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लोकबंधु अस्पताल में रिएजेंट खराब, मरीजों की जांचें ठप

राजधानी लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में जांच में इस्तेमाल होना वाले रिएजेंट एक्सपायर हो गया है. वहीं नए रिएजेंट न होने के कारण मरीजों को थायराइड, विटामिन डी-3, सीबीसी सहित खून संबंधित कई जांचें नहीं हो पा रही हैं. मरीज प्राइवेट केंद्रों से जांच करवाने को मजबूर हैं.

लोकबंधु अस्पताल में रिएजेंट खराब
लोकबंधु अस्पताल में रिएजेंट खराब
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Published : Mar 12, 2021, 10:55 AM IST

लखनऊ: लोकबंधु अस्पताल को गत वर्ष कोविड अस्पताल बनाया गया था. इस दौरान दूसरी बीमारियों के मरीजों का आना बंद हो गया था. एक माह पहले अस्पताल को दोबारा सामान्य मरीजों के लिए खोल दिया गया. इस बीच लैब में रखा रिएजेंट (अभिकर्मक) खराब हो गया. ऐसे में मरीजों की कई जांचें ठप हैं.

लोकबंधु अस्पताल में खून जांच में इस्तेमाल होना वाले रिएजेंट एक्सपायर हो गया है. वहीं नए रिएजेंट न होने के कारण मरीजों को थायराइड, विटामिन डी-3, सीबीसी सहित खून संबंधित कई जांचें नहीं हो पा रही हैं. मरीज प्राइवेट केंद्रों से जांच करवाने को मजबूर हैं. कुछ दिन पहले अस्पताल प्रशासन ने शासन से नए रिएजेंट की मांग की थी, फिलहाल रिएजेंट अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. जिसके कारण मरीजों की खून संबंधित कई जांचे नहीं हो पा रही हैं. अस्पताल के निदेशक डॉ. अरुण लाल ने बताया कि कुछ रिएजेंट खराब हुए, ज्यादातर सिविल अस्पताल भेज दिए गए थे. वहीं नए रिएजेंट की डिमांड भेजी गई है.

इसे भी पढ़ें-गर्मियों में 6 गुना से ज्यादा बढ़ जाती है पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग

अस्पतालों में जांच का इंतजार
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में रेडियोलॉजी की जांचों के लिए वेटिंग चल रही है. ऐसे ही पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री की जांचों के लिए भी मरीजों को भटकना पड़ रहा है. बायोप्सी, एफएनएसी जांच के लिए मरीजों को सात से 10 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं सीटी स्कैन, एमआरआई के लिए माह भर के लिए इंतजार करना पड़ता है. ऐसे ही सीटी स्कैन के लिए भी लंबा इंतजार है. कैंसर रोगियों को का समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है.

लखनऊ: लोकबंधु अस्पताल को गत वर्ष कोविड अस्पताल बनाया गया था. इस दौरान दूसरी बीमारियों के मरीजों का आना बंद हो गया था. एक माह पहले अस्पताल को दोबारा सामान्य मरीजों के लिए खोल दिया गया. इस बीच लैब में रखा रिएजेंट (अभिकर्मक) खराब हो गया. ऐसे में मरीजों की कई जांचें ठप हैं.

लोकबंधु अस्पताल में खून जांच में इस्तेमाल होना वाले रिएजेंट एक्सपायर हो गया है. वहीं नए रिएजेंट न होने के कारण मरीजों को थायराइड, विटामिन डी-3, सीबीसी सहित खून संबंधित कई जांचें नहीं हो पा रही हैं. मरीज प्राइवेट केंद्रों से जांच करवाने को मजबूर हैं. कुछ दिन पहले अस्पताल प्रशासन ने शासन से नए रिएजेंट की मांग की थी, फिलहाल रिएजेंट अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. जिसके कारण मरीजों की खून संबंधित कई जांचे नहीं हो पा रही हैं. अस्पताल के निदेशक डॉ. अरुण लाल ने बताया कि कुछ रिएजेंट खराब हुए, ज्यादातर सिविल अस्पताल भेज दिए गए थे. वहीं नए रिएजेंट की डिमांड भेजी गई है.

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अस्पतालों में जांच का इंतजार
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में रेडियोलॉजी की जांचों के लिए वेटिंग चल रही है. ऐसे ही पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री की जांचों के लिए भी मरीजों को भटकना पड़ रहा है. बायोप्सी, एफएनएसी जांच के लिए मरीजों को सात से 10 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं सीटी स्कैन, एमआरआई के लिए माह भर के लिए इंतजार करना पड़ता है. ऐसे ही सीटी स्कैन के लिए भी लंबा इंतजार है. कैंसर रोगियों को का समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है.

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