लखनऊ: महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने गुरुवार को राजकीय बालिका गृह व विशेषी कृत बालिकाओं हेतु आश्रय गृह का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां साफ-सफाई के इंतजाम दुरुस्त नहीं मिले. उन्होंने इस संदर्भ में वहां रह रहीं बालिकाओं से बातचीत की और अधीक्षक रीता टम्टा के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए.
बच्चों को तीसरी लहर से बचाने का प्रयास
निदेशक ने गुरुवार को लखनऊ स्थित राजकीय बालिका गृह का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बालिकाओं से उनके रूटीन और समस्याओं संबंधी बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि कोरोना से बच्चों और महिलाओं का बचाव गृहों की शीर्ष प्राथमिकता है. ऐसे में अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए. किसी के भी द्वारा की गई छोटी सी लापरवाही बच्चों व महिलाओं सहित स्टाफ और उनके परिवार को भी जोखिम में ला सकती है. जिम्मेदारी से भागने वाले अधिकारियों व कार्मिकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बच्चों से बातचीत कर उनकी जरूरतों को पूरा करें अधिकारी
विभाग के सलाहकार नीरज मिश्र ने बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा गृहों के निरंतर निरीक्षण के निर्देश निदेशालय और मंडलों के समस्त अधिकारियों को दिए गए हैं. निरीक्षण के दौरान व्यक्तिगत तौर पर बच्चों से बात करना व उनकी जरूरतों की पूर्ति का निर्देश दिए जा रहे हैं. बच्चों की पारिवारिक पृष्ठभूमि की रिपोर्ट व व्यक्तिगत देखरेख योजना की समीक्षा के साथ-साथ विशेष देख-रेख व आवश्यकता वाले बच्चों की व्यक्तिगत देख-रेख योजना की समीक्षा की जा रही है.
शिविर लगाकर करवाएं टीकाकरण
निदेशक ने महिला कल्याण विभाग के सभी कर्मचरियों और 18 साल से अधिक की महिलाओं के टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की. जिन महिलाओं के टीका नहीं लगा है, उनके लिए शिविर लगाकर जल्दी से जल्दी टीकाकरण की व्यवस्था पर चर्चा की. बच्चों को क्वारनटाइन व आइसोलेट किये जाने की व्यवस्थाओं और स्थिति, संस्थाओं में मूलभूत आवश्यकताओं की सप्लाई और पूर्ति, बच्चों के मनोरंजन, व्यायाम, योग व वेंटिलेशन आदि की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई.
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इन बिंदुओं की भी हो रही है समीक्षा
स्टाफ और बच्चों द्वारा मास्क, सामाजिक दूरी व हाथ धोने सहित अन्य कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन, आवासित बच्चों को अपने परिवार से बातचीत के लिए रोस्टर की स्थिति, संसाधनों, डिजिटल माध्यमों की उपलब्धता, जैसे- वीडियो चैट या व्हाट्सएप आदि. बताया गया कि बच्चों के साथ समूह बैठक कर बातचीत करना और उनसे गृहों के संचालन के लिए सुझाव प्राप्त करना, गृहों के सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की समीक्षा करना और कोविड प्रभावित बच्चों व स्टाफ की चिकित्सा और देख-रेख की समीक्षा की जा रही है.