन और राहत सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए. आपदा में हताहत होने वाले व्यक्तियों और उनके आश्रितों को अधिकतम 12 घंटे के भीतर मुआवजे का भुगतान कर दिया जाए.

राहत आयुक्त ने लापरवाही न बरतने के दिए निर्देश
आपदा से प्रभावित क्षेत्र के पशुओं के लिए पर्याप्त चारा, उपचार और औषधियों की पर्याप्त व्यवस्था पहले से सुनिश्चित कर ली जाए. राहत कैंप भी स्थापित किए जाएं साथ ही राहत केंद्रों में शरणार्थियों और पशुओं की चिकित्सा के लिए पर्याप्त चिकित्सक भी रखे जाएं.

लखनऊ: बाढ़ की स्थिति से निपटने और राहत आपदा का कार्य युद्धस्तर पर करने के लिए प्रदेश के सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं. जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. देर रात राज्य सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक 24X7 कंट्रोल रूम संचालित किए जाएं और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जाएगी. बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों में प्रशासनिक मशीनरी अलर्ट रहेगी और बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत मुहैया कराई जाए.

राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने सभी डीएम को दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने देर रात जारी दिशा निर्देशों में कहा है कि सभी डीएम अपने क्षेत्रों में नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें. जनपदों के मुख्यालयों में वास्तविक कंट्रोल रूम स्थापित कर पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नियुक्त किए जाएं. कंट्रोल रूम का संचालन 24 घंटे सुनिश्चित किया जाए.

राहत आयुक्त की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्यवाही की जाए. भोजन और राहत सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए. आपदा में हताहत होने वाले व्यक्तियों और उनके आश्रितों को अधिकतम 12 घंटे के भीतर मुआवजे का भुगतान कर दिया जाए.

राहत आयुक्त ने लापरवाही न बरतने के दिए निर्देश
आपदा से प्रभावित क्षेत्र के पशुओं के लिए पर्याप्त चारा, उपचार और औषधियों की पर्याप्त व्यवस्था पहले से सुनिश्चित कर ली जाए. राहत कैंप भी स्थापित किए जाएं साथ ही राहत केंद्रों में शरणार्थियों और पशुओं की चिकित्सा के लिए पर्याप्त चिकित्सक भी रखे जाएं.

Intro:एंकर
लखनऊ। प्रदेश में नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की स्थिति से निपटने और राहत आपदा के कार्य युद्ध स्तर पर करें के निर्देश प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को जारी किए गए हैं और जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है देर रात राज्य सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक 24 * 7 कंट्रोल रूम संचालित किए जाएं और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जाएगी बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों में प्रशासनिक मशीनरी अलर्ट रहेगी और बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत मुहैया कराई जाए।



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उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने देर रात जारी दिशा निर्देशों में कहा है कि सभी जिला अधिकारी अपने क्षेत्रों में नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें और जनपदों के मुख्यालयों में वास्तविक कंट्रोल रूम स्थापित करके पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नियुक्त किए जाएं और इन कंट्रोल रूम ओं का संचालन 24 घंटे सातों दिन सुनिश्चित किया जाए राहत आयुक्त की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्यवाही की जाए भोजन व राहत सामग्री पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए आपदा में हताहत होने वाले व्यक्तियों व उनके आश्रितों को अधिकतम 12 घंटे के भीतर मुआवजे का भुगतान कर दिया जाए आपदा से प्रभावित क्षेत्र के पशुओं के लिए पर्याप्त चारा तथा उपचार और औषधियों की पर्याप्त व्यवस्था पहले से सुनिश्चित कर ली जाए जो भी राहत कैंप स्थापित किए जाएं उन्हें भोजन औषधियों शौचालय जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पर्याप्त व्यवस्था रखी जानी चाहिए राहत केंद्रों में शरण लिए हुए व्यक्तियों तथा पशुओं की चिकित्सा के लिए पर्याप्त चिकित्सक भी रखे जाएं इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाए।


Conclusion:उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने और बाढ़ पीड़ितों को राहत मुहैया कराए जाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।
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