लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के सचिव अनिल दुबे ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के बजट को किसानों के साथ धोखा करार दिया. साथ ही उन्होंने गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर सरकार पर आंकड़ों का मकड़जाल बुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2022 तक के गन्ना मूल्य भुगतान का दावा पूरी तरह से खोखला है. उन्होंने कहा कि आज भी करीब तीन हजार करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान बाकी है. उनका कहना है कि किसान सम्मान निधि देने में भी किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. सरकार ने खुद भी माना है कि किसान सम्मान निधि का लाभ अधिकांश किसानों तक नहीं पहुंचा है. सरकार की बीज वितरण योजना भी कुप्रबंधन का शिकार है. करीब 90% किसान आज भी बीज बाजार से खरीदने को मजबूर हैं.
रालोद सचिव ने कहा कि सरकारी बीज वितरण कागजों पर ही होता रहता है. सोलर पंप का अनुदान लेना किसान के लिए संजीवनी बूटी लाने से कम नहीं है. खाद की कालाबाजारी आज भी जारी है. उन्होंने कहा कि जब नहरों में पानी ही उपलब्ध नहीं है तो फिर फ्री सिंचाई की सुविधा के पैसे कहां बह रहे हैं. भाजपा सरकार ने 2022 के चुनाव से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, जिसमें कोई भी संकल्प पूरा होता नहीं दिख रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास की इस बजट में पोल खुल गई है. आकड़ों के माध्यम से जनता को गुमराह करने का काम किया गया है. युवा वर्ग के पास रोजगार नहीं है. किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का वादा भी खोखला निकला. प्रदेश की जनता के ऊपर मंहगाई की मार है जिसके लिए कोई इंतजाम नहीं है.
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