लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर पिछले कई दिनों से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. भले ही महिलाओं को कानून के बारे में पूरी जानकारी न हो, लेकिन इन महिलाओं में नागरिकता संशोधन कानून और भविष्य में एनआरसी के लागू होने का डर जरूर महसूस किया जा सकता है. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि भले ही हमें सीएए और एनआरसी को लेकर दुविधा है फिर भी सरकार हमारी दुविधाओं को, हमारे डर को क्यों दूर नहीं कर रही है? जब तक सरकार दोनों कानूनों पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर देती, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा.
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी लखनऊ की महिलाओं ने कमान संभाल रखी है. पिछले कई दिनों से महिलाएं घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही हैं. इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने कई महिलाओं पर एफआईआर भी दर्ज की है.
इससे पहले लखनऊ में हो चुका है हिंसक प्रदर्शन
राजधानी लखनऊ में यह पहली बार नहीं है कि जब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध दर्ज कराया जा रहा है. इससे पहले 19 दिसंबर 2019 को विरोध दर्ज कराने के लिए लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शनकारी जुटे थे. प्रदर्शन के दौरान ही कुछ उपद्रवियों ने हिंसा फैलाई, जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं. जवाबी कार्रवाई में वकील खान नाम के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई.
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200 से अधिक गिरफ्तारियां
प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जमकर हाहाकार मचाया और मीडिया की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस पर जमकर पत्थर बरसाए गए, जिसमें कई पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए. इसके बाद कार्रवाई करते हुए राजधानी लखनऊ पुलिस ने कई लोगों पर मुकदमे दर्ज किए, जिसके तहत 200 से अधिक गिरफ्तारियां की गईं.