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लखनऊ: CAA पर प्रदर्शनकारियों का सवाल, हमारी दुविधा को क्यों नहीं दूर कर रही सरकार

राजधानी लखनऊ में पिछले कई दिनों से महिलाएं सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएए और एनआरसी को लेकर दुविधा है फिर भी सरकार हमारी दुविधाओं को, हमारे डर को क्यों दूर नहीं कर रही है?

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पिछले कई दिनों से महिलाओं का घंटाघर पर प्रदर्शन जारी है.
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Published : Jan 21, 2020, 7:49 PM IST

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर पिछले कई दिनों से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. भले ही महिलाओं को कानून के बारे में पूरी जानकारी न हो, लेकिन इन महिलाओं में नागरिकता संशोधन कानून और भविष्य में एनआरसी के लागू होने का डर जरूर महसूस किया जा सकता है. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि भले ही हमें सीएए और एनआरसी को लेकर दुविधा है फिर भी सरकार हमारी दुविधाओं को, हमारे डर को क्यों दूर नहीं कर रही है? जब तक सरकार दोनों कानूनों पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर देती, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा.

पिछले कई दिनों से महिलाओं का घंटाघर पर प्रदर्शन जारी.

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी लखनऊ की महिलाओं ने कमान संभाल रखी है. पिछले कई दिनों से महिलाएं घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही हैं. इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने कई महिलाओं पर एफआईआर भी दर्ज की है.

इससे पहले लखनऊ में हो चुका है हिंसक प्रदर्शन
राजधानी लखनऊ में यह पहली बार नहीं है कि जब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध दर्ज कराया जा रहा है. इससे पहले 19 दिसंबर 2019 को विरोध दर्ज कराने के लिए लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शनकारी जुटे थे. प्रदर्शन के दौरान ही कुछ उपद्रवियों ने हिंसा फैलाई, जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं. जवाबी कार्रवाई में वकील खान नाम के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई.

ये भी पढ़ें- लखनऊ जनसभा में दिखे सीएम योगी के हमशक्ल, बोले- उन्हें अपना गुरू मानता हूं

200 से अधिक गिरफ्तारियां
प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जमकर हाहाकार मचाया और मीडिया की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस पर जमकर पत्थर बरसाए गए, जिसमें कई पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए. इसके बाद कार्रवाई करते हुए राजधानी लखनऊ पुलिस ने कई लोगों पर मुकदमे दर्ज किए, जिसके तहत 200 से अधिक गिरफ्तारियां की गईं.

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर पिछले कई दिनों से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. भले ही महिलाओं को कानून के बारे में पूरी जानकारी न हो, लेकिन इन महिलाओं में नागरिकता संशोधन कानून और भविष्य में एनआरसी के लागू होने का डर जरूर महसूस किया जा सकता है. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि भले ही हमें सीएए और एनआरसी को लेकर दुविधा है फिर भी सरकार हमारी दुविधाओं को, हमारे डर को क्यों दूर नहीं कर रही है? जब तक सरकार दोनों कानूनों पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर देती, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा.

पिछले कई दिनों से महिलाओं का घंटाघर पर प्रदर्शन जारी.

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी लखनऊ की महिलाओं ने कमान संभाल रखी है. पिछले कई दिनों से महिलाएं घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही हैं. इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने कई महिलाओं पर एफआईआर भी दर्ज की है.

इससे पहले लखनऊ में हो चुका है हिंसक प्रदर्शन
राजधानी लखनऊ में यह पहली बार नहीं है कि जब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध दर्ज कराया जा रहा है. इससे पहले 19 दिसंबर 2019 को विरोध दर्ज कराने के लिए लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शनकारी जुटे थे. प्रदर्शन के दौरान ही कुछ उपद्रवियों ने हिंसा फैलाई, जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं. जवाबी कार्रवाई में वकील खान नाम के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई.

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200 से अधिक गिरफ्तारियां
प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जमकर हाहाकार मचाया और मीडिया की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस पर जमकर पत्थर बरसाए गए, जिसमें कई पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए. इसके बाद कार्रवाई करते हुए राजधानी लखनऊ पुलिस ने कई लोगों पर मुकदमे दर्ज किए, जिसके तहत 200 से अधिक गिरफ्तारियां की गईं.

Intro:नोट- सर धूप में मेरे चश्मे का कलर ब्लैक हो गया है। चश्मा टेस्टेड वाला ही है, आप अपने अनुसार देख लीजिए

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लखनऊ। नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 व एनआरसी के विरोध में राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर पिछले कई दिनों से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। भले ही महिलाओं को नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 में हुए संशोधन व एनआरसी के नुकसान के बारे में पूरी जानकारी ना हो लेकिन इन महिलाओं में नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 व भविष्य में एनआरसी के लागू होने का डर जरूर महसूस किया जा सकता है। प्रदर्शन कर रही महिलाओं से ईटीवी भारत ने बातचीत की तो महिलाएं भले ही सीएए व एनआरसी के बारे में जानकारी न उपलब्ध करा पाई हो लेकिन ईटीवी से बातचीत में महिलाओं ने सरकार से एक सवाल किया है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। महिलाओं ने बातचीत में कहा कि भले हमें सीएए व एनआरसी को लेकर दुविधा हैं फिर भी सरकार हमारी दो विधाओं को व हमारे डर को क्यों दूर नहीं कर रही है? जब तक सरकार दोनों कानूनों पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर देते तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा।


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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी लखनऊ की महिलाओं ने कमान संभाल रखी है पिछले कई दिनों से महिलाएं घंटाघर पर बैठकर प्रदर्शन कर रही हैं इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने कई महिलाओं पर एफआइआर भी दर्ज की है।

इससे पहले लखनऊ में हो चुका है हिंसक प्रदर्शन

राजधानी लखनऊ में यह पहली बार नहीं है जब नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 व एनआरसी को लेकर विरोध दर्ज कराया जा रहा है इससे पहले राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर 2019 को विरोध दर्ज कराने के लिए लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शनकारी जुटे थे प्रदर्शन के दौरान ही कुछ उपद्रवियों ने हिंसा फैलाई जिसमें कई लोगों को गंभीर चोट आई जवाबी कार्यवाही में वकील खान नाम के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जमकर हाहाकार मचाया और मीडिया की 1 दर्जन से अधिक गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर जमकर पत्थर बरसाए गए जिसमें कई पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए, इसके बाद कार्यवाही करते हुए राजधानी लखनऊ पुलिस ने 1 दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज किए जिसके तहत 200 से अधिक गिरफ्तारियां की गई।




Conclusion:(संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 2526)
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